फिल्म इण्डस्ट्री के जानेमाने प्रोडक्शन डिजाइनर नितिन चन्द्रकान्त देसाई ने कर्जत स्थित अपने एन.डी. स्टूडियो में 2 अगस्त, 2023 को सुसाइड कर लिया। नितिन देसाई, एक्टर, फिल्ममेकर, आर्ट डिजाइनर, सेट डिजाइनर और प्रोडक्शन डिजाइनर के रूप में मशहूर रहे। नितिन देसाई ने अपने कॅरिअर में कई अवॉर्ड्स जीते।
नितिन देसाई ऐसे आर्ट डायरेक्टर थे, जिन्होंने एक नहीं बल्कि चारचार नेशनल अवॉर्ड अपने नाम किए थे। उन्हें पहला राष्ट्रीय पुरस्कार सन् 1999 में आई फिल्म ‘डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर', फिर दूसरा 'हम दिल दे चुके सनम' और तीसरा 'लगान' और चौथा 'देवदास' के लिए मिला था।
नितिन चन्द्रकान्त देसाई ने महाराष्ट्र सरकार से जमीन लेकर मुंबई से 55 कि.मी. दूर कर्जत में लगभग 50 एकड़ से अधिक भूमि पर एक विशालकाय एन.डी. स्टूडियो की स्थापना की। यहीं पर फिल्म 'जोधा अकबर' की शूटिंग हुई थी। इस फिल्म का सेट उन्होंने हटाया नहीं और इसी में फेरबदल करके कई फिल्मों एवं टेलीविजन धारावाहिकों की शूटिंग यहाँ चलती रहती है। सलमान खान की कई फिल्मों की शूटिंग यहाँ हुई है।
जानकारी के अनुसार, नितिन के ऊपर इन दिनों करीब 252 करोड़ का कर्ज था और इसकी वसूली के लिए स्थानीय प्रशासन से मिलकर वित्तीय कंपनियों ने कार्यवाही शुरू कर दी। थी। नितिन को अंदेशा था कि उन्हें एक दिन इस स्टूडियो से बेदखल होना ही पड़ेगा और इसी तनाव के चलते उन्होंने सुसाइड कर लिया।
Bu hikaye Jyotish Sagar dergisinin September 2023 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Giriş Yap
Bu hikaye Jyotish Sagar dergisinin September 2023 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Giriş Yap
एकादशी व्रत का वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण
व्रत और उपवास भारतीय जनमानस में गहरे गुँथे हुए शब्द हैं। 'व्रत' का अर्थ होता है, 'संकल्प हैं। लेना' अर्थात् अपने मन और शरीर की आवश्यकताओं को नियंत्रित करते हुए स्वयं को संयमित करना।
पवित्र दिवस है गंगा-दशहरा
गंगा दशमी न केवल पूजा-पाठ और अध्यात्म तक सीमित रहना चाहिए वरन् इसके साथ-साथ हमें गंगा नदी के संरक्षण और गंगा जल जैसे पक्षों पर शोध की दिशा में भी आगे बढ़ना चाहिए।
मनोचिकित्सा से आरोग्य लाभ
आरोग्य की दृष्टि से शारीरिक रोगों के साथ-साथ मानसिक व्याधियों की भी मुख्य भूमिका रहती है।
हनुमान् 'जयन्ती' या 'जन्मोत्सव'?
मूल रूप से 'जयन्ती' शब्द ' जन्मदिवस' या 'जन्मोत्सव' के रूप में प्रयुक्त नहीं होता था, परन्तु श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के एक भेद के रूप में कृष्ण जयन्ती से चलते हुए यह शब्द अन्य देवी-देवताओं के जन्मतिथि के सन्दर्भ में भी प्रयुक्त होने लगा।
पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा करतारपुर साहिब और नवनिर्मित कोरीडोर-टर्मिनल
आखिर ऐसा क्या है कि इतना प्रसिद्ध तीर्थस्थल होने के बाद भी गुरुद्वारा करतारपुर साहिब में जाने वाले दर्शनार्थियों की संख्या जैसी उम्मीद की गई थी, उसकी तुलना में हमेशा ही बहुत कम रहती है।
शनि साढ़ेसाती और मनुष्य के जीवन पर प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र अति प्राचीन काल से जाना जाता है। सिद्धान्त, संहिता तथा होरा नामक तीन स्कन्धों से युक्त इसे 'वेदों का नेत्र' कहा गया है। वैसे तो वेद के दो नेत्र होते हैंस्मृति और ज्योतिष।
गोचराष्टक वर्ग से शनि के गोचर का अध्ययन
यदि ग्रह गोचराष्टक वर्ग में 4 या अधिक रेखाओं वाली राशि पर गोचर कर रहा है, तो जिन-जिन कक्षाओं में उस राशि को शुभ रेखाएँ प्राप्त हुई हैं, उन कक्षाओं के स्वामी ग्रह के जन्मपत्रिका में भावों और नैसर्गिक कारकत्वों से सम्बन्धित शुभफलों की प्राप्ति होती है।
सप्तर्षि और सप्तर्षि मण्डल
प्रत्येक मनु के काल को मन्वन्तर कहा जाता है। प्रत्येक मन्वन्तर में देवता, इन्द्र, सप्तर्षि और मनु पुत्र भिन्न-भिन्न होते हैं। जैसे ही मन्वन्तर बदलता है, तो मनु भी बदल जाते हैं और उनके साथ ही सप्तर्षि, देवता, इन्द्र आदि भी बदल जाते हैं।
अजमेर की भगवान् नृसिंह प्रतिमाएँ
विधानानुसार नृसिंहावतार मानव एवं पशु रूप धारण किए, शीश पर मुकुट, बड़े नाखून, अपनी जानू पर स्नेह के साथ प्रह्लाद को बिठाए हुए है। बालक प्रह्लाद आँखें मूँदे, करबद्ध विनम्र भाव से स्तुति करते प्रतीत हो रहे हैं।
सूर्य नमस्कार से आरोग्य लाभ
सूर्य नमस्कार की विशेष बात यह है कि इसका प्रत्येक अगले आसन के लिए प्रेरित करता है। इस क्रम में लगातार 12 आसन होते हैं। इन आसनों में श्वास को पूरी तरह भीतर लेने और बाहर निकालने पर बल दिया जाता है।