Sarita Magazine - February Second 2025

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The flagship magazine of the group that best embodies its ideology of fighting against religious obscurantism and political authoritarianism. Since its launch, Sarita has maintained a bold stance on issues of national importance and has been at the forefront of a crusade against the fetters that hinder the progress of our society.
औरत और कोख के बीच क्यों आए सरकार
संतानहीन दंपतियों की संख्या बढ़ती जा रही है. ऐसे में सरोगेसी प्रक्रिया बेहतर विकल्प है. लेकिन देश का सरोगेसी कानून कोख पर पहरा जैसा है. इस के कई बिंदुओं में सुधार किए जाने की बात देश का सर्वोत्तम न्यायालय भी कह रहा है.

10+ mins
अब वक्फ संपत्तियों पर गिद्ध नजर
मुसलिम समाज के पास कितनी वक्फ संपत्ति है और उसे किस तरह उस से छीना जाए, मसजिदों पर पंडों पुजारियों को कैसे बिठाया जाए, इस को ले कर लंबे समय से कवायद जारी है. इस के लिए एक्ट में संशोधन के बहाने भाजपा नेता जगदम्बिका पाल की अध्यक्षता में जौइंट पार्लियामेंट्री कमेटी का गठन किया गया, जिस में दिखाने के लिए कुछ मुसलिम नेता तो शामिल किए गए लेकिन उन के सुझावों या आपत्तियों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया.

10+ mins
डांवांडोल आप का भविष्य
कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी की अपनी अलग विचारधारा है, जिन पर ये चलती हैं. लेकिन कुकुरमुत्तों की तरह अचानक उग आई पार्टियों के पास अपनी कोई सशक्त विचारधारा नहीं होती. नतीजतन, 5-10 साल सत्ता में रह कर भी वे कामयाब नहीं हो पातीं और ऐसे में पार्टी के भविष्य पर सवाल खड़े होने लगते हैं.

7 mins
कहां जाता है दान का पैसा
उज्जैन के महाकाल मंदिर दर्शन घोटाले की एफआईआर अभी दर्ज ही हो रही थी कि नई सनसनी वृंदावन के इस्कौन मंदिर से आई कि वहां भी एक सेवादार करोड़ों का चूना लगा कर भाग गया. ऐसी खबरें हर उस मंदिर से आएदिन आती रहती हैं जहां भक्तों की भीड़ उमड़ती है. जाहिर है, यह भीड़ भगवान को पैसा चढ़ाने ही आती है जिसे मंदिर के सेवादार झटक लें तो हैरानी किस बात की.

10 mins
जातिवाद का मकड़जाल और उस का हल
वरिष्ठ सांसद व लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की कांग्रेस में 'हिस्सेदारी न्याय' पार्टीलाइन व रणनीति का केंद्रबिंदु बन रहा है. सवाल यह कि खुद उन की पार्टी के सवर्ण नेता इस घोषणा को मानते हैं, यह सोचने वाली बात है.

7 mins
घर में ही सब से ज्यादा असुरक्षित हैं औरतें
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट यह स्पष्ट रूप से बताती है कि महिलाओं के लिए घर ही सब से असुरक्षित स्थान बन चुका है. इस असुरक्षा का समाधान समाज और सरकार की ओर से समग्र दृष्टिकोण अपनाने से ही संभव हो सकता है.

9 mins
कोहिनूर है जीवनसाथी संभाल कर रखें
जीवनसाथी की मृत्यु के बाद उस से बिछुड़ना हो या तलाक के बाद अलग होना, दोनों ही स्थितियों में जीना मुश्किल हो जाता है, इसलिए समय रहते ही जीवनसाथीरूपी कोहिनूर की कद्र करें, ताकि उस के संग खुशहाल जीवन जी सकें.

8 mins
मेहमान बनें बोझ नहीं
घर में मेहमान आते हैं तो चहलपहल बनी रहती है. लेकिन मेहमान अगर मेहमाननवाजी कराने के लिए आएं तो मेजबान के पसीने छूट जाते हैं और उसे चिड़चिड़ाहट होने लगती है. ऐसे में जरूरी है कि मेहमान कुछ एथिक्स का ध्यान रखें.

3 mins
जिंदगी अभी बाकी है
जीवन का सफर हर मोड़ पर नए अनुभव और सीखने का मौका देता है. पार्टनर का साथ नहीं रहा, बढ़ती उम्र है, लेकिन जिंदगी खत्म तो नहीं हुई न. इस दौर में भी हर दिन एक नई उमंग और आनंद से जीने की संभावनाएं हैं.

4 mins
पति की कमाई पर पत्नी का कितना हक
पति और पत्नी के बीच कमाई व खर्चों को ले कर कलह जब हद से गुजरने लगती है तो नतीजे किसी के हक में अच्छे नहीं निकलते. बात तब ज्यादा बिगड़ती है जब पति अपने घर वालों पर खर्च करने लगता है. ऐसे में क्या पत्नी को उसे रोकना चाहिए?

8 mins
भाभी, न मत कहना
सुवित को अपने सामने देख समीरा के होश उड़ गए. अपने दिल को संभालना मुश्किल हो रहा था उस के लिए. वक्त कैसा खेल खेल रहा था उस के साथ?

4 mins
अमीरों के संरक्षण व संवर्धन की अभिनव योजना
गरीबों के लिए तो सरकार कई योजनाएं बनाती है लेकिन गरीबों का उद्धार करने वाले अमीरों को क्यों वंचित किया जाए उन के लग्जरी जीवन को और बेहतर बनाने से. समानता का अधिकार तो भई सभी वर्गो के लिए होना चाहिए.

6 mins
शादी से पहले जब न रहे मंगेतर
शादी से पहले यदि किसी लड़की या लड़के की अचानक मृत्यु हो जाए तो परिवार वालों से अधिक ट्रौमा उस के पार्टनर को झेलना पड़ता है, उसे गहरा आघात लगता है. ऐसे में कैसे डील करें.

4 mins
मुफ्त में मनोरंजन अफीम की लत या सिनेमा की फजीहत
बौलीवुड की अधिकतर फिल्में बौक्स ऑफिस पर लगातार असफल हो रही हैं. ऐसा क्यों हो रहा है, इस पर विचार करने की जगह यह इंडस्ट्री चुनावी नेताओं की तरह बीचबीच में फ्रीबीज की घोषणा कर देती है. इस से हालात क्या सुधर सकते हैं?

9 mins
Sarita Magazine Description:
Publisher: Delhi Press
Category: News
Language: Hindi
Frequency: Fortnightly
Sarita Magazine is a fortnightly Hindi magazine published by the Delhi Press Group. It was first published in 1945. The magazine targets women, and embodies the ideology of social and familial reconstruction.
Sarita Magazine is known for its wide range of content, including:
* Family stories: Sarita Magazine features stories about family relationships, including parent-child relationships, husband-wife relationships, and sibling relationships.
* Social issues: Sarita Magazine also covers a variety of social issues, such as gender equality, women's empowerment, and child welfare.
* Culture and tradition: Sarita Magazine also features articles on Indian culture and tradition, including festivals, customs, and beliefs.
* Health and lifestyle: Sarita Magazine also covers health and lifestyle topics, such as nutrition, fitness, and beauty.
* Fashion and entertainment: Sarita Magazine also features articles on fashion and entertainment, including the latest trends in clothing, movies, and music.
Sarita Magazine is a valuable resource for women who are interested in a variety of topics, including family, society, culture, health, lifestyle, fashion, and entertainment. It is a must-read for any woman who is looking to stay informed about the latest trends and developments in these areas.
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