32 साल की अन्वेषा ने जब अकेले मनाली घूमने का प्लान बनाया तो घर में हड़कंप मच गया. उस के सासससुर ने साफ इनकार कर दिया कि वे इस की अनुमति कभी नहीं देंगे. अन्वेषा खुद भी थोड़ी असमंजस में थी क्योंकि करीब 10 साल पहले वह जब अविवाहित थी तब जयपुर अकेली घूमने गई थी और उसे इस सफर में बहुत आनंद आया था. इस के कुछ समय बाद ही उस की शादी हो गई और फिर यह मौका कभी नहीं आया क्योंकि उसे जहां भी जाना होता तो हस्बैंड राहुल साथ होता.
मगर इस दौरान अन्वेषा खुद में आत्मविश्वास की कमी महसूस करने लगी थी. उसे लगता जैसे वह भी एक घरेलू महिला बन कर रह गई है, जबकि बचपन से उस ने आगे बढ़ने के बहुत सपने देखे थे. अब उस का बेटा 8 साल का हो चुका था इसलिए वह उस की तरफ से निश्चित रहने लगी थी. पिछले साल ही उस ने अपने सपनों को पूरा करने की सोची और घर वालों से अनुमति ले कर जौब जौइन कर ली. ऐसा कर के उसे महसूस हुआ जैसे उसे अपनी पहचान बनाने का मौका मिल गया है.
औफिस के ही काम के सिलसिले में अब उसे मनाली जाना था और तभी उस ने सोचा कि जब जाएगी तो 1-2 दिन घूम भी लेगी. राहुल अपने काम में व्यस्त होने की वजह से साथ नहीं जा सकता था इसीलिए सासससुर उसे अकेले मनाली भेजने को तैयार नहीं थे. अन्वेषा ने फोन पर राहुल को सारे हालात से अवगत करा दिया था. राहुल अन्वेषा का मन मारना नहीं चाहता था. वैसे भी उसे पता था कि अन्वेषा काफी होशियार, पढ़ीलिखी और स्मार्ट है जो आराम से अपना ध्यान रख लेगी.
सपनों की तलाश
राहुल के घर आते ही जब उस के मातापिता ने यह बात छेड़ी तो उस ने अपने एक रिश्तेदार लड़की की तसवीर फेसबुक पर उन्हें दिखाते हुए कहा, “पापा यह सुरभि है नीलम आंटी की बेटी. याद है न जब वह 10-12 साल की थी तब हमारे घर आई थी."
"अरे वाह इतनी बड़ी हो गई हमारी बच्ची और यह कहां घूम रही है?"
“मम्मी यह अकेली लंदन गई है. आज तीसरा दिन है. आप ही देखो सोलो ट्रैवलिंग का मजा लेते हुए उस के चेहरे पर कितना आत्मविश्वास है. क्या आप नहीं चाहते कि अन्वेषा भी अपनी जिंदगी में इस रोमांच को महसूस करे?"
"पर बेटा उस की सुरक्षा?"
Bu hikaye Grihshobha - Hindi dergisinin January Second 2023 sayısından alınmıştır.
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