
हिंदी फिल्में असल में मनोरंजन का एक पैकेज हुआ करती हैं. उन में गाने, डांस, मारधाड़ आदि दृश्य होते हैं. फिल्मों को समाज का आईना भी कहा जाता है. इस वजह से हिंदी फिल्मों को इस बात को ध्यान में रखते हुए बनाया जाता है. इन में सब से अधिक धार्मिक फिल्में सब को अधिक पसंद आती हैं, क्योंकि धर्म हर व्यक्ति की भावनाओं से जुड़ा होता है और इस पर बनी फिल्में दर्शकों को अधिक आकर्षित करती हैं. बौलीवुड की ऐसी 5 सफल धार्मिक फिल्में हैं जिन्हें दर्शकों ने काफी पसंद किया. ऐसी फिल्मों पर कई बार सवाल भी उठाए जाते हैं. लेकिन फिल्ममेकर इस विषय पर फिल्में बनाने से नहीं चूकते.
पीके
अभिनेता आमिर खान और अभिनेत्री अनुष्का शर्मा की फिल्म 'पीके' भक्ति और आस्था के नाम पर चल रहे गोरखधंधे को ले कर बनाई गई है, जिस में धर्म को ले कर आडंबर और लूटपाट की घटनाओं के बीच दूर ग्रह से एक अंतरिक्ष यात्री आता है, जिस की भाषा का कोई आचरण नहीं और न ही उस के शरीर पर वस्त्रों का कोई आवरण है. वह सच्चे दिल का एक इंसान है, लेकिन उस बेनकाब करता है, जिसे दर्शकों ने काफी पसंद किया.
ओ माय गौड
बौलीवुड की एक लोकप्रिय धार्मिक फिल्म 'ओएमजी: ओह माय गौड' (2012) है. इस का निर्देशन उमेश शुक्ला ने किया है. यह एक भारतीय व्यंग्यपूर्ण कौमेडी ड्रामा फिल्म है, जो नास्तिकता और ईश्वर में विश्वास की अवधारणा पर आधारित है. फिल्म में अभिनेता अक्षय कुमार मुख्य भूमिका में है और यह एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जो भूकंप में अपनी दुकान नष्ट होने के बाद भगवान पर मुकदमा करता है. यह फिल्म 'कांजी विरुद्ध कांजी' नामक एक गुजराती नाटक का रूपांतरण है. यह फिल्म दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय रही. इस फिल्म को की बातचीत और सवालों से धरतीवासी चकित हो जाते हैं और मान बैठते हैं कि वह हमेशा पिए रहता है यानी पीके घूम रहा है.
Bu hikaye Sarita dergisinin March First 2025 sayısından alınmıştır.
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