जब मरीज को देखने अस्पताल जाएं
Grihshobha - Hindi|February First 2023
बीमार व्यक्ति से मिलने अस्पताल जाना हो तो कुछ सामान्य ऐटिकेट्स का खयाल जरूर रखना चाहिए...
गरिमा पंकज
जब मरीज को देखने अस्पताल जाएं

हाल ही में उत्तराखंड के रुड़की के नारसन बौर्डर पर क्रिकेटर ऋषभ पंत भीषण कार हादसे का शिकार हुए और उन्हें देहरादून के मैक्स अस्पताल में भरती कराया गया. वहां कुछ दिनों तक उन का इलाज चला. इस दौरान ऋषभ पंत और उन के घर वाले इस वजह से परेशान रहे क्योंकि उन्हें मिलने के लिए लगातार लोग आते रहे. मिलने आने वालों की बढ़ती संख्या के कारण ऋषभ पंत आराम नहीं कर पा रहे थे.

दरअसल, ऋषभ पंत के घायल होने की सूचना से उन के फैंस चिंतित हो गए. प्रसिद्ध व्यक्ति होने के कारण कुछ खास लोगों के अलावा फैंस भी उन के स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिए अस्पताल पहुंचने लगे. खास लोगों में विधायक, मंत्रियों, अधिकारियों के साथसाथ कुछ फिल्म अभिनेता तक ने मैक्स अस्पताल पहुंच कर ऋषभ पंत का हालचाल जाना. आगंतुकों की इस भीड़ की वजह से घायल ऋषभ और उन के परिजन थोड़े असहज हो उठे.

ऋषभ पंत के परिजनों का कहना था कि लोग निर्धारित घंटों के बाद भी उन से मुलाकात करने आ रहे थे. पंत के स्वास्थ्य की देखभाल कर रही मैडिकल टीम के एक सदस्य का कहना था कि ऋषभ को आराम करने के लिए पर्याप्त समय मिलना आवश्यक है. शारीरिक के साथ मानसिक रूप से भी उन्हें आराम की जरूरत है. दुर्घटना में लगी चोटों के कारण वे दर्द में थे.

मिलने आने वाले लोगों से बात करने से उन की ऊर्जा खत्म हो जाती थी. इस ऊर्जा को उन्हें तेजी से ठीक होने के लिए उपयोग में लाना चाहिए. अंततः डाक्टर को कहना पड़ा कि जो लोग उन से मिलने की योजना बना रहे हैं उन्हें अभी इस से बचना चाहिए. ऋषभ पंत को उन्हें आराम करने देना चाहिए.

एक अहम उद्देश्य

अस्पताल में आने का समय सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक और शाम 4 बजे से शाम 5 बजे तक था. इस समय सीमा में केवल एक विजिटर मरीज से मिल सकता है. ऋषभ पंत का मामला एक हाई प्रोफाइल मामला होने की वजह से काफी अधिक लोग मिलने आ रहे थे. इसलिए यह एक बड़ी समस्या बन गई.

Bu hikaye Grihshobha - Hindi dergisinin February First 2023 sayısından alınmıştır.

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