बाबू सुंदर सिंह इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलौजी ऐंड मैनेजमेंट की वाइस चेयरपर्सन 42 साल की रीना सिंह अपना पूरा कालेज संभालती हैं. उन के कालेज में 11 हजार से अधिक लड़के लड़कियां पढ़ते हैं. इन से रूबरू होना, इन की समस्याओं को सुनना और कालेज के स्टाफ के बीच काम करना पूरे दिन की व्यस्तता रहती थी.
ऐसे में वे अपनी डाइट और ऐक्सरसाइज का ध्यान नहीं रख पा रही थीं. 40 प्लस के बाद महिलाओं की सेहत में तमाम तरह के बदलाव होते हैं. ये सब मिल कर हैल्थ को बुरी तरह प्रभावित कर रहे थे. काम के बाद की थकान रहती थी. स्ट्रैस बढ़ रहा था. ऐक्सरसाइज करने का मन नहीं होता था.
इन परेशानियों को ले कर जब रीना अपने डाक्टर से बात करती तो वे भी ऐक्सरसाइज करने को कहते. रीना ने इस के a बाद 'ऊर्जा फिटनैस ऐंड डाइट स्टूडियो' जौइन किया. कुछ दिनों के बाद उसे अपने अंदर पौजिटिव बदलाव दिखने लगे. अब वह कालेज और घर के काम के बाद भी पहले जैसे थकती नहीं है.
रीना कहती है, “मैं अपने जिम में मिलने वाले डाइट प्लान और ऐक्सरसाइज को पूरी तरह से मानती हूं. पहले से कहीं अधिक बेहतर अनुभव करती हूं. मैं स्वस्थ्य और फिट रहने के लिए ही जिम जाती हूं. आज महिलाओं को अधिक जिम्मेदारियां निभानी पड़ रही हैं. ऐसे में ऐक्सरसाइज बहुत जरूरी होती है."
हैल्थ इज वैल्थ
पुरानी कहावत है 'हैल्थ इज वैल्थ. ' यह कहावत बताती है कि हैल्थ यानी सेहत ही हमारी वैल्थ यानी संपत्ति होती है. आज के दौर में इस का महत्त्व और भी बढ़ गया है. अगर आप की सेहत अच्छी नहीं है तो कोई भी सुखसुविधा किसी काम की नहीं है, अच्छी सेहत के लिए फिटनैस जरूरी है. इस का महत्त्व बढ़ गया है.
फिटनैस का मतलब जीरो फीगर या सिक्स पैक ऐब्स होना जरूरी नहीं होता है. फिटनैस मतलब अच्छी सेहत होती है. बीमारियों से दूर रहना भी अच्छी सेहत में आता है. शारीरिक रूप से फिट होने के साथसाथ जरूरी होता है कि मैंटल हैल्थ भी ठीक रहे. स्वस्थ, निरोगी और ऊर्जावान बने रहना ही फिटनैस की निशानी होती है. इस के लिए रहनसहन, खानपान संतुलित होना चाहिए ताकि लंबे समय तक स्वस्थ रह सकें और अपनी जिंदगी के मजे ले सकें.
बेहतर होता है पर्सनल ट्रेनर
Bu hikaye Grihshobha - Hindi dergisinin June Second 2023 sayısından alınmıştır.
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