इसका मकसद अपने सभी नागरिकों को बेहतर और उच्च गुणवत्तापूर्ण जीवन जीने के अवसर उपलब्ध कराने के लिए आर्थिक संपन्नता हासिल करना है (यद्यपि कई मीडिया रिपोर्ट इस तथ्य को समझने में नाकाम रहीं और वे सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) एवं विश्व रैंकिंग में सुधार वाले उसी पुराने ढर्रे को विकसित भारत के पैमाने के तौर देखती रहीं)। यदि समग्र रूप में देखें तो अब चर्चा एक छोटे वर्ग की तरक्की के दम पर विश्व रैंकिंग में स्थान बनाने के बजाय सभी भारतीयों को कुशल एवं योग्य बनाकर उनकी प्रतिभा को देश हित में इस्तेमाल करने की तरफ मुड़ गई है।
नि:संदेह हमारी विश्व रैंकिंग एक बड़ी उपलब्धि है, जो बहुत ही गर्व की बात है, लेकिन इसी से संतुष्ट होकर बैठ जाना और यह कहना कि पुरानी परिपाटी पर चलने के अलावा अब कुछ और करने की जरूरत नहीं है तथा कहावत के अनुरूप इस दृष्टिकोण को नकारना कि ‘सोने से पहले हमें अभी भी बहुत कुछ करना है’ बहुत बड़ी भूल होगी।
हालिया वित्तीय तिमाही के समाप्त होने के बाद कई कारोबारी सम्मेलन आयोजित किए गए, जिनमें ‘ओआर की निरंकुशता’ (प्रबंधन गुरु सीके प्रह्लाद द्वारा गढ़ा गया वाक्यांश) पर काफी चर्चा हुई। एक वर्ग का मानना है कि दूसरों के इस तथ्य कि ‘बहुत अधिक संख्या में जीडीपी डॉलर एकत्र करके और इसी आधार पर आगे बढ़ने से हमारा कितना विकास होगा और कौन सी रैंक हासिल होगी’ के बजाय अपनी क्षमता को पहचान कर सही दिशा में काम करना एकमात्र सत्य है।
Bu hikaye Business Standard - Hindi dergisinin December 03, 2024 sayısından alınmıştır.
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तिब्बत में 6.8 तीव्रता के भूकंप से 126 की मौत
तिब्बत के सबसे पवित्र शहरों में से एक के निकट मंगलवार को 6.8 तीव्रता का भूकंप आया, जिसमें 126 लोगों की मौत और 188 व्यक्ति घायल हो गए। पड़ोसी देश नेपाल में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए जिसके कारण इमारतें हिलने लगीं और लोग अपने अपने घरों से बाहर निकल आए।
इस साल 6 नई फंड कंपनी देंगी दस्तक
इस साल 68 लाख करोड़ रुपये के म्युचुअल फंड उद्योग में कई नई एफएम कंपनियां दस्तक देने की तैयारी कर रही हैं।
आरईसी की 2,848 करोड़ रु. फंसा कर्ज बेचने की योजना
अभिजीत ग्रुप की इकाई है कॉरपोरेट पावर लिमिटेड जो परिसमापन की प्रक्रिया में है
देश के कृषि व संबंधित गतिविधियों में फिर वृद्धि की आस
बेहतरीन बारिश के कारण खरीफ की फसल अच्छी रहने और रबी की शानदार बोआई से वित्त वर्ष 2025 में स्थिर मूल्य पर कृषि व संबंधित गतिविधियों का सकल मूल्यवर्धन 3.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो वित्त वर्ष 2024 में 1.4 प्रतिशत था
कम जीडीपी के बावजूद हासिल हो जाएगा राजकोषीय घाटे का लक्ष्य
बजट अनुमान की तुलना में पूंजीगत व्यय 1 से 1.5 लाख करोड़ रुपये कम रहने के कारण हासिल हो जाएगा लक्ष्य
पूंजीगत खर्च, सेफगार्ड शुल्क इस्पात के लिए मुख्य कारक
आयात में तेजी, निर्यात में नरमी और कमजोर कीमतों का असर कैलेंडर वर्ष 2024 में भारतीय इस्पात उद्योग पर स्पष्ट दिखा है। जैसे-जैसे सेफगार्ड शुल्क की संभावना बढ़ रही है, उद्योग के सामने बड़ा सवाल यह पैदा हो रहा है कि क्या 2025 बेहतर वर्ष होगा ?
जीडीपी बढ़ेगा 6.4 फीसदी
एनएसओ के अग्रिम अनुमान में जीडीपी वृद्धि दर चार साल में सबसे कम रहने के आसार
एचएमपीवीः सतर्कता बरतें राज्य
देश में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के मामले सामने आने के बाद केंद्र ने राज्यों से सांस से जुड़ी बीमारियों की निगरानी बढ़ाने और यह बीमारी फैलने से रोकने के लिए लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने को कहा है।
'केंद्रीय बजट में न हो दिल्ली के लिए कोई खास ऐलान'
दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने की घोषणा
मुद्रा की कीमत में बदलाव और बाजार की भूमिका
अगर मुद्रा में बिना किसी हस्तक्षेप के निरंतर उतार-चढ़ाव होते रहने दिया जाए तो यह बेहतर होता है। यकीनन बाजार इस मामले में बेहतर काम करता है।