केन्द्रगत शनि से बना अद्भुत यशस्वी योग
Jyotish Sagar|January 2023
हम बात कर रहे हैं शनि की ऐसी स्थिति की, जिसमें शनि विशेष प्रसिद्धि और राजयोग के साथ निरन्तर प्रगति पथ की ओर भी ले जा रहा है और वह स्थिति है, जब शनि केन्द्र (विशेषकर चतुर्थ एवं सप्तम भाव) में वृषभ राशि में स्थित हो। शनि वृषभ राशि में अकेला स्थित हो
डॉ. अमित कुमार 'राम'
केन्द्रगत शनि से बना अद्भुत यशस्वी योग

इस पृथ्वी पर प्रत्येक जीव जन्म लेता है और ग्रहों के अधीन हो जाता है। प्रत्येक जीव समय (काल) के चक्र में बँध जाता है और कालगति के अनुसार ही बचपन, जवानी, बुढ़ापा आदि अवस्थाएँ प्राप्त करता है। इन अवस्थाओं की तरह ग्रह भी अपना फल, अपनी अवस्थाएँ, प्रभाव और दशाओं को प्रदान करते हैं। समय एक यात्रा है, जो निरन्तर जारी रहती हे और ऐसे ही कालचक्र में बँधा इनसान भी इस यात्रा का हिस्सा है, जिसे बस बढ़ते जाना है और इसी कालचक्र के फलों को जानने की विवेचना ग्रहों के आधार पर ज्योतिष करता है। ज्योतिषीय अध्ययन में केवल ग्रहों के समीकरण पर ही ध्यान केन्द्रित नहीं करना होता, वरन् ज्योतिषीय ग्रहों की इस समीकरण को अपनी आत्मा, अपने मन में महसूस कर उसे समझता है, जानता है और फलकथन करता है।

Bu hikaye Jyotish Sagar dergisinin January 2023 sayısından alınmıştır.

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केकड़ी के अष्टमुखी शिवलिंग
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केकड़ी के अष्टमुखी शिवलिंग

शिवलिंग का वृत्ताकार ऊर्ध्वभाग ब्रह्माण्ड का द्योतक माना जाता है। इस मन्दिर में पशुपतिनाथ के साथ उनके परिवार (शिव परिवार) की सुन्दर एवं वृहद् प्रतिमाओं को भी स्थापित किया गया है।

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February 2025
मिथुन लग्न के नवम भाव में स्थित - गुरु एवं शुक्र के फल
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मिथुन लग्न के नवम भाव में स्थित - गुरु एवं शुक्र के फल

प्रस्तुत लेखमाला \"कैसे करें सटीक फलादेश?\" के अन्तर्गत मिथुन लग्न के नवम भाव में स्थित सूर्यादि नवग्रहों के फलों का विवेचन किया जा रहा है, जिसमें अभी तक सूर्य से बुध तक के फलों का विवेचन किया जा चुका है। उसी क्रम में प्रस्तुत आलेख में गुरु एवं शुक्र के नवम भाव में राशिगत, भावगत, नक्षत्रगत, युतिजन्य व दृष्टिजन्य फलों का विवेचन कर रहे हैं।

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February 2025
उत्तर दिशा का महत्त्व और उसके गुण-दोष
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उत्तर दिशा का महत्त्व और उसके गुण-दोष

उत्तर दिशा के ऊँचा होने या उत्तर दिशा में किसी भी प्रकार का वजन होने पर अथवा वहाँ पर पृथ्वी तत्त्व आने पर जलतत्त्व की खराबी हो जाती है।

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February 2025
इतिहास के झरोखे से प्रयागराज महाकुम्भ
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इतिहास के झरोखे से प्रयागराज महाकुम्भ

इटली का निकोलाई मनुची 1656 से 1717 में अपनी मृत्यु पर्यन्त भारत में ही रहा और मुगलों सहित विभिन्न सेनाओं में सेनानायक के रूप में रहा।

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February 2025
'कश्मीर' पूर्व में था 'कश्यपमीर'!
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'कश्मीर' पूर्व में था 'कश्यपमीर'!

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में दिल्ली में एक किताब के विमोचन कार्यक्रम में कहा था कि 'कश्मीर' को 'कश्यप की भूमि' के नाम से जाना जाता है।

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February 2025
क्यों सफल नहीं हो पा रही है गुजरात की 'गिफ्ट सिटी' एक वास्तु विश्लेषण
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क्यों सफल नहीं हो पा रही है गुजरात की 'गिफ्ट सिटी' एक वास्तु विश्लेषण

गिफ्ट सिटी की प्लानिंग इस प्रकार की गई है कि साबरमती नदी इसकी पश्चिम दिशा में है। यदि इसके विपरीत गिफ्ट सिटी की प्लानिंग साबरमती नदी के दूसरी ओर की गई होती, तो गिफ्ट सिटी की पूर्व दिशा में आ जाती।

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February 2025
त्रिक भाव रहस्य - षष्ठ भाव और अभिवृद्धि
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त्रिक भाव रहस्य - षष्ठ भाव और अभिवृद्धि

षष्ठ भाव एक ओर तो हमें विभिन्न प्रकार के रोगों और शत्रुओं से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है, वहीं दूसरी ओर ऋण अर्थात् कर्ज के लेन-देन के विषय में ताकतवर बनाता है।

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February 2025
लोककल्याणकारी देवता शिव
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लोककल्याणकारी देवता शिव

देवाधिदेव शिव लोककल्याणकारी देवता हैं। शिव अनादि एवं अनन्त हैं। शिव शक्ति का ही आदिरूप त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु एवं महेश में शिव को जहाँ संहार देवता माना है, वहाँ उनका आशुतोष रूप है अर्थात् शीघ्र प्रसन्न होने वाले देव।

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February 2025
प्रयागराज महाकुम्भ का शुभारम्भ - रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालुओं ने किया संगम स्नान
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प्रयागराज महाकुम्भ का शुभारम्भ - रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालुओं ने किया संगम स्नान

प्रयागराज महाकुम्भ, 2025 ने 13 जनवरी (पौष पूर्णिमा) को अपने शुभारम्भ से ही एक नए इतिहास की रचना की ओर कदम बढ़ा दिए हैं। यह महाकुम्भ अपने प्रत्येक आयोजन में नया इतिहास रचता है।

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February 2025
रात्रि जागरण एवं चार प्रहर पूजा - 26 फरवरी, 2025 (बुधवार)
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रात्रि जागरण एवं चार प्रहर पूजा - 26 फरवरी, 2025 (बुधवार)

नकेवल शैव धर्मावलम्बियों के लिए, वरन् समस्त सनातनधर्मियों के लिए 'महाशिवरात्रि' एक बड़ा पर्व है। इस पर्व के तीन स्तम्भ हैं: 1. उपवास, 2. रात्रि जागरण, 3. भगवान् शिव का पूजन एवं अभिषेक।

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February 2025