ड्रम में लाश का मिलना एक गंभीर घटना थी. क्योंकि इस से साफ था कि यह हत्या का मामला है और लाश को ठिकाने लगाने के लिए ड्रम में डाल कर यहां फेंका गया था. लाश की शिनाख्त भी नहीं हो सकती लाश को थी. क्योंकि लाश के सिर्फ पैर ही दिखाई दे रहे थे, बाकी का हिस्सा ड्रम के अंदर था यानी सिर ड्रम के अंदर सीमेंट से सेट था और पैर बाहर.
इसके अलावा ड्रम में सीमेंट, रेत और कंक्रीट के साथ कपड़े भी भरे हुए थे, जिस से ड्रम का वजन बहुत ज्यादा था. जब वहां कटर से ड्रम को काटा गया तो अंदर से एक महिला की सड़ीगली लाश निकली.
पुलिस को यह तो पता चल गया था कि मरने वाली महिला है. पर अब उसे यह पता करना था कि यह महिला कौन है और कहां की रहने वाली है? तभी पुलिस की जांच आगे बढ़ सकती थी.
मूलरूप से गुजरात के जिला नवसारी का रहने वाला 30 साल का आफताब आलम सूरत के भेस्तान क्षेत्र में रहता था. वह एक प्राइवेट टेलीकाम कंपनी में नौकरी करता था. उस का काम था पूणा-भाडोदरा इलाके में पड़े उस की कंपनी के केबल की रखवाली करना. जिस की वजह से वह उस इलाके में बाइक से घूमता रहता था.
2 जुलाई, 2024 को भी रोज की ही तरह वह पैट्रोलिंग के लिए निकला था. पैट्रोलिंग के दौरान सुबह के लगभग 4 बजे जब वह पलसाण से निकल कर भाटिया चैकपोस्ट से अपने घर की ओर जा रहा था, तभी डिंडौली से थोड़ा आगे रास्ते में उसे लघुशंका लगी.
هذه القصة مأخوذة من طبعة September 2024 من Manohar Kahaniyan.
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