अजरबैजान के बाकू में सोमवार को शुरू हुई जलवायु वार्ता कॉप-29 में भारत एक हजार अरब डालर के नए जलवायु कोष की मांग रख सकता है। इस बैठक में जलवायु खतरों से निपटने के लिए नए वैश्विक कोष का आकार निर्धारित करना एक प्रमुख एजेंडा है।
भारत का रुख है कि विकसित देशों को जलवायु खतरों से निपटने के लिए अपनी हिस्सेदारी बढ़ानी चाहिए। मौजूदा 100 अरब डॉलर का कोष अब पुराना पड़ चुका है क्योंकि इस राशि का निर्धारण 2009 में किया गया था। अब इस धन राशि से काम नहीं चलने वाला। नए जलवायु कोष को लेकर सैद्धान्तिक सहमति सभी देशों में बन चुकी है तथा भारत की तरफ यह सुझाव दिया जा रहा है कि नए कोष का आकार एक खरब डॉलर यानी एक हजार अरब डॉलर का होना चाहिए। भारत आधिकारिक रूप से इस सम्मेलन में इस बाबत अपनी बात को रखेगा।
Bu hikaye Hindustan Times Hindi dergisinin November 12, 2024 sayısından alınmıştır.
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