यादगार लमहों का नाम है जिंदगी
Grihshobha - Hindi|November Second 2023
पुरानी यादों और लमहे में छिपे प्यार की दौलत को महसूस कर आप किस तरह अपने जीवन में खुश रह सकते हैं, क्या जानना नहीं चाहेंगे...
गरिमा पंकज
यादगार लमहों का नाम है जिंदगी

प्रिया पिछले दिनों अपने पति विराट से लड़ कर मायके आ गई थी. उन का झगड़ा मामूली सी बात पर हुआ था. उस दिन विराट औफिस से थोड़ा परेशान सा घर लौटा था और चाहता था कि प्रिया उस के पास बैठे, जबकि प्रिया अपनी सहेली से बातें करने में व्यस्त थी. इस बीच उस ने जो सब्जी बनाई वह भी थोड़ी सी नीचे से लग गई. ऐसे में विराट खाना खाए बिना उठ गया और उस ने प्रिया को बात भी सुना दी.

इसी बात पर दोनों के बीच बहस हुई जो बढ़ती गई. अंत में रोते हुए प्रिया ने अपना सामान बांधा और मां के पास आ गई. विराट ने भी उसे रोकने की कोशिश नहीं की. इस बात को 4-5 दिन हो चुके थे. दोनों में से किसी ने भी एकदूसरे से बात करने या मनाने की पहल नहीं की.

इस समय प्रिया थी तो मां के घर मगर उस का दिल विराट के पास ही था. कोई भी बात होती तो उसे विराट की याद आ जाती. बहन उसे चाय दे कर जाती तो प्रिया को याद आने लगता कि कैसे विराट ने हाल ही में उस से चाय बनाना सीखा था और कैसे बड़े प्यार से संडे शाम की चाय वही बना कर लाता था.

कहीं कोई गाना बजता तो प्रिया को विराट की याद आती कि कैसे विराट उस का फैवरिट गाना गा कर सुनाता था. वह किसी बात पर हंसती तो भी उसे विराट की हंसी याद आ जाती. मां उसे प्यार करती और उस के बालों में प्यार से हाथ फिराती तो उसे विराट का अपने बालों में हाथ फिराना याद आ जाता. इन मीठीमीठी यादों ने उसे परेशान कर रखा था और ये यादें ही उसे विराट की तरफ खींच रही थीं. मगर आत्मसम्मान का सोच कर वह बिना बुलाए जाना नहीं चाहती थी.

उस दिन प्रिया का जन्मदिन था और उसे सुबहसुबह विराट की याद आने लगी. उस के बर्थडे को ले कर वह बहुत ऐक्साइटेड रहता था. पिछले साल का बर्थडे याद कर उसे रोना आ रहा था. तभी फोन की घंटी बजी. विराट का फोन था.

विराट भीगी आवाज में बोला, “जन्मदिन मुबारक हो. तुम्हारी बहुत याद आ रही है."

प्रिया भी रुंधे गले से बोली, "फिर लेने क्यों नहीं आते?"

"आज ही आ रहा हूं. घर में तुम्हारे बर्थडे की सारी तैयारी कर रखी है. तैयार रहना," विराट की आवाज में खुशी थी.

प्रिया का चेहरा भी खुशी से खिल उठा. पुरानी खूबसूरत यादों ने उन दोनों के बीच आई दूरी को बड़े प्यार से मिटा दिया.

Bu hikaye Grihshobha - Hindi dergisinin November Second 2023 sayısından alınmıştır.

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