DASTAKTIMES Magazine - March 2023
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March - 2023 Edition
फिर से सिर उठा रहा खालिस्तान आंदोलन!
ऑपरेशन ब्लू स्टार के करीब चार दशक पूरे होने को हैं तो एक बार फिर एक व्यक्ति, भिंडरावाले की भांति राज्य और देश की सत्ता को चुनौती देने के लिए खड़ा होता दिख रहा है। यानि 'खालिस्तान' शब्द फिर चर्चा में है और इसके पीछे कारण है सिर्फ एक नाम अमृतपाल सिंह। अमृतपाल 'वारिस पंजाब दे' गुट का मुखिया और खालिस्तान का कट्टर समर्थक हैं।
6 mins
राज्यपाल की नियुक्ति प्रक्रिया और कार्यवाही पर उठता विवाद
जस्टिस अब्दुल नज़ीर से पहले भी कई सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीशों को गवर्नर के पद पर नियुक्त किया जा चुका है। जस्टिस अब्दुल नज़ीर की नियुक्ति पर हंगामा करने वाली कांग्रेस के शासनकाल में भी ऐसे उदाहरण देखने को मिलते रहे हैं। पूर्व न्यायाधीश एस. अब्दुल नज़ीर से पहले हालिया वर्षों में उच्चतम न्यायालय के दो रिटायर्ड जजों को अलग-अलग राज्यों का गवर्नर बनाया गया।
7 mins
सिसोदिया की गिरफ्तारी ने बढ़ाया आप का सिरदर्द
दिल्ली में फिलहाल आम आदमी पार्टी की तीसरी सरकार है। वहीं पंजाब में पूर्ण बहुमत के अलावा बीजेपी के गढ़ रहे दिल्ली नगर निगम में भी उसने जीत दर्ज की। उसके बाद आप ने तमाम अवरोधों के बाद मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव जीत लिया है। माना जा रहा है कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार और केंद्र के बीच बढ़ता राजनीतिक तनाव इसी प्रतिद्वंद्विता का नतीजा है।
5 mins
जी 20 के जरिए उत्तराखंड की वैश्विक पहचान का बजेगा डंका
धामी सरकार जिन आर्थिक सुअवसरों की तलाश में है, उसे नया बूस्ट देने में जी20 का आयोजन एक कारगर मंच साबित होगा। मुख्यमंत्री धामी ने पिछले वर्ष जी20 के सबसे ताकतवर सदस्य देश अमेरिका को उत्तराखंड के राजमा और शहद के स्वाद से परिचित कराया। अमेरिकी बाजारों में उत्तराखंड के उत्पादों का इस तरह पहुंचना निश्चित रूप से बड़ी उपलब्धि है क्योंकि दुनियाभर के देश और उनके राज्य अमेरिकी बाजार में अपने लिए रास्ता तलाशते रहते हैं लेकिन कइयों को यह अवसर नहीं मिल पाता है।
5 mins
दूसरे राज्यों के लिए रोल मॉडल बनेंगे धामी के फैसले
मुख्यमंत्री धामी अब तक अनेक चुनौतियों के बीच कसौटी पर खरे उतरे हैं। चुनौतयों का जिस तरह से मुख्यमंत्री ने समाधान किया, उसका जनता ने स्वागत किया है। भर्ती परीक्षाओं की शुचिता के दृष्टिगत देश का सबसे सख्त नकलरोधी कानून उत्तराखंड में आया है। इससे युवा और जनमानस खुश है। भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टालरेंस की नीति का पूरी पारदर्शिता के साथ पालन किया गया है। मतांतरण कानून हो या समान नागरिक संहिता, इस दिशा में बेहतर पहल हुई है। भर्ती घोटालों से निपटने में पारदर्शिता हो या जोशीमठ आपदा से निबटने के प्रयास, मुख्यमंत्री ने अपनी सूझबूझ से कार्य कर स्वयं को साबित किया है।
6 mins
धुआंधार फैसलों ने बढ़ाई लोकप्रियता
धामी को घेरने की विरोधियों की हर कोशिश नाकाम
4 mins
अखिलेश की योगी से 'निजी खुन्नस' वाली सियासत
सपा के लिए हानिकारक है
8 mins
संभव है विपक्षी एकता ?
यदि मोदी को सत्ता से बेदखल करना है तो देशभर की सारी विपक्षी पार्टियों को एक मंच पर आना होगा। इन विपक्षी पार्टियों में अधिकांश क्षेत्रीय पार्टियां हैं। इनमें से कई क्षेत्रीय पार्टियां ऐसी भी हैं जिनकी अपने-अपने राज्यों में खासी पकड़ है। यह बात सही है कि यदि विपक्षी पार्टियां एक मंच पर आ जाती हैं तो फिर भाजपा और मोदी के लिए 2024 की चुनावी वैतरणी को पार कर पाना आसान नहीं होगा। लेकिन इससे इतर सवाल यह है कि विपक्षी दल एक कब होंगे?
10+ mins
खण्ड-खण्ड हुए बाला साहेब के सपने
महाराष्ट्र में जून 2022 में सीएम एकनाथ शिंदे और उनके समर्थक विधायकों को उद्धव ठाकरे गुट ने अयोग्य ठहराने की मांग की थी। हालांकि, ठाकरे गुट की मांग से पहले ही शिंदे गुट की ओर से डिप्टी स्पीकर सीताराम जिरवाल को हटाने का नोटिस लंबित था । अरुणाचल प्रदेश के 2016 के नबाम रेबिया मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि यदि स्पीकर को हटाने की याचिका लंबित हो तो स्पीकर विधायकों की अयोग्यता प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ सकते।
7 mins
असम को विकास की नई राह दिखा रहे डॉ हिमंत
हिमंत बिस्व शर्मा ने बहुत ही कठिन व चुनौतीपूर्ण दौर में राज्य की बागडोर संभाली थी। जब 10 मई 2021 को हिमंत सरकार का शपथ ग्रहण हुआ तब उस वक्त असम ही नहीं अपितु पूरा देश कोरोना की दूसरी और पहले से भी ज्यादा जानलेवा लहर का सामना कर रहा था। कोरोना की विभीषिका के कारण उत्पन्न स्वास्थ्य व आर्थिक संकट ने आम जनजीवन को गंभीर रूप से प्रभावित किया था।
4 mins
बाल विवाह का खात्मा कर ही दम लेने के मूड में हिमंत सरकार
केंद्र सरकार द्वारा सन 2019-20 में किए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (एनएफएचएस-5) के हवाले से बताया गया है कि असम में मातृ और शिशु में मृत्यु का दर अधिक पाया गया है और इसका मूल कारण बाल विवाह है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार असम में औसतन 31 फीसदी लड़कियों की शादी 18 साल की कानूनी उम्र से पहले कर दी जाती है।
4 mins
ईडी के शिकंजे में इंजीनियर राजनेताओं व अधिकारियों की बढ़ी बेचैनी
झारखंड पुलिस के एसीबी ने 11 जनवरी 2020 को सुरेश प्रसाद वर्मा व आलोक रंजन के विरुद्ध भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम में चार्जशीट की थी। उस चार्जशीट के आधार पर ही ईडी ने 17 सितंबर 2020 को केस दर्ज किया था। दरअसल 13 नवंबर 2019 को एसीबी जमशेदपुर में जय माता दी इंटरप्राइजेज के ठेकेदार विकास कुमार शर्मा ने सड़क निर्माण विभाग के कनिष्ठ अभियंता सुरेश प्रसाद वर्मा के विरुद्ध भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम में केस प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
4 mins
भारत की प्रोएक्टिव सॉफ्ट डिप्लोमेसी का प्रमाण पेश करता ऑपरेशन दोस्त
इस प्राकृतिक त्रासदी की घड़ी में भारत की तरफ से चलाए गए ऑपरेशन दोस्त ने भारत की मानवीयता को विश्व पटल पर रखा और भारत की इस नीति की टर्की तक ने खुलकर प्रशंसा की। इस ऑपरेशन के तहत एनडीआरएफ की कई टीमें तुर्किये और सीरिया में राहत बचाव कार्य के लिए भेजी गईं और साथ ही दोनों देशों को मेडिकल सुविधाएं भी प्रदान की गईं।
7 mins
जातियां राष्ट्रीय एकता में बाधक
‘हिस्ट्री ऑफ कास्ट इन इंडिया' में डॉ. केतकर ने लिखा है, 'यह एक सामाजिक समूह होती हैं। इसकी सदस्यता संतति और इस प्रकार जन्मे लोगों तक ही सीमित रहती है। इसके सदस्यों पर कठोर सामाजिक नियमों के अधीन समाज के बाहर विवाह न करने पर पाबंदी रहती है।' यहां जाति का सबसे प्रमुख गुण है कि जाति समूह के बाहर विवाह करने पर पाबंदी रहती है।
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Publisher: DASTAK TIMES
Category: News
Language: Hindi
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