क्या है खुश रहने का फौर्मूला
Grihshobha - Hindi|June First 2024
सुखसुविधा से संपन्न जिंदगी जी रहे हैं मगर खुश नहीं रह पाते, तो यह जानकारी आप के लिए ही है...
कुसुम अग्रवाल
क्या है खुश रहने का फौर्मूला

कुछ दिनों पहले मेरा जन्मदिन था. जन्यजन जन्मदिवस के अवसर पर मैं ने स्वादिष्ठ व्यंजन बनाए. व्यंजनों का आनंद लेने के बाद हम लोग पार्क में घूमने निकल गए. कुछ देर घूम घर, लौटने के पश्चात हम ने फोन पर गपशप की और सोने के लिए बिस्तर पर गए कि अचानक मेरे पति ने कहा कि आजकल मैं खुश नहीं रहता हूं. उन की बात सुन कर मुझे बहुत हैरानी हुई क्योंकि मेरा खयाल था कम से कम आज तो उन्हें यह बात नहीं कहनी चाहिए थी क्योंकि आज का दिन तो बहुत अच्छा गुजरा था.

मैं सोच में पड़ गई कि आखिर उन्होंने ऐसा क्यों कहा? इस के पीछे कोई न कोई कारण तो होगा. मैं ने उन्हें कुरेदकुरेद कर बहुत पूछा परंतु हर बार एक ही उत्तर आया कि उन्हें किसी किस्म की कोई परेशानी नहीं है पर फिर भी वे खुश नहीं हैं.

फिर मैं ने स्वयं से प्रश्न किया कि क्या मैं खुश हूं? मेरे मन ने जवाब दिया कि नहीं, शायद तुम भी खुश नहीं हो. तब मेरी चेतना जागी कि आखिर क्यों? हर सुखसुविधा से संपन्न आरामपरस्त जिंदगी जी रहे हैं हम दोनों. फिर भी हम खुश क्यों नहीं हैं?

यह बात मुझे विचलित करने लगी. मैं ने जिंदगी के चिंतन से संबंधित सभी किताबें छान मा. इंटरनैट की सभी साइट्स टटोलीं कि कहीं हमारे नाखुश रहने का कारण और खुशी हासिल करने का कोई तरीका मिल जाए, मैं ने बहुत से तथाकथित संतमहात्माओं की राय भी ली. मगर कहीं से कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला. हार कर मैं अपने डाक्टर के पास गई और उन को अपनी समस्या बताते हुए पूछा कि कहीं यह कोई मानसिक बीमारी तो नहीं है? यदि है तो आप शीघ्र ही इस का इलाज बताइए.

कोई बीमारी तो नहीं

डाक्टर ने मुसकराते हुए कहा कि इसे बीमारी कह भी सकते हैं और नहीं भी. पर इस का इलाज भी आप लोगों के हाथ में ही है क्योंकि किसी व्यक्ति का खुश रहना या नहीं रहना 4 हारमोंस पर निर्भर करता है जोकि हमारे शरीर द्वारा निष्कासित किए जाते हैं. यदि आप का शरीर इन चारों हारमोंस को सही मात्रा में बनाता है तो आप सदा खुश रह सकते हैं.

Bu hikaye Grihshobha - Hindi dergisinin June First 2024 sayısından alınmıştır.

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