ऐसी तबाही में बापूजी ने हजारों की जान बचायी
Rishi Prasad Hindi|February 2023
सन् १९९९ की घटना है। ओड़िशा के समुद्रतट पर पारादीप बंदरगाह के निकट बसे कुजंग गाँव में मेरा होटल था। ओड़िशा में खतरनाक तूफान (super cyclone) आया था।
ऐसी तबाही में बापूजी ने हजारों की जान बचायी

उस तूफान ने भयंकर तबाही मचा दी। लगभग २६० से २७० कि.मी. प्रति घंटा की तीव्र गति से हवाएँ चलने से समुद्र में ऊँची-ऊँची तरंगें उठीं और समुद्र के पानी का स्तर २० फुट से भी अधिक बढ़ गया, जिससे गाँव-के-गाँव जलमग्न हो गये। साथ ही असाधारण भारी वर्षा होने से भयंकर बाढ़ आयी थी और सब जगह भीषण जलप्रवाह से हाहाकार मचा हुआ था।

३ दिन बाद जब पानी नीचे उतरा तो सब तरफ वीभत्सता और विनाश के दृश्य थे । मेरे होटल के आसपास करीब १७०० जितनी लाशें पड़ी हुई थीं। मेरा होटल बंद हो गया था। खाने को कुछ नहीं था। कई हजार लोगों की मृत्यु हो चुकी थी। लगभग ७० गाँव तबाह हो गये थे। सब लोग बेसहारा हो गये थे। मेरे पड़ोसी के शरीर पर कपड़े तक नहीं थे, ३ दिन तक उसको खाने को कुछ नहीं मिला तो उसने जिंदा चिड़िया को फाड़ के खा लिया था।

Bu hikaye Rishi Prasad Hindi dergisinin February 2023 sayısından alınmıştır.

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विरुद्ध आहार : स्वास्थ्य के लिए अदृश्य विष
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जो पदार्थ रस-रक्तादि सप्तधातुओं के विरुद्ध गुणधर्मवाले व वात-पित्त-कफ इन त्रिदोषों को प्रकुपित करनेवाले हैं उनके सेवन से रोगों की उत्पत्ति होती है। इन पदार्थों में कुछ परस्पर गुणविरुद्ध, कुछ संयोगविरुद्ध, कुछ संस्कारविरुद्ध और कुछ देश, काल, मात्रा, स्वभाव आदि से विरुद्ध होते हैं।

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आप राष्ट्र के भावी कर्णधार या अभिभावक हैं तो...
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किसी भी राष्ट्र की प्रगति के लिए जितनी आवश्यकता शिक्षित नागरिकों की मानी जाती है उससे भी कहीं ज्यादा नैतिकता से सुसम्पन्न चरित्रवान नागरिकों की होती है और बिना आध्यात्मिकता के नैतिकता टिक ही नहीं सकती।

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March 2025
जब तालियों की गड़गड़ाहट के बीच रो पड़े महात्मा
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एक बार किन्हीं महात्मा को कुछ लोग खूब रिझा-रिझाकर अपने गाँव में ले गये। ब्रह्मवेत्ता, आत्मसाक्षात्कारी महापुरुष आ रहे हैं यह जान के गाँववालों ने एड़ी-चोटी का जोर लगाकर उनके स्वागत की तैयारियाँ कीं। बड़ा विशाल मंच तैयार किया गया।

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March 2025
भगवान श्रीराम की गुणग्राही दृष्टि
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जब हनुमानजी श्रीरामचन्द्रजी की सुग्रीव से मित्रता कराते हैं तब सुग्रीव अपना दुःख, अपनी असमर्थता, अपने हृदय की हर बात भगवान के सामने निष्कपट भाव से रख देता है। सुग्रीव की निखालिसता से प्रभु गद्गद हो जाते हैं । तब सुग्रीव को धीरज बँधाते हुए भगवान श्रीराम प्रतिज्ञा करते हैं :

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March 2025
गोरखनाथजी के तीन अनोखे सवाल
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March 2025
इसका नाम है सेवा
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एक गुरु के दो शिष्य थे। एक बेटा था, एक चेला था। गुरुजी ने दोनों से कहा : \"तुम लोग एक-एक चबूतरा बनाओ। उस पर बैठकर हम भजन किया करेंगे।\"

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March 2025
परम पद की प्राप्ति के लिए यह बहुत जरूरी है
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हमारे परम हितैषी कौन?

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March 2025
यदि आप आदर्श नारी बनना चाहती हैं तो...
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March 2025
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सारी बीमारियों का सबसे बड़ा इलाज
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