हिना परवीन फ्रीलांस रिपोर्टर हैं. उच्च शिक्षा प्राप्त हैं और कमाई भी अच्छी है. इंगलिश अखबारों में लिखती हैं हिना अपने मातापिता की इकलौती संतान हैं. जब उन के अब्बू का इंतकाल हुआ तो अम्मी अकेली न रहे, इस सोच में हिना ने शादी नहीं की. उन की अम्मी अत्यधिक मोटापे और शुगर की मरीज थीं. स्वयं कुछ कर नहीं पाती थीं. हिना ही उन के सारे काम करती थीं. उन की दवा का ख्याल रखती और वक्तवक्त पर डाक्टरी चैकअप करवाती थीं.
ऐसा नहीं था कि हिना निकाह नहीं करना चाहती थीं. बल्कि मसूद अहमद से उन के प्रेम संबंध कालेज के समय से थे. पर मसूद चाहते थे कि हिना निकाह के बाद उन के घर पर उन के परिवार के साथ रहें. लेकिन हिना अपनी असहाय और बीमार अम्मी को अकेला कैसे छोड़ देती ? लिहाजा कुछ साल बाद मसूद ने अपने परिजनों की इच्छा को देखते हुए दूसरी लड़की से निकाह कर लिया.
वक्त गुजरता गया. आज हिना अपनी उम्र के 52वें पायदान पर हैं. अम्मी का इंतकाल हो चुका है. एक बड़ा घर, अच्छा बैंक बैलेंस होने के साथसाथ अम्मी के दिए हुए जेवर हिना के पास हैं. किसी चीज की कमी नहीं है मगर एक चीज जो उन्हें सालती थी वह किसी बच्चे का प्यार. हिना को बच्चों से हमेशा प्यार रहा. उम्र बढ़ने के साथ जब बच्चे की ललक बढ़ने लगी तो उन्होंने 'कारा' में बच्चा अडौप्ट करने के लिए फौर्म भर दिया. 4 साल के इंतजार के बाद अंततः हिना को 8 वर्षीय प्रिया को गोद लेने का मौका मिला.
गजब का बदलाव
प्रिया को गोद लेने के बाद हिना की जिंदगी में गजब का बदलाव आ गया. अब उन के सामने एक लक्ष्य है अपनी बेटी को अच्छी परवरिश देने का, उसे अच्छी शिक्षा दिलाने और उस के लाइफ में सैटल करने का. प्रिया के रूप में अब हिना को अपने घरजायदाद का वारिस भी मिल गया है.
अम्मी के मरने के बाद हिना बहुत अकेली हो गई थीं. कई बार अवसादग्रस्त हो जाती थीं. मैडिटेशन सैंटर्स के चक्कर लगाती थीं. मगर प्रिया को पाने के बाद वे खुद में बहुत ताजगी और स्फूर्ति पाती हैं.
Bu hikaye Grihshobha - Hindi dergisinin May First 2023 sayısından alınmıştır.
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