शुरू के दिनों में अब्दुल्ला पठान लंबाई बढ़ाने के तरीके, शोल्डर की एक्साइज, बौडी बिल्डर कैसे बनें जैसे विषयों पर वीडियो बना बना कर सोशल मीडिया पर पोस्ट करता था. देसी दवाओं के इलाज के बैनर पोस्ट करने पर यूनानी यानी देसी दवाओं का इलाज कराने मरीज उत्तर प्रदेश से ही नहीं, दूसरे सूबों से भी आने लगे.
कुछ ऐसे मरीज भी आए, जो विदेश में रह रहे थे. इन में जो रोगी इलाज से एक महीने में ही सही हो गए, उन का इंटरव्यू अब्दुल्ला पठान ने फेसबुक पर डालने शुरू कर दिए. जिस से इस की शोहरत दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ गई.
एक नीम हकीम का इतना बड़ा जलवा देख लोग आश्चर्यचकित रह गए. दवाखाने के बाहर मेला सा लगने लगा. कई तरह के फ्रूट, जूस, मूंगफली, पकौड़ी समोसे आदि सामान बेचने के ठेले लग गए और उन का भी रोजगार चलने लगा. इसी दौरान कुछ शिक्षित लोग इस का दवाखाना बंद करने के लिए अधिकारियों से शिकायत करने लगे.
उत्तर प्रदेश के जनपद मुरादाबाद की तहसील बिलारी के टाउन कुंदरकी में एक नीम हकीम अब्दुल्ला पठान के दवाने पर 16 अक्तूबर, 2023 को जिले में पहली बार स्वास्थ्य विभाग, आयुर्वेद विभाग, होम्योपैथी विभाग व ड्रग्स विभाग के अधिकारियों की संयुक्त टीम ने मिल कर छापेमारी की बड़ी संख्या में वहां पर आयुर्वेद दवाएं बिना पैकिंग के पाई गईं, जिन में 36 दवाओं को सील कर के उन के सैंपल जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए.
पूरे जनपद में यह मामला चर्चा में रहा. तमाम तरह की अफवाहें भी उड़ीं. इस नीम हकीम की दुकान सील कर दी गई. यह बात तो ठीक है कि छापेमारी के दौरान अब्दुल्ला पठान अपनी दुकान पर नहीं मिला था.
ब्लौक कुंदरकी के गांव ढकिया (जुम्मा) निवासी अब्दुल वहीद के 6 बेटे और एक बेटी सहित भरापूरा परिवार है. अब्दुल्ला पठान सहित 4 भाई लंबेचौड़े पहलवान जैसी बौडी के हैं. 2 भाइयों की कदकाठी साधारण है. अब्दुल्ला पठान का एक भाई अब्दुल मलिक इस समय ढकिया जुम्मा का प्रधान है. एक भाई अब्दुल खालिद संविदा पर ब्लौक में जूनियर इंजीनियर है.
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