ग्रेटर नोएडा में आयोजित कार्यक्रम सेमीकॉन इंडिया के दौरान उन्होंने कहा, ‘जब हालात ठीक न हों तो आप भारत पर दांव लगा सकते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘यह भारत में मौजूद होने का सही समय है। आप सही समय पर सही जगह मौजूद हैं।’
उन्होंने कहा, ‘आज भारत का इलेक्ट्रॉनिकी क्षेत्र 150 अरब डॉलर से अधिक का है और हमारा लक्ष्य इससे बड़ा है। इस दशक के अंत तक हम अपने इलेक्ट्रॉनिकी क्षेत्र को 500 अरब डॉलर से अधिक पर पहुंचाना चाहते हैं। इससे युवाओं के लिए 60 लाख रोजगार के अवसरों का सृजन हो सकता है।’
Bu hikaye Business Standard - Hindi dergisinin September 12, 2024 sayısından alınmıştır.
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फ्रंट-रनिंग: केतन पारेख की भूमिका?
फ्रंट-रनिंग एक धोखाधड़ी वाली प्रणाली है, जिसमें कारोबारी निजी लाभ के लिए बड़े ग्राहकों के ऑर्डरों की अग्रिम जानकारी का इस्तेमाल करते हैं, जैसा कि केतन पारेख के मामले में देखा गया
व्यय बढ़ाने को राज्यों को ज्यादा पैसा दे रही सरकार
केंद्र सरकार पूरे वित्त वर्ष के लिए तय किए गए पूंजीगत खर्च के लक्ष्य हासिल करने के लिए राज्यों को धन दे रही है
मिनिमलिस्ट को खरीदेगी एचयूएल
स्किनकेयर ब्रांड मिनिमलिस्ट को 3,000 करोड़ रुपये में खरीदने की तैयारी
मोदी ने दिल्ली के लिए खोला दिल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को दिल्ली के अशोक विहार स्थित स्वाभिमान अपार्टमेंट में इन-सीटू स्लम पुनर्वास परियोजना के अंतर्गत झुग्गी झोपड़ी (जेजे) समूहों के निवासियों को 1,675 नवनिर्मित फ्लैटों की चाबियां सौंपीं और इन्हें आत्मसम्मान, गरिमा और नई आकांक्षाओं व सपनों का प्रतीक बताया।
कोहरे से 500 उड़ानें, 24 ट्रेनें प्रभावित
कोहरा और धुंध एक बार फिर परेशान करने लगी है। राजधानी दिल्ली में घने कोहरे के कारण शुक्रवार को आईजीआई एयरपोर्ट पर आने और जाने वाली लगभग 500 उड़ानों में देर हुई जबकि 24 रेलगाड़ियां भी अपने गंतव्य पर देर से पहुंची।
कुशल पेशेवर दोनों देशों के लिए मददगार
अमेरिका में एच1बी वीजा पर छिड़ी बहस पर विदेश मंत्रालय ने दिया जवाब
आगामी बजट में रक्षा क्षेत्र पर हो विशेष ध्यान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पास इस बार पहले जैसा या एक ही लीक पर चलने वाला बजट पेश करने का विकल्प नहीं है। वृद्धि, रोजगार, बुनियादी ढांचे और राजकोषीय संतुलन पर जोर तो हमेशा ही बना रहेगा मगर 2025-26 के बजट में उस पर ध्यान देने की जरूरत है, जिसे बहुत पहले तवज्जो मिल जानी चाहिए थीः बाह्य और आंतरिक सुरक्षा।
महिला मतदाताओं की बढ़ती अहमियत
पहली नजर में तो यह चुनाव जीतने का नया और शानदार सियासी नुस्खा नजर आता है। महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए नकद बांटो, परिवहन मुफ्त कर दो और सार्वजनिक स्थानों तथा परिवारों के भीतर सुरक्षा पक्की कर दो। बस, वोटों की झड़ी लग जाएगी। यहां बुनियादी सोच यह है कि महिला मतदाता अब परिवार के पुरुषों के कहने पर वोट नहीं देतीं। अब वे अपनी समझ से काम करती हैं और रोजगार, आर्थिक आजादी, परिवार के कल्याण तथा अपने अरमानों को ध्यान में रखकर ही वोट देती हैं।
श्रम मंत्रालय तैयार कर रहा है रूपरेखा
गिग वर्कर की सामाजिक सुरक्षा
भारत के गांवों में गरीबी घटी
वित्त वर्ष 2024 में पहली बार गरीबी अनुपात 5 प्रतिशत से नीचे गिरकर 4.86 प्रतिशत पर आ गया, जो वित्त वर्ष 2023 में 7.2 प्रतिशत था