युवा नेताओं को नहीं मिलने वाली है सत्ता
Sarita|January Second 2024
राजनीति में सभी दलों पर बूढ़ों का दबदबा है और जो युवा लाए भी जा रहे हैं उन्हें फैसले लेने का कोई हक नहीं. कल तक झंडे लगाने वाले आज नेता बन बैठे ये युवा सिर झुका कर हुक्म की तामील करने के लिए हैं. अपने दम पर आए मेधावी युवाओं की तादाद न के बराबर है और उन्हें भी पार्टी, जहां सत्ता में है, काम नहीं करने दे रही.
भारत भूषण श्रीवास्तव, शैलेंद्र और चंद्रकला
युवा नेताओं को नहीं मिलने वाली है सत्ता

2024 की शुरुआत ही देशभर के कोई 90 लाख ड्राइवरों की हड़ताल से हुई थी. यह हड़ताल एक नए बनाए गए कानून के विरोध में थी जिस पर सरकार ने तुरंत झुकने में ही अपनी बेहतरी समझी. पूरे रंग पर हड़ताल आ पाती, इस से पहले ही सरकार और ड्राइवरों के बीच समझौता हो गया.

समझौता केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला और औल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के पदाधिकारियों के बीच हुआ. हां ताकि ड्राइवरों को यह खुशखबरी ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के अध्यक्ष अमृतलाल मदान ने देते हुए कहा, 'गृहमंत्री अमित शाह मान गए हैं जबकि वे बैठक में नहीं थे.

हर कोई इस पिक्चर में परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के ही होने की उम्मीद कर रहा था क्योंकि मामला उन के मंत्रालय से संबंधित था. उन के न होने से एक बार फिर साबित हो गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें भी हाशिए पर ही रख छोड़ा है. उन के हिस्से में अपने राजनीतिक जीवन के संस्मरण सुनाना भर रह गया है. हिट एंड रन कानून पर हड़ताल खत्म होने के बाद भी नितिन गडकरी ड्राइवरों की आंखों में मोतियाबिंद होने का किस्सा सुना रहे थे.

ठीक इसी दिन सोशल मीडिया पर भाजपा का लोकसभा चुनाव 2024 को ले कर एक गाना तेजी से वायरल हो रहा था. इस गाने में एक सुंदर युवा गायिका अनामिका जैन अम्बर गेरुए वस्त्र पहन गा रही है, 'तय कर लो अब सत्य सनातन की छाया हो शासन पर, रामभक्त ही राज करेगा दिल्ली के सिंहासन पर...' 3 मिनट एक सैकंड के इस वीडियो में नदी किनारे गायिका और उस की साथियों के अलावा बैकग्राउंड में मंदिर और नरेंद्र मोदी के पूजापाठ करते दृश्य दिखाई दे रहे हैं. भगवान राम नरेंद्र मोदी को आशीर्वाद देते हुए भी एक दृश्य में दिखाई दे रहे हैं.

नितिन गडकरी सहित भाजपा की दूसरी पीढ़ी के तमाम नेताओं ने लोकसभा चुनाव प्रचार का यह आगाज देख लिया होगा कि पार्टी ने तीसरी बार मोदी का चेहरा बतौर प्रधानमंत्री पेश कर दिया है. उन्हें सपने में भी यह नहीं सोचना कि वे कभी प्रधानमंत्री बन पाएंगे.

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