चीन ने अपनी अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने के लिए कुछ समय पहले भारी भरकम मौद्रिक एवं राजकोषीय प्रोत्साहनों की घोषणा की। वर्ष 2024 में 5 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि का उसका लक्ष्य खतरे में दिख रहा था क्योंकि उसकी अर्थव्यवस्था सुस्त हो गई थी और 2014 की दूसरी तिमाही में उसके सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 4.7 प्रतिशत रह गई थी, जो पहली तिमाही में 5.3 प्रतिशत थी। तीसरी तिमाही के आंकड़े राहत पैकेज की घोषणा के बाद आए और उसमें वृद्धि दर 4.6 प्रतिशत ही रही।
कोविड महामारी के बाद चीन की अर्थव्यवस्था को कठिनाइयों से गुजरना पड़ा है मगर इसमें सुस्ती उससे पहले ही दिखने लगी थी। चीन में आर्थिक वृद्धि दर 2019 में कम होकर मात्र 6 प्रतिशत रह गई, जो 2010 में 10.6 प्रतिशत रही थी। कोविड में सख्त लॉकडाउन (जीरो कोविड पॉलिसी) से संकट और गहरा गया। हालांकि मौद्रिक एवं राजकोषीय उपायों से चीन की वृद्धि दर को निकट भविष्य में ताकत मिल सकती है मगर उसके सामने तीन विकराल और बुनियादी समस्याएं हैं।
पहली, चीन में हमेशा निवेश के बल पर वृद्धि के मॉडल को तरजीह दी गई है। इसके उलट भारत और तेजी से उभरती कई अन्य बाजार अर्थव्यवस्थाओं में कुल मांग खपत पर आधारित रही है। चीन में निवेश (जीडीपी के प्रतिशत के रूप में सकल नियत पूंजी सृजन) 2002 के बाद खासा बढ़ा है और 2002 से 2008 के बीच इसकी औसत दर 38.3 प्रतिशत रही है। इससे पहले के 22 वर्षों (1980 से 2001) के दरम्यान वहां निवेश 30.4 प्रतिशत औसत दर से बढ़ा था। 2008 में वैश्विक वित्तीय संकट के बाद निवेश में और तेजी आ गई तथा 2009 से 2022 तक यह औसतन 43 प्रतिशत दर से बढ़ा। किंतु 2013 में 44.5 प्रतिशत की रिकॉर्ड ऊंचाई तक पहुंची निवेश दर 2022 में कम होकर 41.9 प्रतिशत रह गई। तब भी यह तेजी से उभरते कई बाजारों के मुकाबले अधिक थी। चीन में आयात के मुकाबले निर्यात हमेशा बहुत ज्यादा रहा है।
Bu hikaye Business Standard - Hindi dergisinin October 31, 2024 sayısından alınmıştır.
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एनबीएफसी का नियामकों से करीबी समन्वय जरूरी
भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एम. राजेश्वर राव ने कहा कि वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) का वित्तीय नियामकों के साथ करीबी समन्वय स्थापित किए जाने की जरूरत है।
सी-पेस के तहत कंपनियों की निकासी में आई तेजी, लग रहे 70 से 90 दिन
चालू वित्त वर्ष में इस साल 15 नवंबर तक सेंटर फॉर प्रोसेसिंग एक्सीलेरेटेड कॉरपोरेट एक्जिट (सी-पेस) के तहत कुल 11,855 कंपनियों को हटा दिया गया है।
इक्विटी के जरिये रकम जुटाएंगे बैंक
चालू वित्त वर्ष के लिए सरकारी बैंकों को इक्विटी पूंजी जुटाने की मिली मंजूरी
प्रतिभाओं को आकर्षित करने में कर्नाटक अव्वल
भारत के सिर्फ नौ राज्य ही नेट टैलेंट पॉजिटिव यानी प्रतिभा के लिहाज से धनात्मक राज्य हैं और इनमें से कर्नाटक शीर्ष राज्य के तौर पर उभरा है जहां सबसे ज्यादा पॉजिटिव टैलेंट बेस है।
संसद के दोनों सदन दूसरे दिन भी बाधित
अदाणी मामले, मणिपुर समेत विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष का भारी हंगामा, जेपीसी जांच की मांग पर अड़ा
मुख्यमंत्री की दौड़ से पीछे हटे शिंदे
आखिरकार एकनाथ शिंदे मान गए। इसी के साथ महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया।
शहरों को तैयार करने की दूरदर्शी योजना बने
शहर सिर्फ इमारतों का एक समूह नहीं है। शहर वास्तव में सामाजिक व्यवस्थाओं, सेवाओं, इमारतों के साथ-साथ बुनियादी ढांचे का गतिशील नेटवर्क होता है।
वित्तीय बाजार में प्रतिफल की चौथाई सदी
भारत ने विगत 25 वर्षों में जहां बेहतरीन वास्तविक रिटर्न दिया है, वहीं उच्च मूल्यांकन के कारण इसका टिकाऊ बने रहना मुश्किल प्रतीत होता है। बता रहे हैं आकाश प्रकाश
अमेरिकी जांच पर खुलासा अनिवार्य नहीं
अदाणी समूह की कंपनियों ने अमेरिकी एजेंसियों की जांच से जुड़े खुलासे के संबंध में शेयर बाजारों की ओर से मांगे गए स्पष्टीकरण का जवाब दिया है।
अपतटीय खनन की आज पहली नीलामी
भारत और फ्रांस के बीच पांच क्षेत्रों में सहयोग की अपील