विपक्ष के भारी हंगामे, कड़ी आपत्तियों और मतविभाजन के बाद एक देश-एक चुनाव विधेयक मंगलवार को लोकसभा में स्वीकार कर लिया गया। विपक्ष की मांग पर कराए मतविभाजन में पक्ष में 269, जबकि विरोध में 198 मत पड़े। कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने इसे व्यापक विचार-विमर्श के लिए संसद की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजने का प्रस्ताव दिया।
लोकसभा व सभी विधानसभाओं के चुनाव एकसाथ कराने के प्रावधान वाले संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024 और उससे जुड़े संघ राज्य क्षेत्र विधि (संशोधन) विधेयक, 2024 को कानून मंत्री मेघवाल ने लोकसभा में पेश किया। इससे पहले हुई संक्षिप्त चर्चा में विपक्ष ने इसे असांविधानिक करार दिया, जबकि सरकार ने बारबार चुनावों से विकास कार्य प्रभावित होने का हवाला देते हुए चुनाव सुधार और देशहित के लिए जरूरी बताया। कांग्रेस के मनीष तिवारी ने संविधान के और संघीय ढांचे को खत्म करने की साजिश करार देते हुए इसे वापस लेने की मांग की। तिवारी ने कहा, यह संविधान के बुनियादी पहलू से जुड़ा है, इसलिए इसमें संशोधन सदन के अधिकार क्षेत्र से बाहर का मामला है। भारत राज्यों का संघ है और ऐसे में इन विधेयकों के जरिये केंद्रीकरण का प्रयास संविधान विरोधी है।
Bu hikaye Amar Ujala dergisinin December 18, 2024 sayısından alınmıştır.
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कांग्रेस ने संविधान से किया छल परिवार की जागीर माना: शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर संविधान से छल करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उसके नेताओं ने पार्टी की तरह इसे भी एक परिवार की जागीर मान लिया।
एनटीए अब सिर्फ उच्च शिक्षा प्रवेश परीक्षाएं ही कराएगी
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) अब सिर्फ उच्च शिक्षा प्रवेश परीक्षाएं ही आयोजित करेगी। वर्ष 2025 से यह कोई भी भर्ती परीक्षा नहीं कराएगी। साथ ही, यह भी स्पष्ट किया कि संयुक्त विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी)-यूजी का आयोजन साल में एक बार ही होगा।
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