कहने को तो पैन्क्रियाज पेट में दाईं ओर स्थित एक छोटा-सा अंग है। लेकिन ऊपर वाले की बनाई, इस शरीर रूपी मानव मशीन में इस अंग को योगदान भी कुछ कम नहीं। जब इस अंग में कोई छोटी-सी भी समस्या होती है तो पूरा शरीर ही इससे प्रभावित होता है। यह अंग न केवल हम जो भी भोजन ग्रहण करते हैं उसे पचाने वाले एंजाइम का उत्पादन करता है, बल्कि उन हार्मोंस का उत्पादन भी करता है, जो शरीर में ग्लूकोज बनने की क्रिया को नियंत्रित करते हैं। एंजाइम और पाचक रस, पैनक्रियाज से निकलकर छोटी आंत में भेजे जाते हैं, जहां पर यह पेट में भोजन को लगातार बारीक करने का काम करते हैं। इस अंग के खराब होने से अगर प्रमुख रोगों की बात करें तो वह पैनक्रियटाइटिस और इस अंग का कैंसर है।
महिला व पुरुष दोनों
ऐसा नहीं है कि पैनक्रियटाइटिस या कैंसर सिर्फ पुरुषों में होता है या महिलाओं में। यह दोनों को हो सकता है। हां, बच्चों में यह समस्या नहीं होती। बच्चों में अगर इस अंग से संबधित कोई समस्या होती है तो वह है कोई जन्मजात विकार। सबसे पहले विश्लेषण करेंगे पैनक्रियटाइटिस के बारे में-
जब पेट फूलने
हममें से न जाने कितने लोग हैं जिन्हें पाचन से संबंधित समस्या होती है। पेट फूला-सा लगता है, नाभि के ऊपर कुछ दर्द महसूस होता है, हर समय उल्टी जैसा मन होता है। कई बार दर्द निवारक दवाई लेने के बाद भी यह दर्द जस का तस बना रहता है, बुखार भी होता है। चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, ऐसा भी हो सकता है कि यह बदहजमी के कारण भी हो या आपको किसी किस्म की कोई फूड एलर्जी हो। लेकिन अगर अक्सर ही आप ऐसा महसूस करते हैं तो डॉक्टर से परामर्श लेने में कोई बुराई नहीं।
पित्त की पथरी न करें नजरअंदाज
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सर्दियों में भी रखें वास्तु का ख्याल
सर्दी के इस मौसम में कुछ वास्तु उपाय करके आप सकारात्मक परिणाम प्राप्त कर सकते हैं कौन से हैं वो उपाय आइए लेख के माध्यम से जानें?
विश्व का महापर्व नववर्ष
विश्व के सभी देशों की अपनी अलग परंपराएं और पर्व होते हैं। किन्तु नववर्ष एक ऐसा पर्व है जो सभी देशों द्वारा एक साथ मनाया जाता है। भले ही इस पर्व को मनाने के तरीके अलग हों।
हम नित्य नवीन हों
जीवन में नवीनता का अर्थ क्या है नित्य नवीनता, नित्यनूतन सकारात्मकता। उस परमात्मा के उद्देश्य को पूर्ण करना जिसने बड़े प्रेम से सृष्टि और मनुष्य की रचना की है, इस शरीर में सब कुछ होते हुए भी प्राण निकलने पर इस शरीर में दुर्गंध आने लगती है। अगर हम एक पेंटिंग बनाते हैं तो हम कितने खुश होते हैं यदि कोई पेंटिंग खराब कर दे तो हमें कितना बुरा लगता है। हम सब ईश्वर की बनाई हुई एक सुन्दर कृति हैं हम जब बुरे कर्म करते हैं तो उस परमेश्वर को कितना दुख होता होगा, नवीन हम तभी बनेंगे जब हम नकारात्मक विचार त्यागेंगे और जीवन के सकारात्मक उद्देश्य को आत्मसात करेंगे। महात्मागांधी ने कहा है -
सामाजिक आदर्श का प्रतीक बने कुम्भ मेला
स्नान, दान का महापर्व कुम्भ आस्था का ऐसा मेला है जिसमें देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु जन पहुंचते हैं। मेला किन अर्थों में महत्त्वपूर्ण व किस प्रकार सामाजिक आदर्श का प्रतीक बन सकता है। आइए जानते हैं लेख से।
हिन्दू ग्रंथों में महाकुम्भ
महाकुम्भ की महिमा का गुणगान हमारे धर्मग्रंथों में भी मिलता है। महाकुम्भ पर क्या कहते हैं हमारे धर्म ग्रंथ व कुम्भ में स्नान के महत्त्व को? आइए जानते हैं लेख से
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पाचन संबंधी परेशानियां हैं तो पेट से संबंधित कोई भी छोटी-सी समस्या को न करें नजरअंदाज, ऐसा न हो कि पैन्क्रियाटाइटिस या पैन्क्रियाटिक कैंसर जैसे रोग का करना पड़े सामना। सावधान रहें, स्वच्छ और पौष्टिक आहार को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
शरीर ही बताए अच्छी सेहत का राज
अब आपके दिमाग में सवाल उठेगा कि हमारी मानसिक और शारीरिक सेहत अच्छी है, इसका पता कैसे लगे? तो बता दें कि यह जानने के लिए आपको डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं है। आपका शरीर खुद ही बताएगा कि आप आंतरिक रूप से स्वस्थ हैं कि नहीं। इन 11 लक्षणों से जानें, जो सेहतमंद होने की निशानी है।
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डिटॉक्स वॉटर से कम करें वजन
पानी का स्वाद और पोषण बढ़ाने के लिए उसमें कई तरह के फलों और सब्जियों को मिलाकर डिटॉक्स वॉटर बनाया जाता है। ये वॉटर आपके शरीर में पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के साथ वजन भी नियंत्रित करता है।