ऐसी ही एक वीर बाला साहे ब नाना की नववर्षीय कन्या मैना थी। मैना के पिता नाना साहेब सन १८५७ की क्रान्ति के प्रसिद्ध नायक थे जो उस समय बिठूर में रह रहे थे। बिठूर उत्तर प्रदेश के कानपुर नगर से १० किलोमीटर की दूरी पर गंगाजी के किनारे स्थित है। यहाँ पर महर्षि वाल्मीकि का आश्रम था। सीताजी ने अयोध्या से निकलकर वाल्मीकिजी के इसी आश्रम में रहते हुए लव और कुश को जन्म दिया था। लव कुश की शिक्षा-दीक्षा यहीं पर हुई थी। मैना का भी जन्म एवं लालन-पालन यहीं पर हुआ था।
बिठूर का वही महल, वही वीथिकाएं, वही गंगाजी का सुरम्य कल-कल बहती हुई जलधारा थी जहाँ वीरांगना लक्ष्मीबाई का भी बचपन व्यतीत हुआ था।
Bu hikaye Kendra Bharati - केन्द्र भारती dergisinin December 2022 sayısından alınmıştır.
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प्रेमकृष्ण खन्ना
स्थानिक विभूतियों की कथा - २५
स्वस्थ विश्व का आधार बना 'मिलेट्स'
मिलेट्स यानी मोटा अनाज। यह हमारे स्वास्थ्य, खेतों की मिट्टी, पर्यावरण और आर्थिक समृद्धि में कितना योगदान कर सकता है, इसे इटली के रोम में खाद्य एवं कृषि संगठन के मुख्यालय में मोटे अनाजों के अन्तरराष्ट्रीय वर्ष (आईवाईओएम) के शुभारम्भ समारोह के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी के इस सन्देश से समझा जा सकता है :
जब प्राणों पर बन आयी
एक नदी के किनारे एक पेड़ था। उस पेड़ पर बन्दर रहा करते थे।
देव और असुर
बहुत पहले की बात है। तब देवता और असुर इस पृथ्वी पर आते-जाते थे।
हर्षित हो गयी वानर सेना
श्री हनुमत कथा-२१
पण्डित चन्द्र शेखर आजाद
क्रान्तिकारियों को एकजुट कर अंग्रेजी शासन की जड़ें हिलानेवाले अद्भुत योद्धा
भारत राष्ट्र के जीवन में नया अध्याय
भारत के त्रिभुजाकार नए संसद भवन का उद्घाटन समारोह हर किसी को अभिभूत करनेवाला था।
समान नागरिक संहिता समय की मांग
विगत दिनों से समान नागरिक संहिता का विषय निरन्तर चर्चा में चल रहा है। यदि इस विषय पर अब भी कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो इसके गम्भीर परिणाम आनेवाली सन्तति और देश को भुगतना पड़ सकता है।
शिक्षा और स्वामी विवेकानन्द
\"यदि गरीब लड़का शिक्षा के मन्दिर न आ सके तो शिक्षा को ही उसके पास जाना चाहिए।\"
लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक
२३ जुलाई, जयन्ती पर विशेष