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टीकाकरण का अंधियारा
देर से टीकों के अधिक उत्पादन और उन्हें हासिल करने की हड़बड़ी के बावजूद देश का टीकाकरण अभियान टीकों की भारी किल्लत से मुकाबिल, खतरनाक दूसरी लहर से पस्त हर कोई अब टीका लगाना चाहता है लेकिन इतने टीके उपलब्ध ही नहीं
कब खत्म होगी यह तबाही?
देश के शीर्ष विशेषज्ञ इस बात का आकलन कर रहे हैं कि रौंदने पर उतारू कोविड-19 की इस दूसरी लहर को आखिर किस तरह से रोका जा सकता है
सैन्य के इस्तेमाल पर असमंजस
वायरस के खिलाफ लड़ाई में सशस्त्र बल आगे आए, पर सरहदों पर तनातनी को देखते हुए वे मौजूदा काम को शायद बढ़ा नहीं पाएंगे
यानी बज गई घंटी!
विधानसभा चुनावों में निराशाजनक नतीजों ने ब्रांड मोदी पर भाजपा की निर्भरता को लेकर सवाल खड़े किए
नाकामियों की त्रासदी
सामूहिक अत्येष्टियां, अस्पताल में बिस्तरों के लिए मारामारी चिकित्सा ऑक्सीजन के लिए हायतौबा, हर तरफ हाहाकार, पारिवारिक त्रासदियां-कोविड की दूसरी लहर के डरावने नजारों देश की राज्यसत्ता की धीर नाकामी को बेनकाब कर दिया
दीदी से दुर्गा
ममता बनर्जी की जीत ने न केवल बंगाल बल्कि देशभर की विपक्षी ताकतों में उम्मीद पैदा कर दिया है जो भगवा ब्रिगेड की अनवरत चढ़ाई को रोकने की आस लगाए हुए हैं
देहात में फीका पड़ा कमल
उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव
डांवाडोल नाव
चुनावों में घटिया प्रदर्शन के बाद कांग्रेस के लिए फिर से करो या मरो की स्थिति बन गई है. अगर पार्टी खुद को सुधारने के लिए एक ईमानदार प्रयास कर सके तो यह अभी भी विपक्ष को एकजुट करने वाली ताकत बन सकती है
अब यहां एकछत्र राज
केरल में बाम मोर्चे की लगातार दूसरी जीत से पिनाराई विजयन की राज्य में एक के बाद एक संकटों से निबटने की काबिलियत और राजनैतिक अफसाने पर मजबूत पकड़ साबित हुई
चूकता ब्रह्मास्त्र
हाल में संपन्न हुए चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के चुनावों में ध्रुवीकरण की लंबे समय से की जा रही कोशिशें अपेक्षित कामयाबी नहीं दे पाईं, तो, क्या ध्रुवीकरण का आकर्षण मतदाताओं में कम होने लगा?
सुपुत्र के हाथ आई सत्ता
एम.के. स्टालिन के चुनावी वादे वोटरों को ठीक लगे अब सबकी निगाहें इस पर हैं कि नए मुख्यमंत्री उन पर कैसे अमल करते हैं
भयावह आपदा
संक्रमण के बेतहाशा बढ़ते मामलों के बीच ग्रामीण इलाकों में खस्ताहाल स्वास्थ्य सेवा तंत्र और किसी तरह की तैयारी के अभाव कोविड के खिलाफ लड़ाई में गंभीर बाधाएं
सवालों के घने दायरे
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले ने कोरोना की दूसरी लहर से मचे हाहाकार के बीच 24 अप्रैल को बयान जारी किया, "समाज विघातक और भारत विरोधी शक्तियां इस गंभीर परिस्थिति का लाभ उठाकर देश में नाकारात्मक एवं अविश्वास का वातावरण खड़ा कर सकती हैं."
पीने-पिलाने के नए इंतजाम
राजस्थान सरकार ने परंपरागत आबकारी नीति को 1 अप्रैल को अलविदा कह दिया और अधिसूचना जारी कर दी कि राज्य के बारों में माइक्रोब्रूअरी या बीयर बनाने की छोटी मशीनें लगाई जा सकेंगी. आबकारी महकमा सरकार का दूसरा सबसे बड़ा कमाऊ महकमा है और 15 साल के ठहराव के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आखिरकार इसमें कुछ बदलाव किए. इस कदम ने कइयों को हैरत में डाल दिया, क्योंकि शराब को हाथ तक न लगाने वाले गहलोत शराब से जुड़े और रियायतें मांग रहे लोगों के प्रति कम ही दयावान जाने जाते हैं.
लालू अब भी महत्वपूर्ण
लालू प्रसाद यादव आखिरकार चौथी बार में किस्मतवाले रहे. बिहार के इस पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के मुखिया चारा घोटाले से जुड़े कई मुकदमों में दोषी करार दिए जाने के बाद दिसंबर, 2017 से जेल में बंद थे. इससे पहले तीन दफा उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी और शायद इसीलिए 17 अप्रैल को झारखंड हाइकोर्ट के आदेश ने पार्टी कैडर और बिहार में उनके समर्थकों के बीच उम्मीद की लहर पैदा कर दी.
डूबता मरु जहाज
राजस्थान में ऊंट कानून अपने राज्य पशु को बचाने के लिए बना था, लेकिन वह ऊंटों की घटती तादाद और ऊंटपालकों की मायूसी का कारण बन गया, क्या गहलोत सरकार ऊंटों की रक्षा कर पाएगी?
टीके पर अनिश्चितता
राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान के सामने आपूर्ति, वितरण और उसकी कीमतों के निर्धारण की चुनौतियां
लॉकडाउन की कीमत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 अप्रैल को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में राज्यों से आग्रह किया कि वे आखिरी उपाय के तौर पर ही लॉकडाउन के बारे में सोचें. हालांकि एक हफ्ते के भीतर ही कोविड के मामलों में अंधाधुंध बढ़ोतरी के बाद महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात और कर्नाटक यही करने को मजबूर हो गए जबकि पंजाब, छत्तीसगढ़, राजस्थान और हरियाणा ने रात और सप्ताहांत के कयूं लगाए.
गहरी मुश्किल में छोटे उद्योग
कमजोर मांग से जूझ रही भारत की 6.34 करोड़ एमएसएमई या छोटी-मझोली इकाइयां मजदूरों के दूसरे पलायन के कारण बंदी की कगार पर पहुंच गई हैं, साथ में बढ़ती लागत और कर्ज चुकाने का संकट उनके सिर पर मंडरा रहा है
अकेले पड़ते अमरिंदर
अगले विधानसभा चुनाव को बमुश्किल एक साल रह गया है, ऐसे में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह यह नहीं चाहेंगे कि वे किसी राजनीतिक संकट में अकेले फंसे हुए दिखाई दें. 10 अप्रैल को पंजाब एवं हरियाणा हाइकोर्ट ने 2015 में गुरु ग्रंथ साहिब को अपवित्र किए जाने के मामले पर गठित एसआइटी (विशेष जांच दल) की रिपोर्ट को खारिज कर दिया.
सांस लेने का संघर्ष
खतरनाक दूसरी लहर और ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी ने कोविड के खिलाफ लड़ाई को बेहद मुश्किल बना दिया, सरकार इससे क्यों बेपरवाह बनी रही और अब नाकामी दूर करने तथा हालात पर काबू पाने के लिए क्या कर सकती है
सरहद पर फिर तनातनी
इस बात के दो महीने से थोड़ा ही अधिक वक्त बीता है जब पेगॉन्ग त्सो के उत्तरी और दक्षिणी तटों से और कैलाश रेंज से सैकड़ों भारतीय और चीनी जवान, टैंक और बख्तरबंद गाड़ियां पीछे हटी थीं और अब, गर्मियों में लगता है कि छोटे स्तर की एक तनावपूर्ण तनातनी बरकरार रहने वाली है. भारतीय और चीनी टुकड़ियां लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा पोस्ट एक-दूसरे के आमने-सामने डटी रहने वाली हैं.
दूसरी लहर खौफनाक कहर और बचाव
कोरोना वायरस के ज्यादा संक्रामक रूप में लौटने के साथ चौतरफा घिरा देश चुनौतियों से निपटने और किसी तरह लड़ाई जारी रखने में जुटा
अकेली योद्धा
पार्क स्ट्रीट के सामने मेयो रोड पर प्रसिद्ध गांधी प्रतिमा कोलकाता में विरोध दर्ज करने का राजनैतिक दलों और सामान्य नागरिक समूहों के पसंदीदा स्थलों में एक है. पिछले 13 अप्रैल को ममता बनर्जी भी चुनाव आयोग के खिलाफ अपनी आवाज उठाने के लिए वहीं पहुंची. न कोई नारेबाजी, न नाफरमानी का कोई ऐलान, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बस चुपचाप मूर्ति के नीचे बैठी रहीं और पेंटिंग करने में खोई रहीं. समर्थन में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ नेताओं ने थोड़ी दूरी पर डेरा डाल रखा था.
दहशत और नाउम्मीदी
सभी राज्यों में स्वास्थ्य सेवाएं चरमराईं, अस्पतालों में बिस्तर पाने के लिए हाथ-पैर मार रहे मरीज, कोविड टेस्ट रिपोर्ट आने में कई-कई दिन लग रहे और ऑक्सीजन तथा जरूरी दवाइयों की भारी किल्लत
लंबा खिंचा संकट
पिछले वर्ष लॉकडाउन के बाद बड़े पैमाने पर उनके पलायन ने आम तौर पर अदृश्य रहने वाले कार्यबल के संकटों के बारे में हमारी आंखें खोली थीं. क्या उनकी दुर्दशापूर्ण स्थिति में कोई सुधार हुआ है?
टीका संकट
कोविड की घातक दूसरी लहर ने लगता है भारत की उत्साही वैक्सीन रणनीति की पोल खोलकर रख दी है. आखिर कमी कहां रह गई और इसे वापस पटरी पर कैसे लाया जाए
भारत की एटमी शार्क
भारत की पनडुब्बी ताकत को पैना करने में काफी लंबा वक्त लग गया और एक बहुप्रतीक्षित परियोजना को अब जाकर कैबिनेट की सुरक्षा समिति की मंजूरी मिलने वाली है. एटमी क्षमता वाली हमलावर पनडुब्बी परियोजना में इतनी देरी क्यों हुई
महागाथाओं का नया उभार
हिंदू पौराणिक कथाओं के प्रति भारतीय फिल्म उद्योग का प्रेम अपने पूरे उफान पर
किसानों के फायदे का सौदा
शायद पंजाब सरकार केंद्र सरकार की ओर से डाले जा रहे दबाव में आ गई और उसके पास कोई विकल्प नहीं बचा था. ऐसे में अब वह प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) की तरफ मुड़ गई है जिसके जरिए वह इस सीजन में किसानों से अनाज की खरीद करेगी.