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हृदय से जुड़ी सर्जरी
जब भी हृदय चिकित्सा की बात होती है तो सलाह के रूप में के दो-चार चीजें हमारे सामने आती हैं जैसे- बाईपास सर्जरी, एंजियोप्लास्टी, हृदय प्रत्यारोपण आदि। यह क्या हैं व एक दूसरे से कैसे भिन्न हैं आइए जानते हैं।
मुझे कभी मृत मत समझना मैं सदा वर्तमान है
आशा नमृत्युका उसा सहजता आर हष स वरणाकया था जिस प्रकार स एक आम व्यक्ति जीवन को करता है। उन्होंने जगत को यही संदेश दिया कि मृत्यु के प्रति सदा जागरूक रहो, उसे वरण करो। आज ओशो भले ही अपना शरीर छोड़ चुके हों लेकिन अपने विचारों के माध्यम से वो आज विश्व में कहीं ज्यादा विस्तृत, विशाल रूप से मौजूद हैं।
गुणों से भरी मूंगफली
घर-घर एवं दुकानों पर मिलने वाली मूंगफली एक आम मेवा है, पर यह जितनी आम है उतनी ही अपने गुणों के कारण रवास है। सर्दियों में तो यह किसी औषधि से कम नहीं। यह मात्र ताकत ही नहीं देती बल्कि हमें सर्दी से भी बचाती है। आइए जानें मूंगफली के विभिन्न उपयोगों एवं लाभों को।
खांसी,जुखाम और दमा के उपाय
रखांसी, जुरवाम सर्दी के कारण ही नहीं होती बल्कि बदलते मौसम व धूल-मिट्टी से भी होती है और यदि यह बिगड़ जाए तो दमें का रोग भी धारण कर लेती है। ऐसे में क्या करें जब रवांसी, जुरवाम और दमा सताए ?
सर्दियों का मजा लेना हो तो अपनाएं 'पंचमंत्र'
सर्दी में रिवली-रिवली धूप और अपने आस-पास हर चीज प्यारी लगती है। लेकिन जरा सी सावधानी हटी और आप बिस्तर में रजाई के अंदर भर्ती कर दिये जाएंगे और गजक, मूंगफली से ज्यादा डॉक्टर की दी हुई गोलियों पर अपना दिन बिताएंगे। हमारे पंचमंत्र से जानें पांच सरल उपाय जिनके जरिये आप कर सकते हैं सर्दी से दोस्ती।
प्रेम और विवाह
जिसके जीवन में प्रेम की कोई झलक नहीं है, उसके जीवन में परमात्मा के आने की कोई संभावना नहीं है। प्रेम के अतिरिक्त कोई रास्ता प्रभु तक नहीं पहुंच सकता।
ओशो और विवेकः एक प्रेम कथा
सू एपलटन अपने पूर्व जन्म से ही ओशो की प्रेमिका रही है। अप्रैल 1971 में ओशो द्वारा संन्यास दीक्षा ग्रहण की। ओशो ने उसे नया नाम मा योग विवेक दिया। मा विवेक दिसंबर 09, 1989 को अपने भौतिक जीवन से पृथक हो गई।
मानवता के महान उपासक गुरु नानक देव
सिरवों के प्रथम गुरु नानक देव जी का रुझान बचपन से ही अध्यात्म की तरफ था। नानक जी ने समाज में व्याप्त कुरीतियों और रूढ़ियों को तोड़ा आइए नानक देव जी की आध्यात्मिक यात्रा को इस लेख से जानें।
यूं निबटें कैंसर से
कैंसर रोग लोगों को इतना भयाक्रांत करता है कि वे जीवन के प्रति आशा छोड़ मृत्यु के दिन गिनने लगते हैं, लेकिन अब कैंसर लाइलाज रोग नहीं रह गया है। आइए कैंसर से बचने के उपायों पर नजर डालें।
महिलाएं और कैंसर
आज बड़ी संख्या में महिलाएं भी कैंसर के रोग से पीड़ित हो रही हैं। महिलाओं में कैंसर होने के क्या हैं कारण, लक्षण व निवारण तथा इसके विभिन्न प्रकार? आइए जानें इस लेख से।
वास्तु अनुसार हो दिवाली की तैयारी
दिवाली के पावन अवसर पर हम सभी की यही कोशिश होती है कि पूजा व अन्य प्रकार की तैयारियों में किसी प्रकार की कमी न होने पाएं ऐसे में वास्तुशास्त्र के कुछ नियम हमारे लिए बहुत लाभकारी सिद्ध हो सकते हैं।
मिठाइयों में मिलावट को इस तरह से जांचे
त्योहारों की रौनक मिठाइयों से बढ़ती है, लेकिन मिलावटी मिठाइयां त्योहार की चमक फीकी भी कर सकती हैं। इसलिए मिठाइयों में मिलावट की जांच जरूर करें, आरिवर मामला हमारी सेहत का जो है।
सांस है तो आस है
दीपावली में अगर पटारवों का शोर ना गूंजे तो कुछ ' कमी सी लगती है। लेकिन पटाखों से निकलने वाले हानिकारक धुओं से सांस संबंधी तकलीफें बढ़ जाती हैं, वासकर अस्थमा के रोगियों के लिए। इनसे बचने और देखभाल करने के कुछ सुझाव जानें इस लेख से।
दीपावली में रंग भरती रंगोली
लोकजीवन का एक बहुत ही अभिन्न अंग है। देश के विभिन्न हिस्सों में रंगोली सजाने का अपना अलग-अलग स्वरूप है। दीपावली के मौके पर इसका महत्त्व और भी बढ़ जाता है।
पंच पर्वो का महापर्व-दीपावली
भारतीय संस्कृति के सबसे महान पर्व दीपावली को पंच पर्व भी कहा जाता है। जो धनतेरस से शुरू होकर भैया दूज तक समस्त भारत में बड़े हर्षों उल्लास के साथ मनाया जाता है।
क्यों मनाते हैं भैया दूज?
दीपावली के पंच पर्यों में एक है भैया दूज। भाईबहन के प्यार भरे रिश्ते का यह पर्व भारत में अनेक नामों से जाना जाता है। भैया दूज क्यों मनाया जाता है, साथ ही क्या है इसका महत्त्व? आइए जानते हैं लेख से।
कैसे करें दिवाली पूजन?
दीपावली का पर्व खुशियों व रोशनी का पर्व है तथा हम इसे बड़ी धूमधाम से भी मनाते हैं पर क्या आप जानते हैं कि इस त्योहार पर विधिपूर्वक लक्ष्मी पूजन करके आप अपनी खुशियां चौगुनी कर सकते हैं। आइए हम सभी लक्ष्मी पूजन की सही विधि जानते हैं, जिससे दीपावली के अवसर पर जगमगाती रोशनी के साथ-साथ आप पर लक्ष्मी जी की कृपा हो जाए और आपके जीवन में धन की वर्षा होने लगे।
कार्तिक मास और दीपदान
हमारे धर्म में बहुत सी मान्यताएं-परंपराएं तथा विधि-विधान शामिल हैं एक ऐसी ही परंपरा है कार्तिक मास में दीपदान की जो न केवल धार्मिक बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी हमारे लिए महत्त्वपूर्ण है।
भारतीय संस्कृति एवं परंपरा में नवरात्रि का महत्त्व
पहली शैलपुत्री कहलावे, दूसरी ब्रह्मचारिणी मन भावें, तीसरी चंद्रघंटा शुभनाम, चौथी कुष्मांडा सुखधाम, पांचवीं देवी स्कंदमाता, छठी कात्यायनी विख्याता, सातवीं कालरात्रि महामाया, आठवीं महागौरी जगजाया, नवमी सिद्धिदात्रि जग जानें, नवदुर्गा के नाम बखाने।
अयोध्या-अपराजेय आस्था की नगरी
श्री राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विध्वंस कांड इस सदी की प्रमुखतम महत्त्वपूर्ण धार्मिक-राजनैतिक घटना मानी जाती है लेकिन सच तो यह है कि अयोध्या, जिसका अर्थ ही है वह स्थल जिसके विरूद्ध कभी युद्ध न किया जा सके', उसका हृदय स्थल सदियों से ध्वंस एवं निर्माण का इतिहास रचते रहे हैं।
पूजा में पूजन सामग्री का महत्त्व
यूं तो पूजा मन की आस्था का भाव है उसके लिए किसी सामग्री विशेष की नहीं श्रद्धा की जरूरत होती है, फिर भी व्यावहारिक तौर पर यदि किसी पूजा को पूर्ण, सही व संपन्न करने या कहें तो वह पूजा बिना पूजन सामग्री के अधूरी कहलाती है। कौन सी है पूजन की वह सामग्रियां तथा क्या है उसका महत्त्व? जानिए इस लेख से।
नवरात्रों में शक्तिपीठों के दर्शन
हिन्दू धर्म में नवरात्रों का विशेष महत्त्व है। ऐसे में लोग मां के शक्तिपीठों के दर्शन की कामना करते हैं परंतु समय के अभाव एवं जिम्मेदारियों तथा महंगाई के चलते कई लोग इससे वंचित रह जाते हैं। तो आइए इस लेख के माध्यम से मां के उन सभी शक्तिपीठों का दर्शन करें।
ऑनलाइन पढ़ाई के साइड इफेक्ट
कोरोना महामारी और लॉकडाउन ने भारत में बच्चों की जिंदगी बदल दी। पहले बच्चों के कंधों पर किताबों से भरे बैग का बोझ होता था, लेकिन अब ये बोझ कंधों से उनके दिमाग तक पहुंच गया है और ये बोझ है ऑनलाइन पढ़ाई का।
व्रतों पर रखें अपने वजन पर नजर
अधिकतर लोग सोचते हैं कि व्रतों के विधि अनुसार पालन करने से, उस दौरान लिया गया आहार वजन को कम करता है। क्या आप भी ऐसा ही सोचते हैं? यदि हां तो निम्न लेख पर नजर डालें,कहीं परिणाम उल्टा तो नहीं हो रहा?
महान दार्शनिक, शिक्षाविद् एवं कुशल प्रशासक डॉ.राधाकृष्णन
डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन उन विद्वानों में से एक थे जो बहुतायत मानवीय गुणों एवं अद्भुत प्रतिभा के जगह एक महान भारतीय दार्शनिक के रूप में चिरस्थायी हैं। यह कहना अतिशयोक्ति न होगा कि स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरविंद के बाद यदि कोई भी भारतीय दार्शनिक ने पूर्व की दार्शनिक मान्यताओं को पश्चिम में यथोचित जगह दिलाने हेतु काम करके एक नवीन विचार धारा का निरुपण किया, तो वे डॉ. राधाकृष्णन ही थे।
संकट हरण है अनंत चतुर्दशी व्रत
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी व्रत कहा जाता है। इस दिन भगवान अनंत की पूजा की जाती है । व्रत का संकल्प लेकर अनंत सूत्र बांधा जाता है। इस व्रत को करने से संकटों का नाश और सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
श्राद्ध की महिमा और महत्त्व
शास्त्रों के मुताबिक, मनुष्य के लिए तीन ऋण बताये गए हैं पहला देव ऋण, दूसरा ऋषि व तीसरा पितृ ऋण। इनमें पितृ ऋण को श्राद्ध या पिंडदान करके उतारना आवश्यक है क्योंकि जिन माता-पिता ने हमारी आयु, आरोग्यता तथा सुख-सौभाग्य की अभिवृद्धि के लिए अनेक प्रयास किए, उनके ऋण से मुक्त न होने पर हमारा जन्म लेना निरर्थक होता है।
गणेश चतुर्थी का व्रत एवं पूजन विधि
पूजन से पूर्व की तैयारीगणेश चतुर्थी के दिन ब्रह्म मूहर्त में उठकर स्नान आदि से शुद्ध होकर शुद्ध कपड़े पहनें। आज के दिन लाल रंग के वस्त्र पहनना अति शुभ होता है। गणपति का पूजन शुद्ध आसन पर बैठकर अपना मुख पूर्व अथवा उत्तर दिशा की तरफ कर के करें।
घातक रोग है अल्जाइमर
अल्जाइमर वर्तमान समय की सबसे गंभीर बीमारियों में से एक है। यह एक मानसिक रोग है जिसके होने पर सोचने और याद रखने की क्षमता कमजोर होती है। आइए लेख में इस पर विस्तार से चर्चा करें।
तुलसी माला की महिमा
भारतीय संस्कृति विभिन्न मान्यताओं, परम्पराओं, विश्वासों और सामाजिक और धार्मिक रीति-रिवाजों से परिपूर्ण है। इस संस्कृति जैसी कोई अन्य मिसाल सम्पूर्ण विश्व में मिलना मुश्किल है। इसी संस्कृति के बहुत से मांगलिक प्रतीकों में एक अभिन्न अंग है 'तुलसी माला'।