In dieser Angelegenheit
समय पत्रिका के नए अंक में पढ़िए डॉ. जो डिस्पेंजा की दो खास किताबें -'यू आर द प्लेसबो' और 'ब्रेकिंग द हैबिट ऑफ बीइंग योरसेल्फ' की ख़ास चर्चा। क्या सिर्फ अपनी सोच की ताकत से हम बीमारियों को ठीक कर सकते हैं? डॉ. जो डिस्पेंजा की किताब 'यू आर द प्लेसबो' इस सवाल का जवाब हां में देती है। उन्होंने अपनी किताब में कई वैज्ञानिक तथ्य और सच्ची घटनाएं बताई हैं जो यह साबित करती हैं कि हमारी सोच और विश्वास हमारे शरीर को बहुत प्रभावित करते हैं। यदि आप अपनी ज़िंदगी में कुछ अच्छा बदलाव लाना चाहते हैं, तो डॉ. जो डिस्पेंजा की किताब 'ब्रेकिंग द हैबिट ऑफ बीइंग योरसेल्फ' आपके लिए बहुत काम की हो सकती है। यह किताब आपको यह समझाती है कि आप अपनी सोच और विश्वास बदलकर अपनी ज़िंदगी को बेहतर बना सकते हैं। आपको यह नहीं सोचना चाहिए कि आप अपनी ज़िंदगी को बदल नहीं सकते, क्योंकि आपकी ज़िंदगी आपके ही हाथ में है। 'एम्पावर यूअर वैल्थ' किताब आपको बताती है कि आप अपनी सोच बदलकर पैसे कैसे कमा सकते हैं। यह किताब आपको समझाती है कि हमारी ज्यादातर आर्थिक समस्याएं हमारे दिमाग की वजह से होती हैं। हम पैसे के बारे में जो सोचते हैं, उसका हमारे जीवन पर बहुत असर पड़ता है। अगर हम पैसे के बारे में गलत सोचते हैं, तो हम कभी भी अमीर नहीं बन पाएंगे। 'नेक्सस' किताब हमें बताती है कि हमने कहानियां, किताबें, इंटरनेट और कंप्यूटर की मदद से बहुत कुछ सीखा है। लेखक ने इस बात पर भी जोर दिया है कि एआई बहुत तेजी से विकसित हो रही है और यह हमारे लिए एक बड़ा खतरा भी बन सकती है।
साथ में नई किताबों की ख़ास चर्चा।
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