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पौष्टिक भोजन उत्पादन के लिए टिकाऊ कृषि आवश्यक
पोषक भोजन उत्पादन
पौधों के प्रमुख पोषक तत्व तथा उनके उर्वरकों का प्रबंधन
पोषक तत्व
पपीता की नर्सरी तैयार करना
बागवानी - राजस्थान
कृषि में ड्रोन की बढ़ती भूमिका
डिजीटल इंडिया
सीताफल (शरीफा) की खेती और स्वास्थ्य संबंधित लाभ
यह स्वस्थ रहने के लिए सही प्रकार का फल है। सीताफल ऊष्मांक में उच्च है। लेकिन लोहा, फास्फोरस, कैल्शियम और राइबोफ्लेविन जैसे खनिज इसमें शामिल हैं। सीताफल में प्रोटीन, फाइबर, खनिज, विटामिन और ऊर्जा है। यह कम वसा युक्त फल है।
सूखा सहन करने वाली फसलें बेहतर पोषण और टिकाऊ कृषि के लिए अहम
किसानी मुद्दे
फसल चक्र और गर्मी में गहरी जुताई का सूत्रकृमि प्रबंधन में महत्व
फसल सुरक्षा
प्याज की फसल पर लगने वाले रोग व बचाव तथा नियंत्रण
फसल सुरक्षा
पानी की गुणवत्ता बढ़ोतरी के लिए नाइट्रोजन प्रदूषण रोकने की आवश्यकता
जलवायु और ऐतिहासिक भूमि उपयोग और भूमि प्रबंधन पैटर्न के आधार पर दुनिया भर में नाइट्रोजन का उपयोग अलगअलग तरीके से होता है।
पपीता मिलीबग (Paracoccus marginatus): परिचय एवं समन्वित प्रबंधन
बग द्वारा उत्सर्जित हनीड्यू के परिणामस्वरूप काली कालिख बन जाती है जो प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया में हस्तक्षेप करता है और आगे फसलों के नुकसान का कारण बनता है। इस कीट के अधिक संक्रमण के कारण फलों पर सफेद मोमी परत बन जाती है एवं फल खाने योग्य नहीं होते है
जलीय जीवों के साथ धान उगाने से उत्पादन में 12% तक बढ़ोतरी
जलीय जीवों को धान के खेत में छोड़ने से किसानों का मुनाफा बढ़ सकता है क्योंकि वे जीवों और चावल दोनों को बेच सकते हैं।
कैसे हो व्यापारिक कृषि की ओर रुझान
किसान को सिर्फ उत्पादक बन कर ही नहीं रहना चाहिए। वे फल-सब्जियों और फसलों का उत्पादन तो बहुत सुंदर ढंग से कर सकते हैं परन्तु मंडीकरण के बारे में बिल्कुल अनभिज्ञ व अनजान हैं। वे मंडीकरण के बारे में बिल्कुल नहीं जानते जिस कारण उनकी आमदनी में बढ़ोतरी नहीं हो रही। अकसर देखने में आता है कि इसी उत्पादन को खरीद कर व्यापारी, मूल्य बढ़ोतरी करके, स्टोर करके बढ़िया आमदनी प्राप्त करते हैं।
ईसबगोल की फसल में रोग एवं कीट प्रबंधन
फसल सुरक्षा
आयरन और जिंक के बढ़े हुए स्तर के साथ बाजरा (पनीसेटम ग्लौकम) का बायोफोर्टिफिकेशनः संभावनाएं और चुनौतियां
पोषक तत्व प्रबंधनं
रबी फसलों के दौरान आने वाली मौसमी आपदाएँ क्या करें और क्या न करें
फसल सुरक्षा
बाजरा फसल में लगने वाली बीमारियाँ एवं उनकी रोकथाम
बाजरे की फसल में कई रोगों का प्रकोप होता है जिनकी वजह से पैदावार में कमी के साथ-साथ इनकी गुणवता पर भी प्रतिकूल असर पड़ता हैं।
देश के विकास में महामारी बनती चुनावी घोषणाएं
किसानी मुद्दे
जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए किस तरह हो भूमि उपयोग
जलवायु परिवर्तन
गैलार्डिया की व्यावसायिक खेती (नवरंगा)
बागवानी
गेहूं के प्रमुख कीट एवं रोग और नियंत्रण
राजस्थान
क्या होती है बायोफोर्टिफाइड फसल
किसानों की आय बढ़ाने और कुपोषण को खत्म करने के दृष्टिगत इस बायोफोर्टिफाइड फसलों की खेती बहुत फायदेमंद है।
किसान एवं ग्रामीण जीवन की खुशहाली का आधार FPO
पारंपरिक कृषि के साथ-साथ हमें नये ढंगों को अपनाना होगा। तभी किसान की उन्नति हो सकती है। छोटे किसानों के लिए मोदी सरकार की बहुत ही महत्वपूर्ण योजना है। 'किसान उत्पादक संगठन (एफ.पी.ओ).'। किसान की आमदनी दोगुनी कैसे हो, 2022 तक का लक्ष्य मोदी सरकार ने रखा है। 2022 तक 10 हजार एफ.पी.ओ.के निर्माण एवं उन्नति के साथ योजना का बढ़िया संचालन आरंभ हो जाये, लक्ष्य रखा है।
अप्रैल माह में फसलों का रख-रखाव
फसल सुरक्षा
हाईब्रिड धान का पितामह यूआन लोंगपिंग
युआन लोगपिंग एक चीनी कृषि विज्ञानी एवं शिक्षा शास्त्री हैं जिन्होंने सबसे पहले 1970 में हाईब्रिड धान की किस्मों का विकास किया। जिन क्षेत्रों में अकाल, सूखा इत्यादि जैसी प्राकृतिक मुश्किलों आने का भय रहता है, उन क्षेत्रों के लिए हाईब्रिड धान भोजन का एक बढ़िया स्रोत बना है। 1970 के बाद अफ्रीका, अमेरिका एवं एशिया जैसे कई देशों में हाईब्रिड धान की खेती होने लगी है। यूआन के धान की हाईब्रिड किस्मों के खेती में इस महत्वपूर्ण योगदान के कारण ही उनको 'हाईब्रिड धान का पितामह' कहा जाता है।
सूखे फूलों से व्यापार व लाभ कैसे कमायें
पौधों में से पानी निकालने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली विधियों में मुख्यतः हवा में सुखाना, धूप में सुखाना, ओवन में सुखाना, , एम्बेड करना (रेत, बोरेक्स, सिलिका जेल), ग्लिसरीनिंग विधि, माइक्रोवे ओवन में सुखाने, फ्रीज से सुखाना आदि शामिल हैं।
सरसों की पाले एवं रोगों से सुरक्षा
फसल सुरक्षा
मक्की की फसल में खरपतवारों का उचित नियंत्रण
मक्की हरियाणा राज्य में खरीफ व बसंत ऋतु में बोई जाने वाली पंचकुला, अम्बाला, यमुनानगर, कुरूक्षेत्र व करनाल जिलों की प्रमुख फसल है। खरीफ की फसल में बसंत ऋतु की फसल की अपेक्षा औसत पैदावार काफी कम है जिसका मुख्य कारण बरसात के बार-बार आने पर खरपतवारों का उचित नियंत्रण न हो पाना है। खरपतवारों का उचित प्रबन्ध न करने पर मक्की के उत्पादन में 50-60 प्रतिशत तक की कमी पाई जाती है।
पशुओं में सामान्य व्याधियां एवं उपचार
अगर आप एक पशुपालक हैं तो आपको पशुओं में होने वाली सामान्य बीमारियों/व्याधियों तथा उनके इलाज के बारे में कुछ जानकारी होनी चाहिए। क्योंकि पशुओं के बीमार होने पर हर समय चिकित्सक को बुला नहीं सकते हैं। एक कहावत प्रसिद्ध है 'समय से पहले चेते किसान' इसलिए पशुपालकों को जागरूक रहना चाहिए, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान न हो।
तुड़ाई के उपरांत फल-सब्जियों का रख-रखाव एवं पैकिंग
"किसान भाई कठिन परिश्रम, पैसा एवं ऊर्जा व्यय करके फल एवं सब्जियों की अधिक पैदावार करते हैं। अच्छी पैदावार करने के बाद प्रसन्न होकर आराम से बैठने का समय नहीं बल्कि तुड़ाई के उपरांत के यातायात के बहुत ही सावधानीपूर्वक कार्य के लिए तैयार होना है। अच्छी फसल का अच्छा मूल्य तभी मिलेगा यदि तुड़ाई के बाद फल एवं सब्जियां खरीददार को शुद्ध रूप में मिलें।"
नीम का वृक्ष
कृषि एवं स्वास्थ्य हेतु बहुत ही लाभदायक