भारत ने साउथ अफ्रीका को चौथे टी-20 में 135 रन के बड़े अंतर से हरा दिया। यह साउथ अफ्रीका की टी-20 में सबसे बड़ी हार है। जोहान्सबर्ग के वांडरर्स स्टेडियम में भारत ने बैटिंग चुनी। टीम से तिलक वर्मा और संजू सैमसन ने सेंचुरी लगाकर स्कोर 283 रन तक पहुंचा दिया। यह साउथ अफ्रीका के खिलाफ सबसे बड़ा टी-20 स्कोर भी है। बड़े टारगेट के सामने होम टीम 18.2 ओवर में 148 रन बनाकर ऑलआउट हो गई।
टीम से ट्रिस्टन स्टब्स ने 43, डेविड मिलर ने 36 और मार्को यानसन ने 29 रन बनाए। भारत से अर्शदीप सिंह ने 3 और वरुण चक्रवर्ती ने 2 विकेट लिए। चौथा टी-20 जीतकर भारत ने सीरीज भी 3-1 से अपने नाम कर ली। 283 रन के टारगेट के सामने साउथ अफ्रीका 18.2 ओवर में 148 रन ही बना सका। टीम ने 135 रन से चौथा टी-20 गंवाया। यह उनकी टी20 में सबसे बड़ी हार है। इससे पहले 2023 में टीम को ऑस्ट्रेलिया ने 111 रन से हराया था। भारत ने साउथ अफ्रीका को दूसरी बार 100 प्लस रन से हराया है। टीम ने पिछले साल भी जोहान्सबर्ग में ही 106 रन से मैच जीता था।
Bu hikaye Aaj Samaaj dergisinin November 17, 2024 sayısından alınmıştır.
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नेगेटिव किरदार नए प्रयोग करने की स्वतंत्रता देते हैं: रेवा कौरसे
टीवी शो दीवानियत में अलीशा का किरदार निभाने वाली अभिनेत्री रेवा कौरसे ने बताया कि नकारात्मक भूमिकाएं आपको प्रयोग करने की स्वतंत्रता देती हैं, जो आमतौर पर सकारात्मक किरदारों में नहीं होती।
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सत्युग दर्शन इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (एसडीआईईटी) ने आईसीटी एकेडमी के सहयोग से 7 जनवरी से 11 जनवरी तक इंटरनेट ऑफ थिंग्स (ढुशञ्ज) पर पांच दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (एफडीपी) का शुभारंभ किया।
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युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार के नेहरू युवा केंद्र फरीदाबाद द्वारा 5वें कश्मीरी यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत सतयुग दर्शन इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में वीरवार को सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
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'हिन्दी है हम वतन', फिर हिंदी राष्ट्रभाषा क्यों नहीं ?
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दिल्ली में स्कूल शिक्षा की कुव्यवस्था और बर्बादी के लिए केजरीवाल सरकार जिम्मेदार
केद्र सरकार से पर्याप्त धनराशि प्राप्त करने के बावजूद, आप प्रशासन ने शिक्षा पर आवांटित धन का आधा से भी कम खर्च किया है। वह लापरवाही दिल्ली के बच्चों और उनके भविष्य के साथ विश्वासघात है। दिल्ली के सरकारी स्कूलों की स्थिति इस उपेक्षा के बारे में बहुत कुछ कहती है। टूटा हुआ बुनियादी ढाँचा; भीड़भाड़वाली कक्षाएँ और शिक्षकों की भयावह कमी एक भयावह तस्वीर पेश करती है। जबकि आप सरकार कुछ विश्व स्तरीय स्कूल बनाने का दावा करती है