अपनों के दिए जख्मों का बोझ
Jyotish Sagar|September 2024
ये इल्जाम उसकी पत्नी उस पर लगा रही थी । इस तरह पहली पत्नी से विनोद का तलाक हो गया और फिर एक वर्ष बाद उसने दूसरी शादी की और उस शादी को भी 20 माह खींचने की कोशिश की।
डॉ. अमित कुमार 'राम'
अपनों के दिए जख्मों का बोझ

जीवनयात्रा में कुछ लोग अशुभ अर्थात् गलत रास्ता कॅरिअर में अपनाते हैं, तो कुछ लोग शुभ अर्थात् सही रास्ता कॅरिअर में अपनाते हैं और इससे ही निर्मित होता है हमारा 'कर्मा' | ईश्वर आपको माफ कर दे, लेकिन कर्मा का माफ करना बेहद कठिन और लगभग असम्भवसा है, क्योंकि यह 'कर्मा' आपने ही अपने कर्मों के द्वारा लगातार श्रृंखला से निर्मित किया है और यही कर्मा आपको हमें विभिन्न जन्मों में विभिन्न योनियों में पैदा करवाकर कर्म करवाता है, जीवन व्यतीत करवाता है, ठीक वैसा, जैसा कि कर्मा चाहता है। अब प्रश्न यह भी आता है कि ऐसा क्या धारण किया जाए, जिससे कर्मा सकारात्मक होकर सुफल प्रदान करे और अशुभ नष्ट हो जाए। तब दर्शनशास्त्र कहता है कि-

धारयति इति धर्मः ।

अर्थात् धारण करने के योग्य कुछ है, तो वह धर्म ही है। यानि अप कर्त्तव्य, अपने शपथों को उचित हो, उसी प्रकार से कटना और जो अपने लिए अच्छा हो, वैसा ही अच्छा दूसरों के लिए विचार करना। तभी तो धर्म धारण करने से दस लक्षण पैदा स्वतः ही हो जाते हैं। ये दस लक्षण हैं-

धृतिः क्षमा दमोऽस्तेयं शौचामिन्द्रियानिग्रहः ।

धीर्विद्या सत्यमक्रोधो दशकं धर्मलक्षणम् ॥

अर्थात् धैर्य, क्षमा (दूसरों के अवगुणों, अपराधों को माफ कर देना, क्षमाशील होना), दम (अपनी वासनाओं पर नियन्त्रण करना), अस्तेय (चोरी नहीं करना), शौच (अन्तरंग और बाह्य शुचिता), इन्द्रिय निग्रह (इन्द्रियों को वश में रखना), धी (बुद्धिमत्ता का प्रयोग), विद्या (अधिक से अधिक ज्ञान की पिपासा), सत्य (मन, कर्म और वचन से अपने कर्त्तव्य का पालन करना), अक्रोध (क्रोध नहीं करना) ये दस धर्मात्मा के लक्षण हैं और जिसके पास धर्म है, उसकी रक्षा सदैव उसका धर्म करता है।

Bu hikaye Jyotish Sagar dergisinin September 2024 sayısından alınmıştır.

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सात धामों में श्रेष्ठ है तीर्थराज गयाजी
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सात धामों में श्रेष्ठ है तीर्थराज गयाजी

गया हिन्दुओं का पवित्र और प्रधान तीर्थ है। मान्यता है कि यहाँ श्रद्धा और पिण्डदान करने से पूर्वजों को मोक्ष प्राप्त होता है, क्योंकि यह सात धामों में से एक धाम है। गया में सभी जगह तीर्थ विराजमान हैं।

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September 2024
सत्साहित्य के पुरोधा हनुमान प्रसाद पोद्दार
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सत्साहित्य के पुरोधा हनुमान प्रसाद पोद्दार

प्रसिद्ध धार्मिक सचित्र पत्रिका ‘कल्याण’ एवं ‘गीताप्रेस, गोरखपुर के सत्साहित्य से शायद ही कोई हिन्दू अपरिचित होगा। इस सत्साहित्य के प्रचारप्रसार के मुख्य कर्ता-धर्ता थे श्री हनुमान प्रसाद जी पोद्दार, जिन्हें 'भाई जी' के नाम से भी सम्बोधित किया जाता रहा है।

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September 2024
राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर अमृत गीत तुम रचो कलानिधि
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राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर अमृत गीत तुम रचो कलानिधि

राष्ट्रकवि स्व. रामधारी सिंह दिनकर को आमतौर पर एक प्रखर राष्ट्रवादी और ओजस्वी कवि के रूप में माना जाता है, लेकिन वस्तुतः दिनकर का व्यक्तित्व बहुआयामी था। कवि के अतिरिक्त वह एक यशस्वी गद्यकार, निर्लिप्त समीक्षक, मौलिक चिन्तक, श्रेष्ठ दार्शनिक, सौम्य विचारक और सबसे बढ़कर बहुत ही संवेदनशील इन्सान भी थे।

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September 2024
सेतुबन्ध और श्रीरामेश्वर धाम की स्थापना
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सेतुबन्ध और श्रीरामेश्वर धाम की स्थापना

जो मनुष्य मेरे द्वारा स्थापित किए हुए इन रामेश्वर जी के दर्शन करेंगे, वे शरीर छोड़कर मेरे लोक को जाएँगे और जो गंगाजल लाकर इन पर चढ़ाएगा, वह मनुष्य तायुज्य मुक्ति पाएगा अर्थात् मेरे साथ एक हो जाएगा।

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September 2024
वागड़ की स्थापत्य कला में नृत्य-गणपति
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वागड़ की स्थापत्य कला में नृत्य-गणपति

प्राचीन काल से ही भारतीय शिक्षा कर्म का क्षेत्र बहुत विस्तृत रहा है। भारतीय शिक्षा में कला की शिक्षा का अपना ही महत्त्व शुक्राचार्य के अनुसार ही कलाओं के भिन्न-भिन्न नाम ही नहीं, अपितु केवल लक्षण ही कहे जा सकते हैं, क्योंकि क्रिया के पार्थक्य से ही कलाओं में भेद होता है। जैसे नृत्य कला को हाव-भाव आदि के साथ ‘गति नृत्य' भी कहा जाता है। नृत्य कला में करण, अंगहार, विभाव, भाव एवं रसों की अभिव्यक्ति की जाती है।

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September 2024
व्यावसायिक वास्तु के अनुसार शोरूम और दूकानें कैसी होनी चाहिए?
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व्यावसायिक वास्तु के अनुसार शोरूम और दूकानें कैसी होनी चाहिए?

ऑफिस के एकदम कॉर्नर का दरवाजा हमेशा बिजनेस में नुकसान देता है। ऐसे ऑफिस में जो वर्कर काम करते हैं, तो उनको स्वास्थ्य से जुड़ी कई परेशानियाँ आती हैं।

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September 2024
श्रीगणेश नाम रहस्य
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श्रीगणेश नाम रहस्य

हिन्दुओं के पंच परमेश्वर में भगवान् गणेश का स्थान प्रथम माना जाता है। शंकराचार्य जी ने के भी पंचायतन पूजा में गणेश पूजन विधान का उल्लेख किया है। गणेश से तात्पर्य गण + ईश अर्थात् गणों का ईश से है। भगवान् गणेश को कई अन्य नामों से भी पूजा जाता है जैसे विघ्न विनाशक, विनायक, लम्बोदर, सिद्धि विनायक आदि।

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September 2024
प्रेम और भक्ति की अनन्य प्रतीक 'श्रीराधा'
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प्रेम और भक्ति की अनन्य प्रतीक 'श्रीराधा'

कृष्ण चरित के प्रतिनिधि शास्त्र भागवत और महाभारत में राधा का उल्लेख नहीं होने के बावजूद वे लोकमानस में प्रेम और भक्ति की अनन्य प्रतीक के रूप में बसी हुई हैं। सन्त महात्माओं ने उन्हें कृष्णचरित का अभिन्न अंग माना है। उनकी मान्यता है कि प्रेम और भक्ति की जैसे कोई सीमा नहीं है, उसी तरह राधा का चरित, उनकी लीला और स्वरूप भी प्रेमाभक्ति का चरमोत्कर्ष है।

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September 2024
राजस्थान के लोकदेवता और समाज सुधारक बाबा रामदेव
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राजस्थान के लोकदेवता और समाज सुधारक बाबा रामदेव

राजस्थान के देवी-देवताओं में बाबा रामदेव का नाम काफी विख्यात है। इनके अनुयायी राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात और सिन्ध (पाकिस्तान) आदि में बड़ी संख्या में हैं।

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September 2024
जन्मपत्रिका में चन्द्रमा और मनुष्य का भावनात्मक जुड़ाव
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जन्मपत्रिका में चन्द्रमा और मनुष्य का भावनात्मक जुड़ाव

जिस प्रकार लग्न हमारा शरीर अर्थात् बाहरी व्यक्तित्व है, उसी प्रकार चन्द्रमा हमारा सूक्ष्म व्यक्तित्व है, जो किसी को भी दिखाई नहीं देता, लेकिन महसूस अवश्य होता है।

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September 2024