आयुर्वेद के अनुसार आरोग्य हेतु अनुकूल रत्न का चयन
Jyotish Sagar|May 2023
भारतीय ज्योतिष में रत्नों का विशेष महत्त्व है। कुल 84 रत्न और उपरत्न हमें पृथ्वी और समुद्र के गर्भ से प्राप्त होते हैं, जिनका मानव जीवन पर गहरा प्रभाव है।
डॉ. प्रशान्त खानवलकर
आयुर्वेद के अनुसार आरोग्य हेतु अनुकूल रत्न का चयन

चिकित्सा ज्योतिष भारतीय ज्योतिष शास्त्र का प्रमुख अंग है। अथर्ववेद के अन्तर्गत आयुर्वेद में भी ज्योतिष एवं रत्नों के विषय में काफी प्रकाश डाला गया है। मानव शरीर में पंचतत्त्व के अलावा सात रंगों का भी समावेश है, इनमें से किसी भी रंग की कमी हो जाती है, तो उससे सम्बन्धित तत्त्व के क्षय से तत्सम्बन्धी रोग हो जाता है। इसका पता हमें जातक की जन्मपत्रिका देखकर चलता है। जन्मपत्रिका में यदि योगकारक ग्रह पीड़ित अथवा अस्त हो, तो वह अपना निर्धारित शुभ फल देने से वंचित हो जाता है। ऐसे में हम उसके रत्न द्वारा शरीर में रश्मियाँ (Radiation) प्रदान कर उस ग्रह अथवा तत्त्व को बल प्रदान करते हैं।

रंग और प्रकाश का गहरा सम्बन्ध है। प्रत्येक रंग एक विशिष्ट रश्मिपुंज द्वारा मानव शरीर को अपने प्रतीक आवर्तन- परावर्तन, रिफलेक्शन, स्पंदन एवं स्पर्श से प्रभावित करता है। रत्नों में यह रंग-रश्मियाँ घनीभूत अवस्था में होती हैं। हमारे महान् ऋषियों ने अनेक ग्रन्थों 'जातकपरिजात', 'भावप्रकाश', 'वृहज्जातक', ‘वृहत्संहिता’, ‘आयुर्वेद-प्रकाश' एवं 'रसरत्न समुच्चय' आदि में रत्नों की आवश्यकतानुसार उनके चयन, महत्त्व एवं उपयोगिता का उल्लेख किया है।

Bu hikaye Jyotish Sagar dergisinin May 2023 sayısından alınmıştır.

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एकादशी व्रत का वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण
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एकादशी व्रत का वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण

व्रत और उपवास भारतीय जनमानस में गहरे गुँथे हुए शब्द हैं। 'व्रत' का अर्थ होता है, 'संकल्प हैं। लेना' अर्थात् अपने मन और शरीर की आवश्यकताओं को नियंत्रित करते हुए स्वयं को संयमित करना।

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June 2024
पवित्र दिवस है गंगा-दशहरा
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पवित्र दिवस है गंगा-दशहरा

गंगा दशमी न केवल पूजा-पाठ और अध्यात्म तक सीमित रहना चाहिए वरन् इसके साथ-साथ हमें गंगा नदी के संरक्षण और गंगा जल जैसे पक्षों पर शोध की दिशा में भी आगे बढ़ना चाहिए।

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June 2024
मनोचिकित्सा से आरोग्य लाभ
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मनोचिकित्सा से आरोग्य लाभ

आरोग्य की दृष्टि से शारीरिक रोगों के साथ-साथ मानसिक व्याधियों की भी मुख्य भूमिका रहती है।

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June 2024
हनुमान् 'जयन्ती' या 'जन्मोत्सव'?
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हनुमान् 'जयन्ती' या 'जन्मोत्सव'?

मूल रूप से 'जयन्ती' शब्द ' जन्मदिवस' या 'जन्मोत्सव' के रूप में प्रयुक्त नहीं होता था, परन्तु श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के एक भेद के रूप में कृष्ण जयन्ती से चलते हुए यह शब्द अन्य देवी-देवताओं के जन्मतिथि के सन्दर्भ में भी प्रयुक्त होने लगा।

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June 2024
पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा करतारपुर साहिब और नवनिर्मित कोरीडोर-टर्मिनल
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पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा करतारपुर साहिब और नवनिर्मित कोरीडोर-टर्मिनल

आखिर ऐसा क्या है कि इतना प्रसिद्ध तीर्थस्थल होने के बाद भी गुरुद्वारा करतारपुर साहिब में जाने वाले दर्शनार्थियों की संख्या जैसी उम्मीद की गई थी, उसकी तुलना में हमेशा ही बहुत कम रहती है।

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June 2024
शनि साढ़ेसाती और मनुष्य के जीवन पर प्रभाव
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शनि साढ़ेसाती और मनुष्य के जीवन पर प्रभाव

ज्योतिष शास्त्र अति प्राचीन काल से जाना जाता है। सिद्धान्त, संहिता तथा होरा नामक तीन स्कन्धों से युक्त इसे 'वेदों का नेत्र' कहा गया है। वैसे तो वेद के दो नेत्र होते हैंस्मृति और ज्योतिष।

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June 2024
गोचराष्टक वर्ग से शनि के गोचर का अध्ययन
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गोचराष्टक वर्ग से शनि के गोचर का अध्ययन

यदि ग्रह गोचराष्टक वर्ग में 4 या अधिक रेखाओं वाली राशि पर गोचर कर रहा है, तो जिन-जिन कक्षाओं में उस राशि को शुभ रेखाएँ प्राप्त हुई हैं, उन कक्षाओं के स्वामी ग्रह के जन्मपत्रिका में भावों और नैसर्गिक कारकत्वों से सम्बन्धित शुभफलों की प्राप्ति होती है।

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June 2024
सप्तर्षि और सप्तर्षि मण्डल
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सप्तर्षि और सप्तर्षि मण्डल

प्रत्येक मनु के काल को मन्वन्तर कहा जाता है। प्रत्येक मन्वन्तर में देवता, इन्द्र, सप्तर्षि और मनु पुत्र भिन्न-भिन्न होते हैं। जैसे ही मन्वन्तर बदलता है, तो मनु भी बदल जाते हैं और उनके साथ ही सप्तर्षि, देवता, इन्द्र आदि भी बदल जाते हैं।

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June 2024
अजमेर की भगवान् नृसिंह प्रतिमाएँ
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अजमेर की भगवान् नृसिंह प्रतिमाएँ

विधानानुसार नृसिंहावतार मानव एवं पशु रूप धारण किए, शीश पर मुकुट, बड़े नाखून, अपनी जानू पर स्नेह के साथ प्रह्लाद को बिठाए हुए है। बालक प्रह्लाद आँखें मूँदे, करबद्ध विनम्र भाव से स्तुति करते प्रतीत हो रहे हैं।

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May 2024
सूर्य नमस्कार से आरोग्य लाभ
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सूर्य नमस्कार से आरोग्य लाभ

सूर्य नमस्कार की विशेष बात यह है कि इसका प्रत्येक अगले आसन के लिए प्रेरित करता है। इस क्रम में लगातार 12 आसन होते हैं। इन आसनों में श्वास को पूरी तरह भीतर लेने और बाहर निकालने पर बल दिया जाता है।

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May 2024