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संत-महापुरुषों की जयंती मनाने का उद्देश्य
गुरु को देख मानेंगे तो आप देह से परे नहीं जायेंगे।
यदि पुण्यात्मा, उत्तम संतान चाहते हैं तो...
यदि माता-पिता शास्त्र की आज्ञानुसार रहें तो उनके यहाँ दैवी और संस्कारी संतानें उत्पन्न होंगी।
कैंसर- एक रहस्य !
कुछ दिनों पूर्व एक 65 वर्षीय पूर्व सेनाकर्मी मेरी ओ. पी. डी. में आए। चाल ढाल में वे किसी युवक से कम नहीं थे। सेना से रिटायर हुए इन सज्जन को देखकर कोई यह अंदाज़ा भी नहीं लगा सकता था कि इन्हें कोई रोग है।
नाभि - कुदरत की अनमोल देन !
आज की आधुनिक जीवन-शैली में सेहत और त्वचा संबंधी समस्याएँ बढ़ती ' जा रही हैं। स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का पार पाने के लिए हम डॉक्टर के पास जाते हैं। दवाओं पर पैसा पानी की तरह बहाते हैं।
मुझमें इतना सामर्थ्य नहीं!
पूरे कुलिया प्रदेश में श्रीमद्भागवत भास्कराचार्य के रूप में कथाव्यास देवानंद पंडित के नाम की ख्याति फैली हुई थी। एक-एक प्रसंग को जब वह अलंकारों तथा तर्कों-वितर्कों से सजाकर सुनाता था, तो श्रोतागण अवाक् रह जाते थे।
भगवान बड़े कि भगवान का नाम बड़ा ?
ऐसा कोई सामर्थ्य नहीं जिसका भगवद्-विश्रांति से संबंध न हो।
पूज्य बापूजी द्वारा बताये गये गठिया रोग में अत्यंत लाभकारी प्रयोग
ब्रह्मचर्य के प्रभाव से मन की एकाग्रता एवं स्मरणशक्ति का तीव्रता से विकास होता है।
जब भगवान बन जाएँ व्यवधान, - तो कौन करे समाधान?
पूरी सृष्टि को बंधनमुक्त करने वाले श्रीराम आज लीला करते हुए स्वयं नागपाश में बँधे हुए थे। सभी - वानर और भालू व्याकुल थे। लेकिन नारद जी जानते थे कि गरुड़ जी इस पाश को काट सकते हैं। इसलिए उन्होंने उनसे जाकर कहा- 'हे गरुड़! आप तो भगवान विष्णु को अपनी पीठ पर सुशोभित कर चला करते हैं। चला भी क्या, उड़ा करते हैं।
कवि थिरोमणि कालिदास !
पिछले अंक में आपने मूर्धन्य कवि कालिदास के जीवन से संबंधित कई प्रेरणाप्रद कथाएँ पढ़ीं । आइए , उनकी रचनाओं और व्यक्तित्व से कुछ और बहुमूल्य रत्नों को संजोते हैं ।
करुणावतार श्री आशुतोष !
क्यों हमें बार-बार साधना करने के लिए कहा जाता है? हर सप्ताह सत्संग सुनो, सत्संग सुनोक्यों यही शग हमें निरंतर सुनाया जाता है? सेवा करने के लिए तो विशेष सुझाव दिए जाते हैं, ऐसा क्यों? आखिर गुरु महाराज जी इतने कठोर क्यों हैं, जो हमें इतनी-इतनी अज्ञाओं में बाँध कर रखते हैं?
भक्ति-मुक्ति का साधन है साधना!
यदि आपकी धर्म-ग्रंथों में आस्था है, तो उनमें वर्णित अवतारी महापुरुषों की उद्घोषणाओं पर अवश्य मनन करें...
बलानां श्रेष्ठं बलं प्रज्ञाबलम्
बुद्धिमान मनुष्य को तो मोक्ष का पुरुषार्थ ही सार लगता है।
जितनी निष्कामता व प्रभु-प्रेम उतना सुख !
निर्मम और निष्काम होने से आपका आत्मभाव, आत्मसुख बढ़ता है।
क्या श्रद्धा अंधविश्वास है?
क्या श्रद्धा अंधविश्वास है?
कन्हाई से रिहाई - असम्भव !!
कन्हैय्या के गोकुल में सूर्यदेव प्रतिदिन उदित होते थे । पर फिर भी आने वाला हर दिन , बीते हुए दिन से विशेष हुआ करता । कारण??? नित्य नूतन ब्रह्म यहाँ नित-नित नई लीलाएँ जो किया करता था ।
एका। तुझे माँ गीता का सौन्दर्य दिखाना है!
आपने विगत अंक में पढ़ा, एका ने 'गारुड़ी-भराड़ी' का अभिन्न अभिनय किया। साथ ही, इस सम्पूर्ण गीत की परतों में छिपा मार्मिक तत्त्वज्ञान भी समझाया। जीव, माया और आत्माइन तीनों तत्त्वों की एका ने ऐसी गहरी व्याख्या की, मानो किसी महान आत्मज्ञानी की वाणी प्रस्फुटित हुई हो। उधर कचहरी में जब एका की नाट्य-कला का समाचार पहुँचा, तो सभी कर्मचारियों सहित स्वयं जनार्दन स्वामी समय से पहले ही किले पर वापिस लौट आए। कोट में खड़े होकर उन्होंने जब यह अद्भुत मंचन देखा, तो प्रसन्न वदन हो साधुवाद कर उठे। उसी क्षण उन्होंने निर्णय लिया कि एका को रसोईघर की नहीं, कचहरी की सेवा में लगाना चाहिए। इतनी कुशाग्र बुद्धि वाले बालक को तो हिसाब-किताब और वेदान्तिक ग्रंथो का सुक्ष्म अध्ययन करना सिखाना चाहिए। उनके इस निर्णय का पहला कदम था - एक पत्र लिखना। उस पत्र में क्या लिखा और किसे लिखा- आइए जानें...!.
So, What Do You Make Of It?
As a child of barely four years, I would often Alie on the grass and look up at the bright blue sky dappled with feather-like clouds.
Don't Jump to Conclusions!
In Woods of God-Realisation
Why We Hurt Our Loved Ones?
Love– an emotion that sprouts from the heart with its roots in every cell of our body! It doesn't matter then, if it enters your body in the form of a touch; be it from your mother or your child.
Sambandar
Sambandar was born to a pious Brahmin couple, Sivapada Hridayar and Bhavathiar, in Sirkazhi, Tamil Nadu.
Peeking beyond the boundaries
When women come together to discuss, exchange notes, contemplate on life and beyond, the outcome is unlikely to be mundane, run of the mill.
Yoga Vasistha Ram Gita – The Crest jewel of Vedanta
It is not possible to kill the mind without proper knowledge of the Self, Satsangha and the restraint of Prana, which are the proven means to overcome the mind. Ignoring these and resorting to excessive practices in hatha yoga, austerities, pilgrimage, rites and rituals is a waste of time. Self knowledge alone bestows delight.
Mission Green Earth 2020: The Next Step
The earth was once home to 6 trillion trees. Today only half of them stand tall on our planet and we are losing them further at an alarming rate of 15 billion trees per year.
Uplifting Dharma
From Discourses by Gurudev Sri Sri Ravi Shankar
Yoga on the move!
‘Sitting is the new smoking’ – we’ve all heard this by now.
Having Subtlety!
The seed becomes a tree, and then the tree becomes a seed. So, the seed finds fulfillment in becoming a seed again.
The journey called Life
Excerpts from talks by Gurudev Sri Sri Ravi Shankar
Divine love is beyond
Gunarahitam kamanarahitam pratikshanavardhamanam avichinnam sukshmataram anubhavarupam
How To Be Happy When You Are Lonely?
Gurudev Sri Sri Ravi Shankar: You should feel the freedom! Look at the birds, how they fly.
பாவனமாக்கும் திருவடிகள்
கயா க்ஷேத்திரத்திலுள்ள பகவான் ஸ்ரீவிஷ்ணுவின் திருப்பாதம் பதிந்த இடம் புனிதத் தலமாக வழிபடப்படுகிறது.