
अपने से एक पीढ़ी पहले के लोगों से परवरिश से जुड़ी बातचीत करके देखिए । उनका मानना है कि आज की पीढ़ी बेकार ही परवरिश के नाम पर इतनी हाय-तौबा मचाती है। बच्चे पहले भी तो पल ही जाते थे। पर, पुरानी पीढ़ी इस बात को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है कि समय के साथ काफी कुछ बदला है। समय बदला है। तकनीक का हमारी जिंदगी में दखल बढ़ा है और इसके परिणामस्वरूप बच्चों में बदलाव आया है। पहले गर्मी की छुट्टी शुरू होने पर मां-बाप के चेहरे पर शिकन नहीं आती थी। पर, अब तो छुट्टी के नाम पर ही उनकी चिंता बढ़ा जाती है। बच्चे तो पहले की तरह ही जोश में रहते हैं, पर अभिभावक इसी चिंता में रहते हैं कि सब कुछ मैनेज कैसे होगा। सब कुछ मैनेज हो जाएगा, पर उसके लिए आपको पहले से कुछ तैयारियां करनी होंगी:
छुट्टियों में कुछ तो खास है
जैसे हम गर्मी की छुट्टियों का बेसब्री से इंतजार करते थे, ठीक वैसे ही हमारे बच्चे भी इनका इंतजार करते हैं। छुट्टियां यानी दोस्त और परिवार के साथ ढेर सारा वक्त। छुट्टियां यानी एक ही जैसे रुटीन से लंबा ब्रेक । छुट्टियां यानी अपनी मनमर्जी। पर, अगर बच्चों को उनकी मनमर्जी से छुट्टियां बिताने दे दिया जाए, तो समझो हम अभिभवकों की शामत। ऐसे में यह भी एक चुनौती ही है कि बच्चे मौज-मस्ती भी करें और साथ में रुटीन में भी रहें। खूब घूमे-फिरें, पर अपना हॉलीडे होमवर्क भी पूरा कर लें। स्कूल में मिलने वाली अन्य छुट्टियों की तुलना में गर्मी की छुट्टियां सबसे लंबी होती हैं। छुट्टियां इतनी लंबी होती हैं कि बच्चे आराम भी कर सकें और साथ ही नई-नई गतिविधियों को भी आजमा सकें। यह सब तभी संभव है, जब एक अभिभावक के रूप में आप कुछ बातों को पहले से ही ध्यान में रखें:
बनाएं छुट्टियों का कैलेंडर
هذه القصة مأخوذة من طبعة June 01, 2024 من Anokhi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك ? تسجيل الدخول
هذه القصة مأخوذة من طبعة June 01, 2024 من Anokhi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك? تسجيل الدخول

हेयर स्ट्रेटनर का नियमित इस्तेमाल करेगा नुकसान
हम सबके पास ढेरों सवाल होते हैं, बस नहीं होता जवाब पाने का विश्वसनीय स्रोत। इस कॉलम के जरिये हम एक्सपर्ट की मदद से आपके ऐसे ही सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश करेंगे। इस बार सौंदर्य विशेषज्ञ देंगी आपके सवालों के जवाब। हमारी एक्सपर्ट हैं,

मिलिए, पर्यावरण की इस अनूठी प्रहरी से
कुछ उपलब्धियां बेमिसाल बन जाती हैं। ऐसी ही एक उपलब्धि है, वन्यजीव विज्ञानी पूर्णिमा देवी रमन की। उन्हें हाल ही में टाइम्स वुमेन ऑफ द ईयर का सम्मान मिला। इस साल यह खिताब पाने वाली वह भारत की इकलौती महिला हैं। पूर्णिमा की सफलता के इस सफर को साझा कर रही हैं

गर्भनिरोधक गोलियां क्या वाकई हैं नुकसानदेह?
हमारी दुनिया में हम से जुड़ी क्या खबरें हैं? हमारे लिए उपयोगी कौन-सी खबर है? किसने अपनी उपलब्धि से हमारा सिर गर्व से ऊंचा उठा दिया? ऐसी तमाम जानकारियां हर सप्ताह आपसे यहां साझा करेंगी

कपड़ों से झलकेगी आपकी ताकत
अगर आप भी इस बात से परेशान हो चुकी हैं कि ऑफिस में कोई आपको गंभीरता से नहीं लेता तो अपने कामकाज के तरीके को बेहतर बनाने के साथ-साथ पहनावे का सलीका भी बदलें। क्या है पावर ड्रेसिंग और कैसे इसे अपनाएं, बता रही हैं

संघर्ष-सफलता का जश्न
महिला अधिकारों की बातों को हम सिर्फ एक दिन में सीमित करके नहीं रख सकते। पर, हां इस एक दिन यानी 08 मार्च को हम महिलाओं के संघर्ष और उनकी सफलता जश्न थोड़ा और ज्यादा जरूर मना सकते हैं। 1909 में पहली दफा महिला दिवस मनाया गया था। पिछले 116 सालों में हमने एक लंबा सफर तय किया है। पर, इस बात में कोई दोराय नहीं कि बराबरी और बेहतरी की राह अभी काफी लंबी है। दुनिया भर की प्रसिद्ध महिलाओं द्वारा महिला अधिकार और बराबरी के बारे में कही गई ये बातें अपने अधिकार और भविष्य को लेकर आपको जोश से भर देगीः

एक दिन नहीं सवाल पूरी जिंदगी का है
महिला दिवस के बारे में जितनी बातें होती हैं, संकल्प लिए जाते हैं, वो सिर्फ खानापूर्ति नहीं होनी चाहिए। इस दिन को हम सबको हल्के में लेने से बचना चाहिए, क्योंकि यह हम सबकी जिंदगी का सवाल है। क्यों हमें महिला दिवस को गंभीरता से लेना चाहिए, बता रही हैं

आप भी करती हैं हर फरमाईश पूरी?
बाल मन चंचल होता है, जो हर वक्त कुछ नया मांगता रहता है। कम मिले तो वह लालसा में रहता है और ज्यादा मिले तो जिद और क्रोध से भर सकता है। ऐसे में अभिभावकों की जिम्मेदारी होती है कि बच्चों की मांग और उसकी पूर्ति के बीच सटीक तालमेल बैठाकर रखा जाए। कैसे साधें यह संतुलन, बता रही हैं

बस, ये चावल काफी हैं
हर दिन तीन दफा पूरे परिवार के लिए खाना बनाना आसान काम नहीं। ऐसे में अगर कभी कम मेहनत में कुछ स्वादिष्ट खाने का मन है, तो झटपट बना लीजिए ये तरह-तरह के चावल, रेसिपीज बता रही हैं

पैसों की कमान अब लें अपने हाथ
आप घर-बाहर, ऑफिस... हर जगह अपनी जिम्मेदारियां बखूबी निभाती हैं, फिर आर्थिक मामलों में निर्णय लेते वक्त हाथ पीछे क्यों खींच लेती हैं? कैसे घर के आर्थिक मामलों की कमान महिलाएं अपने हाथों में ले सकती हैं, बता रही हैं

घर दिखेगा महल जैसा
घर के इंटीरियर में छोटे-मोटे बदलावों से आप अपने साधारण घर को भी आलीशान लुक दे सकती हैं। अपने घर को आलीशान लुक देने के लिए लाइटिंग से लेकर घर की सजावट तक में कैसा बदलाव करें, बता रही हैं