तकरीबन दो साल में अदाणी समूह ने तीन बार बड़ी अंतरराष्ट्रीय सुर्खियां बटोरी हैं: पहली बार उसके कर्ज को लेकर, दूसरी बार हिंडनबर्ग द्वारा बाजार से छेड़छाड़ और धोखाधड़ी के आरोपों को लेकर और अब अमेरिकी न्याय विभाग, फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन और सिक्युरिटीज ऐंड एक्सचेंज कमीशन द्वारा अभियोग लगाए जाने के बाद। इस बीच कुछ छोटे मोटे अवसर भी आए, मसलन सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जांच और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच के खिलाफ हितों के टकराव के मामले की जांच।
इन तमाम बातों ने देश के सबसे तेजी से बढ़ते कारोबारी समूह के लिए माहौल खराब कर दिया। परंतु न तो इसके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की आशंका उत्पन्न हुई और न ही उसके प्रमुख अधिकारियों को जेल भेजा गया। उसकी वैश्विक आकांक्षाओं को भी कोई खास क्षति नहीं पहुंची। परंतु ताजा घटनाक्रम के बाद ये तीनों हो सकते हैं।
अमेरिका ने गौतम अदाणी, उनके भतीजे सागर अदाणी और अन्य लोगों के खिलाफ वारंट जारी किया है। अदाणी ग्रीन एनर्जी ने अपना 60 करोड़ डॉलर (करीब 5,064 करोड़ रुपये) का अंतरराष्ट्रीय बॉन्ड इश्यू निरस्त कर दिया है और केन्या ने अदाणी समूह के साथ करीब 3 अरब डॉलर मूल्य के संयुक्त उपक्रम से हाथ खींच लिए हैं। यह अदाणी समूह के लिए एक बड़ा अवसर था और इस बात ने उसे ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड की विशाल कार्माइकल कोयला खदान के बाद के दूसरे सबसे बड़े वैश्विक उपक्रम से वंचित कर दिया है।
इससे पहले के झटकों से निपटने में समूह ने जबरदस्त मजबूती का प्रदर्शन किया। जाहिर है ‘व्यवस्था’ भी उसके साथ थी। हिंडनबर्ग के हमले के बाद समूह 20,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए फॉलोऑन सार्वजनिक पेशकश (एफपीओ) से पीछे हट गया। बाजार में उसके शेयर औंधे मुंह गिर गए। उस समय हमने माना था कि यह उभरते भारतीय पूंजीवाद का एक दौर है। यही वजह है कि हमने कहा था कि बाजार जीत गया और यह अदाणी पर था कि वह हारेंगे या नहीं।
Bu hikaye Business Standard - Hindi dergisinin November 25, 2024 sayısından alınmıştır.
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एनबीएफसी का नियामकों से करीबी समन्वय जरूरी
भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एम. राजेश्वर राव ने कहा कि वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) का वित्तीय नियामकों के साथ करीबी समन्वय स्थापित किए जाने की जरूरत है।
सी-पेस के तहत कंपनियों की निकासी में आई तेजी, लग रहे 70 से 90 दिन
चालू वित्त वर्ष में इस साल 15 नवंबर तक सेंटर फॉर प्रोसेसिंग एक्सीलेरेटेड कॉरपोरेट एक्जिट (सी-पेस) के तहत कुल 11,855 कंपनियों को हटा दिया गया है।
इक्विटी के जरिये रकम जुटाएंगे बैंक
चालू वित्त वर्ष के लिए सरकारी बैंकों को इक्विटी पूंजी जुटाने की मिली मंजूरी
प्रतिभाओं को आकर्षित करने में कर्नाटक अव्वल
भारत के सिर्फ नौ राज्य ही नेट टैलेंट पॉजिटिव यानी प्रतिभा के लिहाज से धनात्मक राज्य हैं और इनमें से कर्नाटक शीर्ष राज्य के तौर पर उभरा है जहां सबसे ज्यादा पॉजिटिव टैलेंट बेस है।
संसद के दोनों सदन दूसरे दिन भी बाधित
अदाणी मामले, मणिपुर समेत विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष का भारी हंगामा, जेपीसी जांच की मांग पर अड़ा
मुख्यमंत्री की दौड़ से पीछे हटे शिंदे
आखिरकार एकनाथ शिंदे मान गए। इसी के साथ महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया।
शहरों को तैयार करने की दूरदर्शी योजना बने
शहर सिर्फ इमारतों का एक समूह नहीं है। शहर वास्तव में सामाजिक व्यवस्थाओं, सेवाओं, इमारतों के साथ-साथ बुनियादी ढांचे का गतिशील नेटवर्क होता है।
वित्तीय बाजार में प्रतिफल की चौथाई सदी
भारत ने विगत 25 वर्षों में जहां बेहतरीन वास्तविक रिटर्न दिया है, वहीं उच्च मूल्यांकन के कारण इसका टिकाऊ बने रहना मुश्किल प्रतीत होता है। बता रहे हैं आकाश प्रकाश
अमेरिकी जांच पर खुलासा अनिवार्य नहीं
अदाणी समूह की कंपनियों ने अमेरिकी एजेंसियों की जांच से जुड़े खुलासे के संबंध में शेयर बाजारों की ओर से मांगे गए स्पष्टीकरण का जवाब दिया है।
अपतटीय खनन की आज पहली नीलामी
भारत और फ्रांस के बीच पांच क्षेत्रों में सहयोग की अपील