आपके हाथों में तो जादू है! एक ऐसा स्वाद, जो भुलाए नहीं भूलता। पर, हम जानते हैं कि वह स्वाद तेल-मसालों के ज्यादा इस्तेमाल से नहीं आता। वह स्वाद आता है, किसी खास सामग्री के इस्तेमाल से इस कॉलम में बातें होंगी, ऐसी ही सामग्री और उसके इस्तेमाल के बारे में..
सौंफ की बात आते ही मुझे अपना बचपन याद आ जाता है। रंगबिरंगे सौंफ के दानों को मुट्ठी में भरकर हम सब खूब स्वाद ले लेकर खाते थे। सबसे अच्छी बात तो यह है कि यह एक ऐसा मसाला है जिसके बारे में बच्चों से लेकर बूढ़े तक सभी जानते हैं। शुर कोटेड रंग-बिरंगी सौंफ बच्चों की पसंदीदा है, तो सफेद चीनी से कोटेड सौंफ बड़ों की। सौंफ सिर्फ एक माउथ फ्रेशनर ही नहीं बल्कि भारतीय रसोई के मसालेदान का एक जरूरी मसाला भी है। इसके इस्तेमाल से किसी भी भोजन का स्वाद लाजवाब हो जाता है। साथ ही इसकी मुख्य विशेषता यह भी है कि सिर्फ शाकाहारी ही नहीं बल्कि मांसाहारी भोजन में भी इसका उपयोग होता है। सौंफ का ना सिर्फ स्वाद बेहतरीन होता है बल्कि यह पौष्टिक तत्वों से भी भरपूर होता है। कॉपर, आयरन, कैल्शियम, पोटैशियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व इसमें प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। इसकी तासीर ठंडी होती है, तभी तो इसका सेवन गर्मी के कहर से बचाने में काफी मददगार होता है। सौंफ में मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण व फाइबर के कारण गर्मियों में होने वाली पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद मिलती है।
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लौंग दा लश्कारा
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