राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज कहा कि इस बार का बजट ऐतिहासिक होगा। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के तीसरे कार्यकाल में यह पहला बजट होगा और इसमें आर्थिक तथा सामाजिक मोर्चे पर बड़े फैसले लिए जाएंगे। लोक सभा और राज्य सभा की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए मुर्मू ने कहा कि सरकार सुधारों की प्रक्रिया को और तेज करेगी। बजट इस सरकार की नीतियों और भविष्य के दृष्टिकोण के लिहाज से बहुत ही प्रभावी दस्तावेज होगा।
राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में कहा कि विश्व भर के निवेशकों को आकर्षित करने के लिए केंद्र सरकार राज्यों के बीच स्वस्थ होड़ शुरू होने की उम्मीद करती है। सरकार को भरोसा है कि देश का विकास तभी होगा जब राज्यों के विकास को गति मिलेगी।
मुर्मू के. 51 मिनट के भाषण में सुधारों का जिक्र 16 बार आया। इससे पहले 19 जून 2019 को नई सरकार बनने के बाद पहले अभिभाषण में तत्कालीन राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने चार बार सुधार शब्द बोला था। उनसे पहले नई सरकार के सत्ता में आने के बाद 9 जून 2014 को संसद को संबोधित करते हुए तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी अपने अभिभाषण में चार बार सुधारों की बात कही थी। उस साल नरेंद्र मोदी पहली बार प्रधानमंत्री बने थे। संविधान के अनुच्छेद 87 के अनुसार आम चुनाव के बाद केंद्र में नई सरकार बनने पर पहला सत्र शुरू होने से पहले दोनों सदनों में राष्ट्रपति का संबोधन होता है। राष्ट्रपति का अभिभाषण सरकार की नीतियों का दस्तावेज होता है और इसे सरकार ही लिखती है।
अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति मुर्मू विवादित मुद्दों पर भी खुल कर बोलीं। हाल ही में कुछ परीक्षाओं के पर्चे लीक में होने की बात पर मुर्मू ने कहा कि इन मामलों में सरकार निष्पक्ष जांच कराएगी और दोषियों को कड़ी सजा मिलेगी। इससे पहले भी हमने विभिन्न राज्यों में पेपर लीक के मामले सुने हैं। यह बहुत जरूरी है कि ऐसे मामलों से निपटने के लिए हम दलगत राजनीति से ऊपर उठें और राष्ट्रीय स्तर पर ठोस उपाय करें।
Bu hikaye Business Standard - Hindi dergisinin June 28, 2024 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Giriş Yap
Bu hikaye Business Standard - Hindi dergisinin June 28, 2024 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Giriş Yap
महाराष्ट्र में नई सरकार के लिए और बढ़ा इंतजार
चुनाव परिणाम आने के एक सप्ताह बाद भी महाराष्ट्र में सरकार का गठन नहीं हो पाया है। महायुति गठबंधन में शामिल दलों के बीच मुख्यमंत्री पद और विभाग बंटवारे को लेकर उसी दिन से रस्साकशी चल रही है और कई दौर की वार्ताओं के बावजूद मामला हल नहीं हुआ है।
संभल मस्जिद में सर्वेक्षण पर रोक
'उच्च न्यायालय का रुख स्पष्ट होने तक कार्यवाही न बढ़े'
यूपीआई खाते में रखें कम पैसा, घटेगा जालसाजी का अंदेशा
नकद के बगैर खरीदारी और भुगतान की सुविधा देने वाले यूनाइटेड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) ने आम लोगों की जिंदगी जितनी सरल की है, धोखाधड़ी की गुंजाइश भी उतनी ही बढ़ गई है। वित्त मंत्रालय से मिले आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में यानी सितंबर तक धोखाधड़ी की 6.32 लाख घटनाएं दर्ज की गई थीं, जिनमें लोगों को 485 करोड़ रुपये का चूना लग गया था।
जैव विविधता संकट पर आंख खोलने की जरूरत
भारत ने हाल ही में कोलंबिया के कैली में जैव विविधता से जुड़े अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन (सीबीडी) के 16वें कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (कॉप-16) में भाग लिया है।
यूपीआई धोखाधड़ी का मुकाबला
बीते कुछ वर्षों में डिजिटल भुगतान लेनदेन में उल्लेखनीय इजाफा देखने को मिला है। बहरहाल, देश के डिजिटल भुगतान परिदृश्य में इस असाधारण वृद्धि के साथ ही धोखाधड़ी के मामलों में भी इजाफा हुआ है।
ट्रंप का दूसरा कार्यकाल आसियान की दुविधा
अमेरिकी व्यापार नीति आसियान अर्थव्यवस्थाओं को चीन के साथ गहन रिश्ते बनाने की ओर धकेल सकती है। दोनों के बीच की मुश्किलों के बीच भी यह संभव है। बता रही हैं अमिता बत्रा
हिंदुजा लीलैंड फाइनैंस की नजर डॉलर बॉन्ड पर
हिंदुजा लीलैंड फाइनैंस की नजर इस वित्त वर्ष के अंत में डॉलर बॉन्ड जारी करके 30 से 50 करोड़ डॉलर जुटाने पर है।
जीएसटी दरें बढ़ाकर राजस्व बढ़ाएं
पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने शुक्रवार को सुझाव दिया कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद को कर की दरें बढ़ाने पर गंभीरता से सोचना चाहिए। उन्होंने तर्क दिया कि इससे न केवल कर राजस्व बेहतर होगा बल्कि मुआवजा उपकर की एक बार समाप्ति होने की स्थिति में नया शुल्क लगाने की आवश्यकता भी खत्म हो जाएगी।
देश के बुनियादी उद्योगों का उत्पादन 3.1 फीसदी बढा
देश के आठ प्रमुख बुनियादी उद्योगों की उत्पादन वृद्धि अक्टूबर में सालाना आधार पर सुधर कर 3.1 प्रतिशत हो गई। सितंबर में यह आंकड़ा सुधरकर 2.4 प्रतिशत हुआ था।
दूसरी तिमाही में कृषि जीवीए हुआ बेहतर
अच्छे मॉनसून का असर ■ विशेषज्ञों की राय के मुताबिक इसने आने वाली तिमाहियों के बेहतर प्रदर्शन की नींव रखी