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आमिर खान से ऐसी हरकत क्या अनजाने में हुई!
एक अभिनेता के तौर पर आमिर खान मुझे हमेशा अच्छे लगे हैं. उनकी अच्छी-बुरी, हिट-फ्लॉप शायद ही कोई ऐसी फिल्म होगी, जिसे मैंने देखा न हो, लेकिन अमिताभ बच्चन के शो कौन बनेगा करोड़पति में आमिर खान की कुछ हरकतों से मैं अचंभित रह गया.
अनुच्छेद 370 को तिलांजलि के तीन साल जब जूलियस सीजर की तरह संसद आए थे अमित शाह
भारत के लिए 15 अगस्त और 26 जनवरी का महत्व तो देश के सभी नागरिक जानते हैं. लेकिन आज के लेख का मुद्दा बताने के लिए मैं एक छोटा-सा किस्सा साझा करना चाहता हूं. मैं पिछले दिनों अपने फ्रेंड के घर गया था तो वहां उसकी सिस्टर और ब्रदर-इन-लॉ भी थे और उनकी दो प्यारी बेटियां भी बातों-बातों में दोस्त के जीजाजी ने बताया कि उनको बहुत प्राउड फील होता है, गर्व होता है अपने घर में जन्मदिन को लेकर पता चला कि उनका खुद का बर्थडे 15 अगस्त को होता है, बड़ी बिटिया जन्मी है 26 जनवरी को और छोटी बिटिया का पूरा बर्थ-डेट ही है आज का मुद्दा - वो है 5 अगस्त 2019. आप कहीं ये तो नहीं सोच रहे कि 5 अगस्त में ऐसी क्या खास बात? तब तो आपको इस लेख का मुद्दा गृह मंत्री के जरिये बताना पड़ेगा.
अनुब्रत मंडल की गिरफ्तारी से ज्यादा रोचक है मवेशी तस्करी की दास्तान
पश्चिम बंगाल मवेशी तस्करी केस को लेकर सीबीआई एक्टिव है. जांच एजेंसी के अनुसार, उसने कोलकाता और बीरभूम जिले में एक दर्जन से अधिक स्थानों पर छापेमारी के दौरान लगभग 17 लाख रुपए, हार्ड डिस्क और पेन ड्राइव जैसे सामान बरामद किए. वहीं कहा ये भी जा रहा है कि स्कैम की जांच में जुटी सीबीआई ने कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज और कुछ लॉकर की चाबियां भी बरामद की हैं.
सुब्रह्मण्यन स्वामी के दावों में कितना दम?
सोनिया गांधी और राहुल गांधी से प्रवर्तन निदेशालय नये सिरे से पूछताछ कर सकता है. मीडिया में सूत्रों के हवाले से आई कई रिपोर्ट में ऐसी संभावना जतायी गयी है कि प्रवर्तन निदेशालय सोनिया गांधी और राहुल गांधी के बयानों की दोबारा जांच पड़ताल की तैयारी कर रहा है. बताते हैं कि ईडी को जो दस्तावेज मिले हैं उनमें मुंबई और कोलकाता के हवाला लिंक जुड़ रहे हैं.
तिरंगा हमारा अभिमान, फिर क्यों संग्राम?
75 आज़ादी का अमृत महोत्सव
नीतीश के मुकाबले तेजस्वी हो सकते हैं बेहतर सीएम?
तेजस्वी यादव की लोकप्रियता बताने वाले सर्वे ने पिछली बार उनको मिले शादी के हजारों प्रस्तावों की याद दिला दी है. फिर से बिहार के डिप्टी सीएम बन चुके तेजस्वी यादव को एक सर्वे में लोगों ने नीतीश कुमार के मुकाबले अपना पसंदीदा मुख्यमंत्री बताया है.
जंगलराज रिटर्न्स!
आठवीं बार मुख्यमंत्री पद के लिए शपथग्रहण के बाद नीतीश कुमार ने तेवर दिखाने के साथ साथ इरादा भी जाहिर कर दिया है, लेकिन ममता बनर्जी की ही तरह डिस्क्लेमर के साथ. नीतीश कुमार नयी पारी शुरू करते ही उसी स्वर में बोल रहे हैं, जिस लहजे में ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल चुनाव में बीजेपी को शिकस्त देने के बाद बोल रही थीं - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 2024 में चैलेंज करने की लिए विपक्ष के एकजुट होने की अपील और प्रधानमंत्री पद का दावेदार न होने की बातें.
दिल्ली की गलियों से निकलकर बॉलीवुड तक कैसे पहुंचीं हुमा कुरैशी?
गॉर्जियस एक्ट्रेस हुमा कुरैशी का जन्म 28 जुलाई 1986 को दिल्ली में हुआ था. हुमा ने अपनी पढ़ाई भी दिल्ली यूनिवर्सिटी के गार्गी कॉलेज से की है.
ब्रेस्ट फीडिंग जच्चा बच्चा दोनों के लिए है फायदेमंद
महिला के लिए मां बनना प्रकृति का सबसे बड़ा तोहफा और अपने बच्चे को स्तनपान या ब्रेस्ट फीडिंग कराना एक अनूठा अनुभव है.
सिंगापुर ओपन जीतकर अ पीवी सिंधु ने रचा नया इतिहास
दोबार की ओलम्पिक पदक विजेता भारत की स्टार महिला शटलर पीवी सिंधु (पुसरला वेंकट सिंधु) ने 17 जुलाई को बैडमिंटन में अपना बेहतरीन प्रदर्शन जारी रखते हुए पहली बार सिंगापुर ओपन का खिताब जीतकर इतिहास रच दिया है.
सरकार और नौकरशाही के बीच गहरी होती दरारें
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब जनता के बीच अपनी सरकार के सौ दिन के कामकाज का जश्न मना रही थी, उसी समय योगी सरकार के एक दलित राज्य मंत्री ने ब्यूरोक्रेसी पर गंभीर आरोप लगा कर सरकार की किरकिरी करा दी है.
किरोड़ी कि किच-किच से भाजपा की फजीहत
राजस्थान में भाजपा की फूट अब खुलकर सड़कों पर आ गई है. हाल ही में जयपुर के होटल क्लार्क्स आमेर में एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के स्वागत कार्यक्रम में एंट्री को लेकर बीजेपी के दो वरिष्ठ नेता आपस में भिड़ गए.
कांग्रेस को अब एक स्थायी अध्यक्ष की जरूरत
सोनिया गांधी की प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेशी के दौरान कांग्रेस नेताओं के अलग अलग कई रूप देखने को मिले हैं. कोई ईडी को इडियट बता रहा है तो कोई पिट्ठू और ऐसे बयानों का सिलसिला सिर्फ दिल्ली में ही नहीं सुनने को मिला है, कर्नाटक से गुजरात तक एक जैसी स्थिति नजर आ रही है.
सस्ते स्पेस टूरिज्म में भारत की दावेदारी में दम
आने वाले कुछ सालों में स्पेस टूरिज्म यानी अंतरिक्ष की सैर का सपना जल्द ही भारत में भी पूरा किया जा सकेगा.
आदिवासी समाज को द्रौपदी मुर्मू से है उम्मीद?
राष्ट्रपति पद यानी देश का राजा, इस गरिमा को ध्यान में रखकर आजादी के बाद से बनी स्वयभूं व्यवस्थाओं के चलते रसूख और रा बड़ी हैसियत वाले व्यक्तियों को ही महामहिम की कुर्सी पर आसान कराया जाता रहा.
ये तीसरा घोटाला!
तृणमूल कांग्रेस ने शिक्षा भर्ती घोटाले से खुद को अलग कर लिया है, लेकिन क्या पार्थ चटर्जी से भी तृणमूल कांग्रेस या ममता बनर्जी खुद को अलग कर सकते हैं? जिस घोटाले को लेकर पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया गया है - आखिर उसे रोकने की जिम्मेदारी किसकी थी?
हे पार्थ! दामन पर एक और दाग
बंगाल सरकार जो पहले से शारदा चिट फण्ड घोटाले का दंश झेल रही है, गाहे - बगाहे विपक्ष पहले से ही बंगाल की तृणमूल सरकार को घेरता रहा है, ममता बनर्जी केन्द्रीय जांच एजेंसियों पर यह कहते हुए लगातार हमालावर रहती हैं कि केन्द्र सरकार सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का दुरुपयोग करके बंगाल की तृणमूल सरकार को अस्थिर करना चाहती है, तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को डरा कर अपने पाले में लेना चाहती है, ऐसे में एक और घोटाला यानि शिक्षक भर्ती घोटाले में ईडी की जांच और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव सह उधोग मंत्री पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी आने वाले दिनों में ममता बनर्जी की राजनीतिक मुश्किलों को और बढ़ा सकती है.
क्या ब्रिटेन को मिलेगा विदेशी मूल का पहला पीएम
ब्रिटेन में इस वक्त कम से कम 12 लोग प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब देख रहे हैं. इनमें भारतीय, पाकिस्तानी, इराकी और नाइजीरियाई मूल के नेता भी हैं. एक नजर पीएम पद की दौड़ में शामिल प्रमुख चेहरों पर.
हीरोइनों का प्रेग्नेंट होना सुर्खी क्यों बनने लगा!
आजकल फिल्मीं ख़बरों में रूचि रखने वाले पाठकों को फिल्मों की नई जानकारियों के अलावा ये सुर्खियां भी पढ़ने को मिलने लगी कि कौनसी हीरोइन कब, किससे शादी कर रही है और वो कब प्रेग्नेंट हुई! किसी हीरोइन का प्रेग्नेंट होना वास्तव में पाठकों की रूचि में शामिल नहीं होता, पर उनके सामने ये सब परोसा जाने लगा है! हीरोइनें फोटो शूट करवाकर उसे इस तरह ग्लैमराइज़ करने लगी, जैसे ये उनकी किसी काबलियत का हिस्सा हो! इसके पीछे वजह चाहे जो बताई जाए, पर ये एक पूरे प्रचार तंत्र का मसालेदार फार्मूला है, जिसे सुर्ख़ियों की तरह मीडिया में परोसा जाने लगा! क्या ये प्रतिद्वंदिता है या कुछ और!
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आज देश में धर्मनिरपेक्षता के नाम पर बहुत लंबे अरसे से 'सनातन धर्म' के आराध्य सर्वशक्तिमान ईश्वर व अन्य देवी-देवताओं का उपहास उड़ाना जिस तरह से एक फैशन बन गया है, वह बिल्कुल भी ठीक नहीं है. लेकिन जब से उत्तर प्रदेश में भगवान शिव की बेहद प्रिय नगरी काशी (बनारस) में ज्ञानवापी परिसर में सर्वे का मसला चला है, तब से चंद अधर्मी लोगों के द्वारा देश में हम सभी के आराध्य सर्वशक्तिमान भगवान शिव के बारे में आयेदिन मीडिया, सोशल मीडिया, टीवी आदि पर व सार्वजनिक रूप से अशोभनीय टिप्पणी करके कुछ लोगों के द्वारा देश में एक अजीब सा धार्मिक उन्माद का तनावपूर्ण माहौल बनाने का प्रयास निरंतर किया जा रहा है.
सभ्यता के नैरेटिव की हार है!
एक शब्द होता है इनवोकेशन आह्वान पुकार सर्वोच्च अदालत के माननीय न्यायाधीशों ने समाज की उग्र और हिंसक चेतना को पुकारा है और स्पष्ट रूप से यह इशारा कर दिया है कि अपनी भावनाएं आहत करके देश का माहौल ख़राब करने की ताक़त अगर दिखा सकते हो तो हम तुम्हें संरक्षण देंगे.
भारत-जापान के रिश्तों को नया आयाम देने वाली शख्सियत थे शिंजो आबे
जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे को पश्चिमी जापान के नारा शहर में चुनावी भाषण देने के दौरान पत्रकार बनकर आये एक हमलावर शख्स ने पीछे से दो गोली गर्दन व सीने में मार कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था. इस घटना के बाद जापान के मीडिया हाउस 'एनएचके' ने इस घटना का एक वीडियो फुटेज प्रसारित किया था, जिसमें शिंजो आबे को गोली लगने के बाद सड़क पर स्पष्ट रूप से गिरते हुए देखा जा सकता है और कई सुरक्षाकर्मी उनकी ओर भागते हुए देखे जा सकते हैं. शिंजो आबे जब जमीन पर गिरे तो उन्होंने अपने सीने पर हाथ रखा हुआ था तथा उनकी कमीज पर खून लगा हुआ देखा गया था.
बीजेपी को आतंकवाद के नाम पर घेरना जोखिमभरा
2014 से ही मोदी-शाह को घेरने के लिए कांग्रेस तमाम उपाय करती आयी है, फिर भी अभी तक उसे कोई भी कारगर नुस्खा नहीं मिल सका है, लेकिन नुपुर शर्मा केस में बीजेपी के बैकफुट पर आ जाने से पार्टी का हौसला थोड़ा बढ़ा हुआ लगता है.
हिंदू संस्कृति का अपमान क्यों?
हमारे देश में धर्म के नाम पर अशांति फैलाने का घृणित कार्य किया जाना कोई नई बात नहीं. अभी नूपुर शर्मा को लेकर देश में विवाद शांत भी हुआ कि अब एक डाक्यूमेंट्री फिल्ममेकर लीना मणिमेकलाई ने एक नया बखेड़ा खड़ा कर दिया. लेकिन अफ़सोस की उन्हें ऐसा करने में कुछ गलत नहीं लगा. उन्होंने हिंदू आस्था की देवी माँ काली का सिगरेट पीते पोस्टर दिखाया. यह गलती से किया गया काम नहीं था. बल्कि जानबूझकर इस तरह से लोकप्रियता हासिल करने की पूरी स्क्रिप्ट लिखी गई.
ऑनलाइन गेमिंग बच्चों की शिक्षा पर डाल रही हानिकारक प्रभाव
सरकार बच्चों के लिए ऑनलाइन गेमिंग घंटे को विनियमित कर सकती है. उदाहरण के लिए, हाल ही में, चीन ने 18 साल से कम उम्र के गेमर्स को प्रति सप्ताह केवल तीन घंटे ऑनलाइन गेम तक सीमित कर दिया.
कांग्रेस ने अपने लिए गड्ढा खोदना कर दिया है शुरू!
2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव में पाटीदार आंदोलन और ऊना में दलितों के साथ हुए दुर्व्यवहार जैसे मुद्दों के सहारे कांग्रेस ने भाजपा को कड़ी टक्कर दी थी. जिसके चलते गुजरात में भले ही भाजपा सरकार बनाने लायक सीटें ले आई थी. लेकिन, भाजपा की सीटों की संख्या 99 पहुंच गई थी. जो पिछले विधानसभा चुनाव में 115 थी. इतना ही नहीं, कांग्रेस का वोट प्रतिशत भी करीब ढाई फीसदी तक बढ़ा था. लेकिन, इस बार के गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नजर नहीं आ रहा है.
औरत ही तय करे गर्भपात कराने का फ़ैसला
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने आधी आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाली महिलाओं के लिए गर्भपात कानून में बदलाव करने का निर्णय लिया है. इसके तहत पांच दशक पुराने गर्भपात कानून पर रोक लगा दी गई. अब अमेरिका में 50 साल पुराना संवैधानिक संरक्षण समाप्त हो गया. साथ ही अमेरिका के सभी राज्य गर्भपात को लेकर अपने नियम खुद बना सकेंगे. इस फैसले के बाद सम्भवतः अमेरिका के कुछ राज्यों में गर्भपात पर पूरी तरह से प्रतिबंध लग जाएगा. देखा जाए तो यह फ़ैसला कहीं न कहीं महिलाओं के लैंगिक समानता और मानवाधिकार के ख़िलाफ़ है.
इससे अधिक हिन्दू समाज के वश में क्या है ?
कई कम्युनिस्ट इंटेलेक्चुअल साफ कहते हैं कि हिन्दू प्रतीकों को इतना अपमानित कर दो कि उसे भारतीय समाज अपनाते हुए डरने लगे. तिलक और यज्ञोपवीत पवित्रता के पर्याय हैं तो हर चोर को, अपराधी को, व्यभिचारी व अत्याचारी को यह पहनाकर गलियों में घुमाया जाए ताकी इन प्रतीकों का पर्याय बदल जाए.
क्या हनुमान चालीसा ने विचलित किया चालीस विधायकों को
महाराष्ट्र सरकार का बिहार की पुलिस के साथ कैदियों जैसा बर्ताव लोग भूले नहीं हैं. वह वीडियो क्लिप देखकर तो लोगों के रोंगटे खड़े हो गये थे, जिसमें पालघर में साधु जो महाराष्ट्र पुलिस के आरक्षक का हाथ पकड़े था, उसका बचाव न करके आरक्षकों के सामने उसकी हत्या होने दी गई. वहां पुलिस के सामने निहत्थे दो साधुओं सहित तीन लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई थी.
खेल की दुनिया में ये कैसी गंदगी !
महिला खिलाड़ियों का कहना है कि महिला कोच की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए ताकि इस तरह की घटनाओं में कमी आ सके. - साइक्लिस्ट कीर्ति विरमानी