भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने हाल में सार्वजनिक तौर पर सीना चौड़ा कर पिछले कुछ वर्षों में मुद्रा विनिमय दरों में स्थिरता का जिक्र किया। क्या यह वाकई ऐसी उपलब्धि है जिस पर आरबीआई इतरा सकता है? कंप्यूटर क्रांति की भाषा में पूछें तो यह खूबी है या खामी? आइए, पहले तथ्यों पर विचार करते हैं।
सबसे ऊपर दर्शाएं गए ग्राफ (रुपया-डॉलर की चाल) में एक सपाट जगह दिखती है जहां अमेरिकी डॉलर और रुपये की विनिमय दर जाकर लगभग ठहर जाती है यानी इसमें हलचल कम हो जाती है। सबसे नीचे दर्शाएं ग्राफ में दीर्घकालिक ऐतिहासिक दृष्टिकोण दर्शाया गया है। आखिरी बार 2006 में यह सपाट जगह देखी गई थी। एक लंबी अवधि तक विनिमय दर सरकारी नियंत्रण में रखने के बाद भारत ने मुक्त बाजार अर्थव्यवस्था बनने की तरफ बड़ा कदम उठाया। अब एक बार फिर अर्थव्यवस्था में एक महत्त्वपूर्ण मूल्य अप्रत्यक्ष रूप से सरकारी नियंत्रण की जद में आ गया है।
वर्ष 1994-2044 के बीच की अवधि के नीति निर्धारकों ने सरकार नियंत्रित दर से बाजार निर्धारित दर की तरफ कदम क्यों बढ़ाया जो हरेक दिन बदलती रहती है? इसका पहला पहलू बाजार अर्थव्यवस्था का महज बुनियादी तर्क है। बाजार में प्रत्येक दिन आपूर्ति एवं मांग के बीच खेल चलता रहता है जिससे मूल्य निर्धारण होता रहता है। मुल्य नीतिगत निर्णयों के केंद्र में नहीं होता है। इसे समझने के लिए एक उदाहरण पर विचार करते हैं। थोड़ी देर के लिए मान लेते हैं कि बाजार में कुछ कारणवश पेंसिल की कीमत बढ़ जाती है।
Bu hikaye Business Standard - Hindi dergisinin October 24, 2024 sayısından alınmıştır.
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'तत्काल सुनवाई के लिए मौखिक उल्लेख नहीं, ईमेल या पत्र भेजा जाए'
प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना ने मंगलवार को कहा कि मामलों को तत्काल सूचीबद्ध करने और उन पर सुनवाई के लिए मौखिक उल्लेख करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
झारखंड: कई दिग्गजों की किस्मत दांव पर
कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान आज, राज्य की सीमाओं पर चौकसी बढ़ी, वायनाड लोक सभा क्षेत्र में भी पड़ेंगे वोट
सरकारी बैंकों ने दर्ज की 11% की मजबूत वृद्धि
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'जेनको को सूचीबद्ध करें राज्य
देश के बिजली क्षेत्र में इस दशक में करीब 22 लाख करोड़ रुपये निवेश की जरूरत का हवाला देते हुए केंद्रीय बिजली मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राज्यों से अपनी लाभ वाली इकाइयों को शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराने का अनुरोध किया है।
विल्सन ऐंड ह्यूज ने कॉक्स ऐंड किंग्स की परिसंपत्ति, ब्रांड का किया अधिग्रहण
सौदे की रकम का नहीं किया गया खुलासा
बाजार भागीदारी बढ़ाने पर रहेगा ब्रिटानिया का जोर
सितंबर तिमाही में लाभ पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 9.6 प्रतिशत घटकर 531.5 करोड़ रुपये रह गया
50% तक घटेगी आयात निर्भरता
प्रमुख फार्मा सामग्री के विनिर्माण में देश बनेगा आत्मनिर्भर
गिरावट के बाद इंडसइंड कितना आकर्षक?
नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) और बीएसई ने मंगलवार को निवेशकों के डीमैट खाते में प्रतिभूतियों को सीधे क्रेडिट करने की योजना वापस लेने की घोषणा की। इसे 11 नवंबर से प्रभावी हुई थी। एक्सचेंजों ने सूचित किया कि कुछ मामलों में उन्हें थोड़े विलंब का सामना करना पड़ा और इस वजह से सीधे क्रेडिट की सुविधा टालनी पड़ी।
स्थिर सरकार नहीं दे सकता एमवीए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को महाराष्ट्र में विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) को \"अस्थिर गाड़ी\" करार देते हुए कहा यह कभी स्थिर सरकार नहीं दे सकती।
5 महीने के निचले स्तर के करीब निफ्टी
आय के मोर्चे पर निराशा, विदेशी निवेश निकासी का असर शेयर बाजारों पर बरकरार रहा