News Times Post Hindi - February 16 - 29, 2020Add to Favorites

News Times Post Hindi - February 16 - 29, 2020Add to Favorites

انطلق بلا حدود مع Magzter GOLD

اقرأ News Times Post Hindi بالإضافة إلى 9,000+ المجلات والصحف الأخرى باشتراك واحد فقط  عرض الكتالوج

1 شهر $9.99

1 سنة$99.99 $49.99

$4/ شهر

يحفظ 50%
عجل! العرض ينتهي في 5 Days
(OR)

اشترك فقط في News Times Post Hindi

شراء هذه القضية $0.99

Subscription plans are currently unavailable for this magazine. If you are a Magzter GOLD user, you can read all the back issues with your subscription. If you are not a Magzter GOLD user, you can purchase the back issues and read them.

هدية News Times Post Hindi

في هذه القضية

इस बार का केंद्रीय बजट विजन-एक्शन से भरपूर है’ - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस दावे से असहमत न होते हुए भी कहा जा सकता है कि ये दोनों समानान्तर चलते नहीं दिख रहे। कहने का तात्पर्य कि विजन के समर्थन में गिनाने के लिए बहुत कुछ है। जैसे-2030 तक दुनिया की सबसे बड़ी कार्यशील आबादी के हाथों को काम देने, रोजगारपरक विशेष प्रशिक्षण, वंजित छात्रों के लिए ऑनलाइन शिक्षा, गुणवत्तापरक इनोवेटिव शिक्षा के लिए नई शिक्षा नीति लाने की तैयारी और भारत को शिक्षा के क्षेत्र में विश्व के दिग्गजों की जमात में खड़ा करने व ‘स्टडी इन इण्डिया’ के लिए कर्ज और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश जुटाने का उपक्रम आदि। लेकिन एक्शन की दृष्टि से देखें तो अभी बहुत कुछ अधूरा लगता है। विजन के इन एजेण्डों का मूल आधार शिक्षा होते हुए भी उसके लिए आवंटन प्रस्ताव को पर्याप्त नहीं कहा जा सकता। मात्र 4.67 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ शिक्षा के लिए आवंटन प्रस्ताव 99,300 करोड़ रुपये का ही है। 30 करोड़ की छात्र संख्या और 14 लाख स्कूल व 51 हजार कॉलेज के सापेक्ष यह अखरने वाला आंकड़ा है। ग्लोबल वैल्यू चेन बनाने की योजना के साथ तकनीकी क्षेत्र में रोजगार बढ़ाने पर जोर दिया गया है। इसके लिए नई स्मार्ट सिटी, इलेक्ट्रानिक विनिर्माण, डॉटा सेंटर पार्क, जैव प्रौद्योगिकी, क्वाण्टम टेक्नालाजी पार्क की स्थापना के प्रस्ताव जरूर हैं, लेकिन इसके लिए मेधाओं को तैयार करने के प्रति ठोस प्रस्ताव नहीं दिखता।

समाज को मूल्य आधारित सूचना जल्द पहुंचाएं

हमारा समाज रूढ़िवादी नहीं, परिवर्तन को स्वीकार करने वाला है। गतिशीलता हमारे संगठन की पहचान है इसलिए मौजूदा परिवेश में हमें काफी सक्रिय और सजग रहना होगा। साथ में संगठन और उसके संघर्ष के स्वरूप को समझ कर आगे बढ़ना होगा। भारत के जीवन प्रवाह को लेकर विरोधी विचार वालों के प्रचारतंत्र का मुकाबला करने के लिए प्रचार के नए साधनों जैसे, सोशल मीडिया, शार्ट फिल्म एवं फीचर फिल्म का इस्तेमाल करना चाहिए। इन साधनों के साथ जनजागरण के कार्यक्रमों को प्रमुखता देनी चाहिए। गतिशीलता ही हमारे संगठन की धरोहर और पहचान है। इस विश्वास को कायम रखने के लिए हमारा सदैव सक्रिय रहना आवश्यक है। साथ में अपने वैचारिक संगठन और उसके संघर्ष के स्वरूप को समझ कर अपनी रणनीति तय करनी चाहिए।

समाज को मूल्य आधारित सूचना जल्द पहुंचाएं

1 min

फिर लटकी दोषियों की फांसी

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया कांड के दोषियों के डेथ वारंट पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। तिहाड़ जेल प्रशासन की दोषियों को जल्द फांसी पर लटकाने के आग्रह वाली याचिका पर 7 फरवरी को सुनवाई करने के बाद पटियाला हाउस कोर्ट ने नया डेथ वारंट जारी करने से इनकार कर दिया। अदालत ने कहा कि जब कानून दोषियों को जिंदा रहने की इजाजत देता है, तो उन्हें फांसी देना 'पाप' होगा। अदालत ने कहा कि केवल अटकलों और अनुमानों के आधार पर डेथ वारंट नहीं जारी किया जा सकता है। दरअसल, 5 फरवरी को ही दिल्ली हाईकोर्ट ने निर्भया के दोषियों को अपने सभी उपलब्ध न्यायिक विकल्पों का इस्तेमाल करने के लिए 7 दिनों ( 11 फरवरी तक) की मोहलत दी थी। यही नहीं, हाईकोर्ट ने चारों दोषियों में जिनकी कोई याचिका लंबित नहीं है अथवा जिनके पास कोई न्यायिक विकल्प शेष नहीं है, उन्हें अलग-अलग फांसी देने का आदेश देने से भी इनकार कर दिया था।

फिर लटकी दोषियों की फांसी

1 min

दिल्ली फिर 'आप' की

भाजपा ने 2019 का लोकसभा चुनाव नरेंद्र मोदी के चेहरे पर लड़ा और उसे 303 सीटें मिलीं । तब भाजपा ने प्रचारित किया था कि मोदी के सिवा देश में कोई विकल्प नहीं है। ' आप' ने इसी से सबक लेकर इस बार दिल्ली विधानसभा के चुनाव में यह प्रचारित किया कि केजरीवाल का कोई विकल्प नहीं है । इसका उसे फायदा भी मिला । पुरानी गलतियों से सबक लेते हुए केजरीवाल ने इस बार रणनीति बदली और 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी पर निजी हमले करने की गलतियां नहीं दोहराईं । आप के लिए एक और बात लाभदायक साबित हुई कि कांग्रेस के मुकाबले से बाहर होने की वजह से चुनाव त्रिकोणीय नहीं बना ।

दिल्ली फिर 'आप' की

1 min

जनोन्मुखी विकास का वादा

वर्ष 2020-21 के केंद्रीय बजट में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने विश्वास दिलाने का प्रयास किया है कि यह जनोन्मुखी, राष्ट्र को ठोस आर्थिक आधार दिलाने वाला और भारत को पांच ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने की ओर ले जाने वाला है। इस बजट का थीम है- 'आकांक्षी भारत, सबके लिए आर्थिक विकास करने वाला भारत और सबकी देखभाल करने वाला भारत' । इसमें लोकलुभावन घोषणाओं की परम्परा का भी निर्वाह किया गया है के लिए संसाधन जटाने के मकसद से कडे फैसले की मजबरी भी बताई गई है। करदाताओं को आश्वस्त करने के लिए वित्तमंत्री ने कालिदास के 'रघुवंश' की पंक्तियां भी सुनाईं- 'सूर्य जल की नन्हीं बूंदों से वाष्प लेता है। यही राजा भी करता है। बदले में वह प्रचुर मात्रा में लौटाता है। वह लोगों के कल्याण के लिए संग्रह करता है। लेकिन आयकर में राहत की मध्यवर्ग की उम्मीदों पर पानी फेरते हुए वैकल्पिक आयकर प्रणाली का लॉलीपॉप थमा दिया, जिसमें छूट की पुरानी व्यवस्था समाप्त कर दी गई है। रोजगार सृजन के लिए उद्योगों के साथ ही कृषि को महत्व देने से दूरगामी परिणामों की उम्मीद की जा सकती है, लेकिन शिक्षा-रक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए बजट में अपेक्षित बढ़ोतरी न करना अखरने वाला भी है।

जनोन्मुखी विकास का वादा

1 min

योजनाओं में शिक्षा को मिले उचित स्थान

दुर्भाग्य से भारत में शिक्षा को वरीयता न देकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का बहुत कम अंश लगाया जाता रहा है। अब तक दो-तीन प्रतिशत तक ही यह सीमित रहा है, जबकि 6 प्रतिशत के लिए वर्षों से सैद्धांतिक सहमति बनी हुई है। इस बार भी बजट में इस पक्ष की अनदेखी की गई है। इस साल के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शिक्षा क्षेत्र में वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 99,300 करोड़ रुपये की घोषणा की है। यह धनराशि बीते वित्त वर्ष 2019-20 से करीब पांच हजार करोड़ रुपये अधिक है। बीते वित्त वर्ष 2019-20 में शिक्षा क्षेत्र को 94,853.64 करोड़ रुपये दिए गए थे। भविष्य के भारत के निर्माण के लिए शिक्षा में निवेश पर गंभीरता से विचार जरूरी है। शिक्षित समाज ही अपनी सक्रिय और सक्षम भागीदारी से भारत के लोकतंत्र को सशक्त बना सकेगा। अतएव सरकार को बजट में शिक्षा के लिए अधिक आवंटन करना चाहिए।

योजनाओं में शिक्षा को मिले उचित स्थान

1 min

अपराधों पर लगाम की चुनौती कायम

बेहतर कानून-व्यवस्था के नारे के साथ सत्ता में आई योगी आदित्यनाथ की सरकार 19 मार्च को तीन साल पूरे करने जा रही है। हालांकि यह सरकार भी कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर सबसे ज्यादा आलोचना की शिकार है। बीते दिनों सरकार ने प्रदेश की पुलिसिंग व्यवस्थाओं में बड़ा बदलाव करते हुए राजधानी लखनऊ और नोएडा में कमिश्नर प्रणाली लागू कर एडीजी सुजीत पांडेय को लखनऊ का पहला पुलिस कमिश्नर, आईजी नवीन आरोड़ा को ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर (कानून- व्यवस्था), आईजी एन. चौधरी को ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर (क्राइम एण्ड हेड क्वार्टर) बनाया । बतौर नोएडा पुलिस कमिश्नर कमान एडीजी आलोक सिंह को सौंपी गई। नए पुलिस कमिश्नर की प्राथमिकताओं में भी कानून-व्यवस्था में सुधार और अपराधों पर लगाम लगाना है और वे एक्शन में भी हैं। इसके बावजूद अभी तक कोई ठोस नतीजा नहीं दिखता।

अपराधों पर लगाम की चुनौती कायम

1 min

बढ़ते शहरीकरण व जलवायु परिवर्तन पर चिंता

साहित्य का महाकुंभ पांच दिवसीय 'जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल-2020' का 13वां संस्करण 28 जनवरी को संपन्न हो गया। इस फेस्टिवल में 30 देशों के 500 से अधिक वक्ताओं और कलाकारों ने भागीदारी कर नई पीढ़ी को संस्कृति और साहित्य से रू-ब-रू होने का सुनहरा अवसर दिया। लिटरेचर फेस्टिवल में साहित्य की विभिन्न विधाओं से लेकर राजनीति, खेल और सिनेमा लेखन की नई तकनीक पर विचार-विमर्श हुआ।

बढ़ते शहरीकरण व जलवायु परिवर्तन पर चिंता

1 min

टीम इण्डिया विजय रथ पर सवार

वे दिन बीत गए जब भारतीय क्रिकेट टीम को अपने घर का शेर कहा जाता था। टीम इण्डिया ने कीवी टीम को उसके घर में जिस प्रकार धोया, उसे विदेशी धरती पर अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। विराट कोहली की कप्तानी में मौजूदा टीम ने अपनी धरती पर ऑस्ट्रेलिया को वनडे सीरीज में 2-1 से हराने के बाद न्यूजीलैंड को पांच मैचों की टी-20 सीरीज में 5-0 से पराजित कर ऐसा मैदान मारा जिसकी कल्पना किसी को नहीं रही होगी। आज पूरा देश टीम इंडिया की वाह-वाह कर रहा है। पहले भारतीय टीम जब भी न्यूजीलैण्ड गई, जेहन में वहां की तेज पिचों का खौफ हमेशा रहा। इस बार कहानी बदल गई और टीम इंडिया का जीत का जुनून कीवी टीम पर भारी पड़ा । मानो टीम ने देशवाशियों को अहसास करा दिया कि अब हमने । जीतने की आदत डाल ली है, विश्व कप भी जीतकर आएंगे। इसका प्रमाण पिछले विश्व कप में न्यूजीलैंड के हाथों सेमी फाइनल में मिली हार को भुलाकर पिछले छह महीनों से विराट एंड कंपनी का जीत के रथ पर सवार होना है।

टीम इण्डिया विजय रथ पर सवार

1 min

ट्रंप के आगे दुश्वारियां और भी हैं...

करीब दो सप्ताह तक चले ट्रायल के बाद अमेरिकी सीनेट ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सभी आरोपों में क्लीन चिट दे दी। सीनेट ने 5 फरवरी को ट्रंप को महाभियोग के दो आरोपों- सत्ता के दुरुपयोग और कांग्रेस (संसद) को बाधित करने आरोप से बरी कर दिया। रिपब्लिकन के बहुमत वाले सीनेट ने राष्ट्रपति ट्रंप को शक्ति के दुरुपयोग के आरोप में 52-48 के अंतर से तो कांग्रेस की कार्रवाई बाधित करने के आरोप में 53-47 वोट के अंतर से बरी कर दिया।

ट्रंप के आगे दुश्वारियां और भी हैं...

1 min

एंटी भू-माफिया कानून, फिर भी कब्जे

एंटी भू-माफिया कानून लागू हुए और टास्क फोर्स बने पौने तीन साल हो गए लेकिन अवैध कब्जे खाली कराने के मामलों में कोई ठोस प्रगति होती नहीं दिख रही। लखनऊ की हर तहसील में ऐसे मामलों की भरमार है जिनमें इस कानून के तहत मुकदमे दर्ज हैं लेकिन कब्जे हटवाए नहीं गए। कहीं हटा भी दिए गए तो उन पर दोबारा कब्जा कर लिया गया है। यही कारण है कि अनेक सरकारी जमीनों पर रसूखदारों का कब्जा कायम है। ऐसे में कई जगह सरकारी जमीनों पर दूसरे गांव के लोग पैसे के बल पर कब्जा जमाए बैठे हैं। ऐसे में लोगों में धारणा बनती जा रही कि अधिकारी ही नहीं चाहते कि सरकारी या निजी जमीनों से अवैध कब्जे हटें। अगर तहसील दिवसों की बात की जाए तो उनमें अवैध कब्जे की शिकायतों का आज तक निस्तारण नहीं हो पाया है।

एंटी भू-माफिया कानून, फिर भी कब्जे

1 min

वसंत आता नहीं, लाना पड़ता है

वसंत का अपना जीवन दर्शन है- नित नया कलेवर धारण करना । वासंती हवाओं में तो आज भी वही सनातन मादकता-चंचलता है, परंतु उन पर रीझने वाले नहीं दिखते। अनंत व्योम में कहीं उल्लास की लालिमा नहीं, उमंग की कोई किरण नहीं। सर्वत्र वही भागमभाग, खींचतान और नीरसता। आनंद और आनंदोत्सव की परिकल्पना मन के एक कोने में निस्तेज पड़ी मानो अपने हाल पर सिसक रही, या यूं कहिए, कोस रही। वे दिन अब बीत चुके जब नैसर्गिक मनोरमता समस्त चराचर को स्पंदित और झंकृत करती थी। लेखनी काव्य सृजन के लिए उतावली हो उठती थी।

वसंत आता नहीं, लाना पड़ता है

1 min

बजट से नुकसान नहीं, लेकिन फायदेमंद भी नहीं

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2020-21 के बजट के जरिए ऊर्जावान भारत, समृद्ध मानव पूंजी और एक स्वस्थ भारत के लिए समग्र विकास की नीव रखी है। बजट में लाए गए कर प्रस्ताव का भी कुछ हद तक स्वागत किया जा सकता है। व्यक्तिगत करदाताओं को पांच लाख की आय पर कर नहीं देने से खपत को बढ़ावा मिल सकता है। इसके बावजूद देश की विकास दर बढ़ाने की कोई ठोस योजना बजट में नहीं दिखाई देती। अगले पांच साल में देश की इकोनॉमी को 5 ट्रिलियन डॉलर करने का लक्ष्य आखिर कैसे पूरा होगा, इसका कोई रोडमैप सरकार ने नहीं दिया है। जबतक प्राइवेट इन्वेस्टर पैसा नहीं लगाएगा, तबतक यह लक्ष्य प्राप्त करना मुश्किल ही है। आम जनता और बेरोजगार युवाओं को भी बजट से निराशा ही हाथ लगी है।

बजट से नुकसान नहीं, लेकिन फायदेमंद भी नहीं

1 min

قراءة كل الأخبار من News Times Post Hindi

News Times Post Hindi Magazine Description:

الناشرNewstimes Post International Pvt Ltd.

فئةNews

لغةHindi

تكرارFortnightly

News Times-Post Hindi is Socio-Political National Magazine publishing from the City of Nawabs Lucknow. This is a Family Magazine, especially for Young Generation. We are providing content for Subject Specific Issues. Our list of contributors caters vast demographics varying from young and professionals to Trainers and Experienced Veteran Journalist. We are covering every issue with top-notch Interviews, In-depth Analysis with creative illustrations and different aspects of the topics. This Magazine caters social aspects, Trending topics, Opinions, Social dimensions, Environment, Political developments etc

  • cancel anytime إلغاء في أي وقت [ لا التزامات ]
  • digital only رقمي فقط