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पहले कानूनों में एक अनुच्छेद होता था, जो बताता था कि वे कार्यपालिका द्वारा तय अमुक तारीख को प्रभाव में आएंगे। किंतु हाल के कुछ कानूनों में इस अनुच्छेद के साथ एक शर्त है, जिसके अनुसार एक ही कानून के विभिन्न प्रावधान अलग-अलग तारीखों पर लागू होंगे। यह लचीलापन कार्यपालिका को जरूरी व्यवस्था तैयार होने के बाद ही कानूनों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का मौका देता है, लेकिन इससे क्रियान्वयन को अनिश्चितकाल तक टालने का बहाना भी मिल जाता है। विलंब तब भी होता है, जब इसके क्रियान्वयन पर न तो राजनीतिक विरोध हो रहा होता है और न ही जनता विरोध कर रही होती है। यह स्थिति विधायिका की मंशा और कार्यपालिका की कार्रवाई के बीच तालमेल की कमी दर्शाती है, जिसके कारण तयशुदा लक्ष्य प्राप्त नहीं हो पाता है।
ऋण शोधन अक्षमता एवं दिवालिया संहिता, 2016 इसका सटीक उदाहरण है, जो कंपनियों, प्रोपराइटरशिप और पार्टनरशिप वाली फर्मों तथा लोगों के कर्ज समाधान के लिए प्रभाव में आई थी। एक मोटे अनुमान के अनुसार भारत में 17 लाख कंपनियां, 17 करोड़ प्रोपराइटरशिप एवं पार्टनरशिप (10 करोड़ कृषि और 7 करोड़ गैर-कृषि) और 140 करोड़ लोग हैं। हालांकि आईबीसी फिलहाल कॉरपोरेट इकाइयों के लिए ही काम कर रहा है, चूंकि मात्र 0.1 प्रतिशत संभावित लाभार्थी ही फिलहाल इसकी जद में हैं। संहिता के क्रियान्वयन के लगभग एक दशक बाद भी प्रोपराइटरशिप, पार्टनरशिप और व्यक्ति इस संहिता का लाभ उठाने से वंचित हैं, जबकि कर्ज लेने वालों में 99.99 प्रतिशत ये ही हैं। कार्यपालिका ने संहिता जरूरत मंद लोगों में कुछ मुट्ठी भर लोगों के लिए ही सीमित रखी है। इससे उद्यमशीलता को बढ़ावा देने का एक बड़ा लाभ खत्म हो गया है।
Bu hikaye Business Standard - Hindi dergisinin October 31, 2024 sayısından alınmıştır.
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अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान टैरिफ में तेजी से इजाफा करके व्यापार नीति को नया आकार देने का अपना इरादा छिपाया नहीं था।
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जर्मनी की वाहन विनिर्माता ऑडी इंडिया ने अपनी आपूर्ति श्रृंखला से जुड़े व्यवधानों का सफलतापूर्वक समाधान कर लिया है, जिस कारण पिछले साल वाहन उद्योग पर असर पड़ा था।
!['अर्थव्यवस्था दे रही निवेश पर अच्छा रिटर्न' 'अर्थव्यवस्था दे रही निवेश पर अच्छा रिटर्न'](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/19015/1997735/fPKT2Elcs1739851614166/1739851762461.jpg)
'अर्थव्यवस्था दे रही निवेश पर अच्छा रिटर्न'
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) बिकवाली पर चिंता को दूर द्वारा करते हुए सोमवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था निवेशकों को अच्छा रिटर्न दे रही है। यही वजह है कि विदेशी निवेशक मुनाफा काटने के लिए शेयरों की बिकवाली कर रहे हैं।
छोटे सबसे ज्यादा पिटे, आगे और घटेंगे?
पिछले कुछ महीनों में स्मॉलकैप शेयरों पर भारी बिकवाली का दबाव है। इस कारण नैशनल स्टॉक एक्सचेंज पर निफ्टी स्मॉलकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 250 सूचकांक पिछले सप्ताह मंदी की गिरफ्त में चले गए। अपने-अपने सर्वोच्च स्तरों से 20 फीसदी से अधिक की गिरावट पर मंदी की चपेट में माना जाता है।
![शेयरों के थोक सौदे पर संकट शेयरों के थोक सौदे पर संकट](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/19015/1997735/515AUN9zDjW4eojGwsDsys/1739851605588.jpg)
शेयरों के थोक सौदे पर संकट
6 अरब डॉलर मूल्य के शेयरों की लॉक इन अवधि खत्म होने के बाद उनकी बिकवाली होगी कठिन
![उद्योग जगत में श्रमिकों की कमी का दर्द उद्योग जगत में श्रमिकों की कमी का दर्द](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/19015/1997735/VbPla8QvJVGTONQAh8ssys/1739852918001.jpg)
उद्योग जगत में श्रमिकों की कमी का दर्द
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार को ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना शुरू किए अभी एक साल ही हुआ था कि चीनी उद्योग से जुड़े एक बड़े उद्योगपति बजट पेश होने के बाद टेलीविजन पर एक कार्यक्रम में अनोखी शिकायत करते नजर आए। उन्होंने कहा कि नरेगा यानी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (इसका शुरुआती नाम यही था मगर 2009 में इसके आगे 'महात्मा गांधी' जुड़ गया और नाम मनरेगा हो गया) की वजह से उन्हें उस साल गन्ने की कटाई के लिए मजदूर ही नहीं मिल रहे हैं। पंजाब से खबरें आईं कि वहां के किसानों को भी खरीफ की कटाई के दौरान ऐसे ही संकट का सामना करना पड़ा।