रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा समूह, भारती एयरटेल और आदित्य बिड़ला जैसे प्रमुख भारतीय औद्योगिक समूहों ने रुपये के मूल्य में आ रही गिरावट के बावजूद अमेरिकी डॉलर से जुड़ी कमाई अपनी लागत की हेजिंग करने में कामयाबी पाई है ताकि उन्हें वित्तीय कवर मिले। मंगलवार को रुपये ने डॉलर के मुकाबले 80 रुपये के स्तर को पार कर लिया।
अधिकांश शीर्ष कंपनियों ने जनवरी के बाद से डॉलर के मुकाबले रुपये के मूल्य में 7 प्रतिशत की गिरावट को देखते हुए कवर को आगे बढ़ाया है। बजाज समूह के पूर्व वित्त निदेशक प्रबल बनर्जी ने कहा, 'सतर्कता भरे कदम उठाने वाली सभी कंपनियों ने डॉलर के मुकाबले रुपये के कमजोर होने पर अग्रिम कवर लिया है।' आदित्य बिड़ला समूह अपनी 60 अरब डॉलर की वार्षिक कमाई का आधा हिस्सा विदेशों से कमाता है । समूह की कंपनियों में सीमेंट निर्माता कंपनी अल्ट्राटेक के कुल कर्ज का एक चौथाई हिस्सा अमेरिकी डॉलर में है और इसने पूरी राशि पर कवर को आगे बढ़ाया है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने इस साल मार्च में खत्म हुए वित्त वर्ष में निर्यात के माध्यम से 2.54 लाख करोड़ रुपये की कमाई की और इसकी कुल कमाई 4.66 लाख करोड़ रुपये रही। रिलायंस की अधिकांश विदेशी मुद्रा उधारी (कुल ऋण का 40-45 प्रतिशत) तेल से लेकर रसायन से जुड़े कारोबारों के लिए हैं जिसमें स्वाभाविक रूप से हेजिंग का अच्छा रुझान होता क्योंकि इनकी कमाई और लागत अमेरिकी डॉलर में अंकित होती है।
Bu hikaye Business Standard - Hindi dergisinin July 20, 2022 sayısından alınmıştır.
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