उन दिनों अकसर मुगलों के आक्रमण होते रहते थे, सिकंदर लोदी और गयासुद्दीन खिलजी ने कई बार ग्वालियर के किले पर धावा बोला, पर वह सफल नहीं हो सका. तब उस ने आसपास के गांवों को नष्ट कर उन की फसलें लूटना शुरू कर दीं. उस ने कई मंदिरों को तोड़फोड़ डाला और लोगों को इतना तंग किया कि वे हमेशा भयभीत बने रहते. खासकर स्त्रियों को ही भय रहता. उन दिनों औरतों का खूबसूरत होना खतरे से खाली न रहता. कारण, मुगल उन पर आंखें गड़ाए रहते थे.
गांवों की कई सुंदर, भोली लड़कियां उन की शिकार हो चुकी थीं. ऐसे समय में ग्वालियर के पास राई नामक गांव में एक गरीब गुज्जर ( गुर्जर) किसान के यहां निन्नी नामक एक सुंदर लड़की थी. सिकंदर लोदी के आक्रमण के समय उस के मातापिता मारे गए थे और एक भाई के सिवा उस का संसार में कोई न था. वही उस की रक्षा और भरणपोषण करता था.
उन के पास एक कच्चा मकान और छोटा सा खेत था, जिस पर वे अपनी गुजरबसर करते थे. दोनों भाईबहन शिकार में निपुण थे और जंगली जानवर मारा करते थे. दोनों अपनी गरीबी में भी बड़े खुश रहते और गांव के सभी सामाजिक और धार्मिक कार्यों में हिस्सा लेते थे. उन का स्वभाव और व्यवहार इतना अच्छा था कि पूरा गांव उन्हें चाहता था.
धीरेधीरे निन्नी के अनुपम भोलेसौंदर्य की खबर आसपास के क्षेत्र में फैलने लगी और एक दिन मालवा के सुलतान गयासुद्दीन को भी इस का पता लग गया.
वह तो औरत और शराब के लिए जान देता ही था. उस ने झट अपने आदमियों को बुलवाया और राई गांव की खूबसूरत लड़की निन्नी गूजरी को अपने महल में लाने के लिए हुक्म दिया.
अंत में 2 घुड़सवार इस काम के लिए चुने गए. सुलतान ने उन से साफ कह दिया कि यदि वे उस लड़की को लाने में कामयाब नहीं हुए तो उन का सिर धड़ से अलग कर दिया जाएगा और यदि वे उसे ले आए तो उन्हें मालामाल कर दिया जाएगा.
निन्नी गूजरी अपनी एक सहेली लाखी के साथ जंगल में शिकार को गई थी. उस रोज शाम तक उन्हें कोई शिकार नहीं मिला और वे निराश हो कर लौटने ही वाली थीं कि उन्हें दूर झाड़ी के पास कुछ आहट सुनाई दी.
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