Sarita - January Second 2024Add to Favorites

Sarita - January Second 2024Add to Favorites

انطلق بلا حدود مع Magzter GOLD

اقرأ Sarita بالإضافة إلى 9,000+ المجلات والصحف الأخرى باشتراك واحد فقط  عرض الكتالوج

1 شهر $9.99

1 سنة$99.99 $49.99

$4/ شهر

يحفظ 50%
عجل! العرض ينتهي في 8 Days
(OR)

اشترك فقط في Sarita

سنة واحدة $10.99

يحفظ 57%

شراء هذه القضية $0.99

هدية Sarita

7-Day No Questions Asked Refund7 أيام بدون أسئلة
طلب سياسة الاسترداد

 ⓘ

Digital Subscription.Instant Access.

الاشتراك الرقمي
دخول فوري

Verified Secure Payment

تم التحقق من أنها آمنة
قسط

في هذه القضية

For more than 6 decades, Sarita has been one of the most trusted voices of social change.. The magazine features insightful commentary on social and political issues, thoughtful and entertaining fiction, as well as a distinctive mix of articles on subjects ranging from economy, travel, health, poetry, life and entertainment. It has remained one of most widely read Hindi magazines over the last seven decades.

युवा नेताओं को नहीं मिलने वाली है सत्ता

राजनीति में सभी दलों पर बूढ़ों का दबदबा है और जो युवा लाए भी जा रहे हैं उन्हें फैसले लेने का कोई हक नहीं. कल तक झंडे लगाने वाले आज नेता बन बैठे ये युवा सिर झुका कर हुक्म की तामील करने के लिए हैं. अपने दम पर आए मेधावी युवाओं की तादाद न के बराबर है और उन्हें भी पार्टी, जहां सत्ता में है, काम नहीं करने दे रही.

युवा नेताओं को नहीं मिलने वाली है सत्ता

10+ mins

लोकसभा चुनाव से पहले तेज हुई ईडी

पक्षविपक्ष के तमाम नेताओं की अलमारियांतिजोरियां सोने के बिस्कुट और नोटों की गड्डियों से भरी हैं. हमाम में सब नंगे हैं, मगर खुलासा सिर्फ विपक्षियों का होता है और सत्ताधारी 'भ्रष्टभ्रष्ट' का शोर मचाते हैं. जनता सब समझती है कि कौन कितने पानी में है.

लोकसभा चुनाव से पहले तेज हुई ईडी

10+ mins

ट्रक ड्राइवरों से मुंह की खाई

आखिर ऐसा क्यों है कि मोदी सरकार को बारबार अपने कानून वापस लेने की शर्मनाक स्थिति से गुजरना पड़ रहा है? जनता के बीच से जनता द्वारा चुन कर संसद में बिठाए गए जनप्रतिनिधि जनता के लिए कोई कानून बनाने से पहले उस पर जनता का नजरिया क्यों नहीं समझ पा रहे हैं?

ट्रक ड्राइवरों से मुंह की खाई

7 mins

महिला सशक्तीकरण की मिसाल रैसलर विनेश फोगाट

सरकारी उच्च पदों पर महिलाएं अपने संघर्ष व मेहनत से नहीं, नियमकानून से पहुंचती हैं. उन को महिला सशक्तीकरण से जोड़ कर नहीं देखना चाहिए. महिला सशक्तीकरण का असल उदाहरण विनेश फोगाट जैसी खिलाड़ी हैं जो व्यवस्था के खिलाफ खड़ी हो कर अपनी मुश्किलें बढ़ाने से भी डर नहीं रहीं.

महिला सशक्तीकरण की मिसाल रैसलर विनेश फोगाट

5 mins

पुतिन को औरतों की नहीं बच्चों की चिंता

पुतिन ही नहीं, भारत के कट्टरवादी लोग भी औरतों को बच्चा पैदा करने की मशीन बना देना चाहते हैं. इस के पीछे के उद्देश्य में फर्क है. पुतिन सेना में सिपाही के लिए जनसंख्या बढ़ाना चाहते हैं जबकि भारत के लोग पूजापाठी जन्मोत्सव में पूजा-दक्षिणा के लिए ज्यादा बच्चे चाहते हैं.

पुतिन को औरतों की नहीं बच्चों की चिंता

4 mins

तलाक चट मंगनी पट ब्याह जैसा हो

देशभर की अदालतों में तलाक के लाखों मुकदमे चल रहे हैं जिन में पतिपत्नी दोनों परेशान होते तमाम तरह के तनाव झेलते हैं. फैसले में देरी उन की दुश्वारियों को और बढ़ाती है. तलाक के लिए किसी वजह के होने की अनिवार्यता और बाध्यता से कई झंझटें पैदा होती हैं. अगर तलाक भी चट मंगनी पट ब्याह की तर्ज पर तुरंत होने लगे तो इस में हर्ज क्या है?

तलाक चट मंगनी पट ब्याह जैसा हो

5 mins

शिक्षा के नाम पर धर्मप्रचार क्यों

विकास के मुद्दे अब मंदिर, मसजिद, मठ, घाट, गुरुद्वारे बन कर रह गए हैं. शिक्षास्थलों में भी धर्मप्रचार का काम किया जा रहा है. इस से न सिर्फ साइंटिफिक टैंपरामैंट खत्म होता है बल्कि तार्किक क्षमता पर भी असर पड़ता है, जो कि नव युवाओं में देखा जा रहा है.

शिक्षा के नाम पर धर्मप्रचार क्यों

6 mins

प्यार में ब्रेकअप आत्महत्या बुद्धिमानी नहीं

प्यार में असफलता या ब्रेकअप के चलते आत्महत्या जैसा आत्मघाती कदम उठा लेना कतई बुद्धिमानी काम नहीं. राजनांदगांव के अभिषेक नरेडी ने यही गलती या मूर्खता की थी जिस पर बिलासपुर हाईकोर्ट ने इस इनकार कर दिया कि उस बात से से की प्रेमिका ने उसे आत्महत्या करने के लिए उकसाया था.

प्यार में ब्रेकअप आत्महत्या बुद्धिमानी नहीं

5 mins

पहली हिंसा में ही पत्नी करे विरोध

पतिपत्नी के बीच घरेलू विवाद नई बात नहीं है. यह विवाद जब हिंसा में बदल जाता है तब बड़ी घटना घट सकती है, जो पतिपत्नी दोनों पर भारी पड़ जाती है. ऐसे में जरूरी यह है कि पतिपत्नी के बीच हिंसा जैसे हो, तभी उस का विरोध हो. हिंसा को यह समझ कर न सहें कि आगे सब ठीक हो जाएगा.

पहली हिंसा में ही पत्नी करे विरोध

5 mins

पेट को न बनाएं बीमारियों का अड्डा

कहते हैं पेट सही रहता है तो आधी बीमारियां यों ही ठीक हो जाती हैं. पेट शरीर का ऐसा हिस्सा है जो गलत खानपान के चलते बीमारियों का अड्डा बन सकता है. ऐसे में जानिए पेट से जुड़ी बीमारियों से बचाव के उपाय.

पेट को न बनाएं बीमारियों का अड्डा

4 mins

قراءة كل الأخبار من Sarita

Sarita Magazine Description:

الناشرDelhi Press

فئةNews

لغةHindi

تكرارFortnightly

Sarita Magazine is a fortnightly Hindi magazine published by the Delhi Press Group. It was first published in 1945. The magazine targets women, and embodies the ideology of social and familial reconstruction.

Sarita Magazine is known for its wide range of content, including:

* Family stories: Sarita Magazine features stories about family relationships, including parent-child relationships, husband-wife relationships, and sibling relationships.
* Social issues: Sarita Magazine also covers a variety of social issues, such as gender equality, women's empowerment, and child welfare.
* Culture and tradition: Sarita Magazine also features articles on Indian culture and tradition, including festivals, customs, and beliefs.
* Health and lifestyle: Sarita Magazine also covers health and lifestyle topics, such as nutrition, fitness, and beauty.
* Fashion and entertainment: Sarita Magazine also features articles on fashion and entertainment, including the latest trends in clothing, movies, and music.

Sarita Magazine is a valuable resource for women who are interested in a variety of topics, including family, society, culture, health, lifestyle, fashion, and entertainment. It is a must-read for any woman who is looking to stay informed about the latest trends and developments in these areas.

  • cancel anytime إلغاء في أي وقت [ لا التزامات ]
  • digital only رقمي فقط