टीनऐज युवा बहुत सारे बदलावों से गुजरते हैं. इस का सब से बड़ा कारण है हारमोंस. एक तरफ जहां शरीर में तेजी से बदलाव आते हैं, वहीं ये हारमोंस उन की फीलिंग्स और भावनाओं में भी कई तरह के बदलाव लाते हैं. प्यार, अट्रैक्शन, गुस्सा, हर्ट होने जैसी फीलिंग्स अब युवाओं में बढ़ने लगती हैं, जहां एक तरफ वे इन फीलिंग्स और बदलावों को समझने की कोशिश कर रहे होते हैं, वहीं स्कूल में पढ़ाई का प्रैशर भी बढ़ने लगता है. यह प्रैशर और हारमोंस बच्चे के बदलते स्वभाव के लिए जिम्मेदार होते हैं.
सकारात्मक रिश्ता बनाए रखने के लिए इन टिप्स को अपनाएं:
जानकारी रखें
भले ही युवा चाहते हैं कि उन पर भरोसा रखा जाए और उन्हें आजादी भी दी जाएं, लेकिन मांबाप इस बात की जानकारी जरूर रखें कि युवा या किशोर कहां जा रहे हैं, किस से मिल रहे हैं, क्या कर रहे हैं या दोस्त कौन हैं.
लक्ष्य तक पहुंचने में करें मदद
हर टीनऐजर अपना एक लक्ष्य बनाता है और उसे पूरा करना चाहता है. ऐसे में मांबाप उस की मदद चाहता है और उसे बताया जाए कि उस के इस लक्ष्य को प्राप्त करने में बड़े उस के साथ हैं, साथ ही असफल होने पर उस के आत्मविश्वास को बनाए रखने में हरसंभव उस की मदद भी करेंगे.
दोस्त बनें
टीनऐजरों की बेहतर परवरिश के लिए पेरैंट्स बनने के साथसाथ एक दोस्त का रिश्ता भी बनाना होगा जिस से किशोर व युवा अपनी परेशानियां या हर तरह की बातें उन के साथ खुल कर साझा कर सकें ताकि वे किसी तरह की गलत चीजों में फंसने से बचे रहें. उन का दोस्ताना व्यवहार टीनऐजरों को करीब रखेगा तभी बड़े उन्हें सहीगलत की जानकारी बेहतर तरीके से बता सकेंगे.
कुछ समय साथ में गुजारें
यह जरूरी है कि बड़े दिनभर में कम से कम 1 घंटा जरूर साथ गुजारें. यह समय साथ खाना खाने का, कुकिंग का या सफाई का हो सकता है या कुछ और रात में सोने से पहले आप साथ में 20-25 मिनट की वाक कर सकते हैं और दिनभर की बातों को साझा कर सकते हैं. टीनऐजरों के साथ वीडियो गेम्स, बोर्ड गेम्स खेले जा सकते हैं. उन से राजनीति पर गंभीर चर्चा की जा सकती है. बुक्स या पत्रिकाओं में लिखी बातों की चर्चा की जा सकती है.
धैर्य रखें
Bu hikaye Grihshobha - Hindi dergisinin October Second 2023 sayısından alınmıştır.
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