आर्थिक समीक्षा में महंगाई को लक्षित करने के ढांचे की पुनर्समीक्षा की बात उठाई गई है। आर्थिक समीक्षा में कहा गया कि जब खाद्य उत्पादों की महंगाई बढ़ती है तो महंगाई के लक्ष्य पर खतरा मंडराने लगता है। ऐसे में केंद्रीय बैंक सरकार से खाद्य उत्पादों के बढ़े हुए दामों को कम करने के लिए अपील करता है। इसकी वजह से किसान बढ़े हुए दामों पर अपनी फसल बेचने के लाभ से वंचित हो जाते हैं। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित समग्र महंगाई की व्यवस्था को अपनाने का कारण यह है कि आरबीआई के लिए आम लोगों को इसे समझाना आसान था।
केंद्रीय बैंक पर नजर रखने वाले एक जानकार ने कहा, 'खाद्य मूल्य सबसे ज्यादा महत्त्वपूर्ण हैं। प्याज के महंगे दामों के कारण एक बार सरकार गिर चुकी है।'
Bu hikaye Business Standard - Hindi dergisinin July 27, 2024 sayısından alınmıştır.
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'बांग्लादेशियों, रोहिंग्याओं की घुसपैठ झारखंड के लिए खतरा'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को झारखंड में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व वाले गठबंधन पर वोट बैंक की राजनीति के लिए बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं की घुसपैठ को संरक्षण देने का आरोप लगाया। मोदी ने कहा कि पड़ोसी देश से आने वाले घुसपैठिए झारखंड के लिए बड़ा खतरा हैं, क्योंकि उनकी वजह से राज्य के संथाल परगना और कोल्हान क्षेत्रों की जनसांख्यिकी बदल रही है।
2 दिन बाद दूंगा इस्तीफा: केजरीवाल
केजरीवाल के इस्तीफा देने की घोषणा को भाजपा ने बताया 'पीआर हथकंडा', विपक्षी दलों ने सराहा
आप युवा हैं और जोखिम ले सकते हैं तो अपनाएं एनपीएस
यूपीएस बनाम एनपीएस
सोशल मीडिया पर बिखरने लगी कन्नौज के इत्र की महक
कोविड महामारी ने ज्यादातर कारोबारों को बुरी तरह हिला दिया मगर कन्नौज के मशहूर इत्र उद्योग के लिए यह आपदा में वरदान की तरह साबित हुआ। यहां इत्र का कारोबार महामारी और लॉकडाउन से प्रभावित तो हुआ मगर उस दौरान नौकरियां जाने या घर के करीब रहने की हूक के कारण कन्नौज लौटे नौजवानों ने ईकॉमर्स और दूसरी तकनीकों का सहारा लेकर इस कारोबार को नया विस्तार दिया है।
पीतल नगरी से पीतल ही छूमंतर
लागत ज्यादा और मार्जिन कम होने के कारण मुरादाबाद के उद्यमी पीतल के बजाय लोहे, स्टील और एल्युमीनियम के उत्पाद बनाने पर दे रहे जोर
बैकिंग प्रणाली में नकदी गिरेगी
इस सप्ताह अग्रिम कर और जीएसटी भुगतान होना है
एनबीएफसी दें कर्ज का ब्योरा
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चुनिंदा गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) से भाने चुनिंदा उनके कर्ज के बारे में जानकारी मांगी है। यह जानकारी बकाया कर्ज के प्रकार और उन पर लगने वाले सालाना ब्याज से जुड़ी है। जिन सालाना ब्याज दरों का जिक्र इसमें किया गया है उसमें ये दरें 10 प्रतिशत से कम, 10-20 प्रतिशत, 20-30 प्रतिशत, 30-40 प्रतिशत, 40-50 प्रतिशत और 50 प्रतिशत से अधिक हो सकती हैं। बिज़नेस स्टैंडर्ड ने इस बाबत एनबीएफसी को लिखे गए आरबीआई के पत्र की प्रति देखी है।
मजाक नहीं, खाने की वस्तुओं पर जीएसटी की अलग-अलग दरें गंभीर मुद्दा
तमिलनाडु के एक नामचीन रेस्टोरेंट के प्रबंध निदेशक ने कोयंबत्तूर में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से माफी मांगकर राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया है। यदि हम इस मामले के राजनीतिक घटनाक्रम को एक तरफ रख दें तो भी इस घटना ने विभिन्न उत्पादों विशेष तौर पर खाद्य उत्पादों पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों को लेकर अस्पष्टता को एक बार फिर से उजागर किया है।
यूनाइटेड स्पिरिट्स की दो अंकों में वृद्धि
2024-25 की पहली तिमाही में उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन, मजबूती से प्रीमियम उत्पादों का रुख, कर्नाटक में उत्पाद शुल्क में कटौती से देश की सबसे बड़ी शराब निर्माता कंपनी यूनाइटेड स्पिरिट्स को मिला सहारा
नियामकीय, आपूर्ति मसलों का मेडटेक क्षेत्र की वृद्धि पर असर
भारत के 10 अरब डॉलर के मेडटेक (चिकित्सा तकनीक) बाजार और देश में वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनने की क्षमता के बावजूद इस क्षेत्र में कारोबारों को बढ़ाना चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। विशेषज्ञ इसके लिए कम विकसित आपूर्ति श्रृंखला, नियामकीय एक जटिलताओं और कौशल की कमी जैसी बाधाओं को वजह मानते हैं।