"मैडम, प्लीज मेरे बेटे को क्लासरूम से बुलवा दीजिए. मेरी तबीयत ठीक नहीं है इसलिए मैं उसे जल्दी लेने आई हूं," स्कूल पहुंच कर फराह ने प्रिंसिपल से कहा.
"लेकिन फहद तो आज स्कूल आया ही नहीं. हम तो सोच रहे थे कि आप उसी के बारे में मुझे बताने आई हो," प्रिंसिपल ने उत्तर दिया तो फराह के चेहरे की हवाइयां उड़ने लगीं.
"लेकिन घर से तो वह स्कूल जाने के लिए कह कर निकला था, फिर कहां गया होगा?"
"पिछले कुछ दिनों से फहद काफी टैंशन में नजर आ रहा था. वह कह रहा था कि तुम उसे हरपल पढ़ाई करने के लिए कहती हो. वह यह भी बता रहा था कि आप उसे पढ़ाई न करने पर खाना भी नहीं देती हो," प्रिंसिपल बोली.
"उसे इधरउधर बेकार घूमते देख कर मुझे बहुत दुख होता था, इसलिए मैं उसे यह सब कह कर पढ़ाई करने को कहती थी. मुझे क्या पता था कि वह मेरी बात को इतना सीरियसली लेगा," कहते हुए फराह की आंखों में आंसू आ गए. फराह अपने बेटे फ को ढूंढ़ने के लिए यहांवहां भटकने लगी.
फराह को अपने बेटे के बारे में पूछते देख मैडी बंदर ने कहा, "पिछले कुछ दिनों से हम ने उसे वूफी 6 सियार के साथ घूमते देखा था. मुझे तो लगता है कि वही आप के बेटे को बहलाफुसला कर अपने साथ ले गया होगा."
"पर वह उसे ले कर आखिर गया कहां होगा?" फराह सोच में पड़ गई. उसे फहद की बहुत चिंता हो रही थी कि न जाने वह किस हाल में होगा?
अपने बेटे को ढूंढ़ते हुए फराह को पता चला कि फहद ही नहीं बल्कि सुंदरवन के कई छोटे बच्चे पिछले कई दिनों से गायब हो चुके हैं. उन के बारे में किसी को कोई खबर नहीं लगी है.
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