लो देखो, अब लूडो और सांप-सीढ़ी भी जनाब फोन पर ही खेलेंगे। अरे तुम क्या जानो गेंद तड़ी क्या होता है। विष अमृत, कबड्डी, खोखो कभी नाम भी सुने हैं इनके? लगातार कई घंटों से मोबाइल में आंखें गड़ाए बच्चे से मोबाइल छीनते हुए अभिभावक उसे अपने उम्र के खेलकूद वाले किस्से सुनाने लगते हैं। वे अकसर उस दौर को याद करने लगते हैं, जब छुट्टियों के दिन चिलचिलाती दुपहरी में चाचा घर से बाहर उन्हें ढूंढ़ने निकले थे और पार्क में चल रहे क्रिकेट मैच के बीच से ही कान पकड़कर घसीटते हुए घर ले आए थे। शाम होते ही आसमान पतंग से रंगीन हो जाता था और कई बार तो मम्मी खुद रस्सी कूदने बीच में कूद पड़ती थीं। संडे होता था पापा के साथ, जब अलमारी से निकलकर आता था लूडो और चेस, कैरम के तो कहने ही क्या! खेल कम, जंग का मैदान ज्यादा बन जाता था। ऐसा नहीं है कि तब जीवन में आगे बढ़ने की चिंता नहीं सताती थी, ऐसा भी नहीं है कि बढ़ती उम्र में दिल नहीं टूटता था। कंधे तब भी भारी बस्ते से दुखने लगते थे, क्लास में टीचर के आने से पहले उनका मोटा वाला डंडा दरवाजे से अंदर आता नजर आता था, रिपोर्ट कार्ड पिता जी के सामने लाते समय तब भी हाथ-पैर फूल जाते थे।
पता है, तब की सबसे अच्छी बात क्या थी? तब कम उम्र के बच्चों की आत्महत्या जैसी खबरें यूं नहीं सुनाई दिया करती थीं। तब डिप्रेशन नहीं, दिमाग खराब हुआ करता था दोस्तों की लिस्ट इतनी लंबी थी कि मम्मी बर्थडे की पार्टी देने से मना कर देती थीं। तब हम खेल-कूद कर अपना समय नहीं बर्बाद कर रहे होते थे, बल्कि तब हम इसके जरिये अपने व्यक्तिव का भी निर्माण करते थे। आज के कुछ अध्ययन भी इस बात की पुष्टि करते हैं। अध्ययन बताते हैं कि खेलने-कूदने से बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास बेहतर तरीके से होता है। खेलकूद अप्रत्यक्ष रूप से बच्चों के व्यक्तिव को निखारते हैं और उन्हें जीवन के कठिन डगर पर मजबूती से आगे बढ़ने के लिए भी तैयार करते हैं। बढ़ती प्रतिस्पर्धा, मोबाइल गेम्स, सोशल मीडिया ने आज खेल के मैदान की रौनक कम कर दी है और इसके नतीजे हमें बच्चों की मानसिक और शारीरिक सेहत पर देखने को मिल रहे हैं।
खेल का यूं पड़ता है प्रभाव
هذه القصة مأخوذة من طبعة October 21, 2023 من Anokhi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك ? تسجيل الدخول
هذه القصة مأخوذة من طبعة October 21, 2023 من Anokhi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك? تسجيل الدخول
लौंग दा लश्कारा
पिछले कुछ समय में नाक में पहने जाने वाले तरह-तरह के गहनों का चलन बढ़ा है। अगर आपको भी नाक में जेवर पहनने का शौक है, तो आपके पास विकल्पों की भरमार है। कैसे चुनें अपने लिए ये जेवर और क्या-क्या हैं आपके सामने विकल्प, बता रही हैं स्वाति गौड़
पल-पल क्यों बदलता है मूड?
मूड स्विंग और महिलाओं का ऐसा नाता है कि अधिकांश महिलाएं इसे बीमारी मानती ही नहीं। पर, यह एक ऐसी समस्या है, जो धीरे-धीरे हमारे जीवन पर गहरा असर डालने लगती है। क्या हैं मूड स्विंग के लक्षण और कैसे इससे उबरें, बता रही हैं शमीम खान
निवेश कीजिए सशक्त बनिए
महिलाएं कमाई करने में पीछे नहीं हैं। लेकिन जब बात निवेश की हो तो उनके कदम थोड़े लड़खड़ाने लगते हैं। हालांकि यह तस्वीर भी बदलती नजर आ रही है। इसमें आपकी भागीदारी इस बदलाव को गति दे सकती है। अपनी निवेश यात्रा की शुरुआत कैसे शुरू करें, बता रहे हैं वित्तीय सलाहकार पुनीत जैन
रिश्ते की गांठों को सुलझाने की कीजिए कोशिश
हम सबके पास ढेरों सवाल होते हैं, बस नहीं होता जवाब पाने का विश्वसनीय स्रोत। इस कॉलम के जरिये हम एक्सपर्ट की मदद से आपके ऐसे ही सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश करेंगे। इस बार मनोविशेषज्ञ देंगी आपके सवालों के जवाब। हमारी एक्सपर्ट हैं, डॉ. गगनदीप कौर
हर बार गोभी का नया स्वाद
ठंड यानी रसोई में गोभी की बहार। पर, इसका मतलब यह नहीं है कि आप हर दिन गोभी की एक जैसी सब्जी ही खाएं। गोभी से कौन-सी नई रेसिपी बनाएं, बता रही हैं अरुणा तिवारी
चलो लुटाएं पर्स पर प्यार
अपने पर्स या हैंड बैग के बिना आप घर से बाहर नहीं निकलतीं। पर, क्या पर्स की देखभाल पर थोडी-सी भी मेहनत करती हैं? कैसे करें पर्स की सही देखभाल ताकि वो दें सालों तक साथ, बता रही हैं शाश्वती
गाजर के गुण गाती रहेंगी आप
गाजर यों तो आंखों की सेहत का रखवाला माना जाता है। पर, इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व बालों के लिए भी रामबाण साबित हो सकते हैं। बालों की सेहत सुधारने के लिए गाजर का कैसे करें इस्तेमाल, बता रही हैं श्रुति
प्यार से बढ़ेगा सुरक्षा का भाव
माता-पिता बच्चों के लिए जो सबसे ज्यादा जरूरी काम कर सकते हैं, वह है उन्हें सुरक्षित महसूस कराना। सुरक्षा का भाव बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने के साथ उन्हें जिंदगी जीने का सही तरीका सिखाने में मददगार होता है। कैसे अपने बच्चे को दें सुरक्षित बचपन, बता रही हैं दिव्यानी त्रिपाठी
क्यों जरूरी है रानी रामपाल को जानना?
हमारी दुनिया में हम से जुड़ी क्या खबरें हैं? हमारे लिए उपयोगी कौन-सी खबर है? किसने अपनी उपलब्धि से हमारा सिर गर्व से ऊंचा उठा दिया? ऐसी तमाम जानकारियां हर सप्ताह आपसे यहां साझा करेंगी, जयंती रंगनाथन
हर गहना कहेगा इक कहानी
शादी के लिए किसी एक भारी-भरकम जेवर पर ढेर सारा निवेश करने से बेहतर है, अलग-अलग स्टाइल के जेवरों को साथ पहनकर नया लुक तैयार करना। खास बात यह है कि जेवरों की लेयरिंग इन दिनों ट्रेंड में भी है। जेवरों की लेयरिंग करते वक्त किन बातों का रखें ध्यान, बता रही हैं