ई कौमर्स फीका पड़ रहा नशा
Grihshobha - Hindi|May Second 2023
ई कौमर्स आज की जरूरत जरूर है, मगर थोड़ी सी लापरवाही आप पर कितनी भारी पड़ सकती है, एक बार जानिए जरूर...
सोमा घोष
ई कौमर्स फीका पड़ रहा नशा

ई कौमर्स आजकल तेजी से बढ़ रही है पर यह असल में हमारे निकम्मेपन और सस्ते डिलिवरी बॉयज की देन है. हाल ही में जैप्टो और ब्लिकिट ने अपने दरवाजे बंद कर दिए क्योंकि वे एक डिलिवरी के 15 रुपए डिलिवरी बौयज को दे रही थीं जिन्हें 10 मिनट में ग्राहकों तक सामान पहुंचाना होता था. मगर ग्राहकों को सेवा देर से मिलने की वजह से इन कंपनियों ने बहुत सी जगह डिलिवरी बंद कर दी.

ई कॉमर्स का नशा अब धीरेधीरे फीका पड़ रहा है. अखबारों में भारी छूट के विज्ञापन बंद हो गए हैं. जो सामान दिखाया जाता है वह मिलता नहीं है. छूट भी दिखावटी होती है क्योंकि बाजार में इसी दाम पर सामान मिलने लगा है.

फिर भी सुविधा के कारण लोग अभी भी इस पर निर्भर हैं. कंपनियां भी खुल रही हैं जो अपने ब्रैंडों का सामान थोपने लगी हैं. ई कौमर्स डाउन लोड करना अब कोई मुश्किल नहीं है.

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हर किसी के पास समय की कमी है. ऐसे में औनलाइन शौपिंग आज बहुत पौपुलर हो चुकी है. खरीदारी से ले कर बिक्री तक के सारे माध्यम इस के जरीए उपलब्ध हैं. मगर यदि आप ने सही ऐप डाउनलोड नहीं किया तो जितनी इस से सुविधा मिलती है, उस से कहीं अधिक हानि की भी संभावना बढ़ जाती है.

असल में इंटरनैट के जरीए बिक्री और खरीदारी को ही ई कॉमर्स कहते हैं. इस में इलैक्ट्रौनिक रूप से धन 2 या 2 से अधिक पार्टियों के बीच स्थानांतरित होता है. डैविड कार्ड या क्रेडिट कार्ड की सहायता से किसी भी प्रकार का सामान घर बैठे खरीदा व बेचा जा सकता है.

ई कौमर्स कई

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