1 दूसरों को दोष देना और बहाने बनाना
दूसरों को दोष देने की आदत तो आम है। हम में से अधिकांश इस आदत के शिकार हैं। किसी गलती को छुपाने की यह एक मनोवैज्ञानिक आदत है। इससे कुछ समय के लिए तो खतरा टल जाता है, पर बाद में वह और भी बड़ी समस्या बनकर सामने आता है। दरअसल, ऐसे लोग अपनी कमियों को देख नहीं पाते और इसीलिए उन्हें दूर भी नहीं कर पाते। वे बार-बार उन गलतियों को दोहराते हैं और मजाक का पात्र बन जाते हैं।
• कैसे सुधारें : जिम्मेदार बनें और अपनी गलतियों की जिम्मेदारी लें। इससे आपकी जवाबदेही के साथ-साथ कार्यकुशलता भी बढ़ेगी। अपनी की गई गलती से आप बहुत कुछ सीख सकती हैं।
2 परिवर्तन को नहीं स्वीकारना
कुछ लोग आसानी से बदलाव को स्वीकार नहीं कर पाते। उन्हें बातबात पर खीझ आने लगती है और वे हर बात को नकारात्मक नजरिये से देखने लगते हैं। ऐसे लोग अपने साथ दूसरों को भी परेशान करते हैं।
• कैसे सुधारें : सबसे पहले इस बात को समझें कि परिवर्तन प्रकृति का नियम है। परिवर्तन के बगैर दुनिया और प्रकृति स्थिर हो जाएगी। बदलाव छोटी हो या बड़ी उसमें सहज रहने वाला व्यक्ति ही समझदार माना जाता है। उससे लड़ने वाला व्यक्ति खुद को कष्ट पहुंचाता है और आखिर में हार जाता है।
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लौंग दा लश्कारा
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