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डिजिटल वालों की घबराहट
केंद्र सरकार नवंबर को एक गजट अधिसूचना के जरिए ऑनलाइन कंटेंट प्रदाताओं की तरफ से उपलब्ध करवाए गए फिल्म और दृश्य-श्रव्य कार्यक्रमों और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर न्यूज और समसामयिक विषयों के कार्यक्रमों' को सूचना और प्रसारण (आइबी) मंत्रालय के दायरे में ले आई. इसका मतलब है कि नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम और डिज्नी+ हॉटस्टार सरीखे ओवर द टॉप (ओटीटी) प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सहित कोई भी डिजिटल मीडिया जो न्यूज और सामयिक विषयों के कार्यक्रम प्रकाशित या स्ट्रीम करता है, अब आइबी मंत्रालय की निगरानी के दायरे में होगा. अभी तक ये माध्मम सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में आते थे.
मन की बात, काम की बात
मन की बात आमने-सामने नहीं की जाती. ऐसा हो तो सुनने वाले हाथ जोड़ सकते हैं कि भाई माफ करो, तुम्हारा मन की बात करने का मन है पर हमारा मन तुम्हारे मन की बात सुनने का नहीं
बलई काका माइ बाप
पिताजी इतवार को और इतनी ही दूर कवि सम्मेलनों में जाते कि रात या भोर तक लौट आएं. अम्मा के डर से वे खुलकर मेरे साथ नहीं आते थे पर उनकी मौन सहमति से ही मुझे हौसला मिला
बंगाल की जोरदार जंग
बिहार के बाद पश्चिम बंगाल को जीतने के लिए भाजपा ने अपना व्यापक अभियान युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया है.उसका अभियान कितना पुख्ता है और कद्दावर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ क्या हैं उसकी संभावनाएं?
बेपेंदी का सच
सफेद दांतों के साथ अदालत में आत्मविश्वास के साथ झूठी गवाही की सेवा देते हैं कोटरा के रामटहल. पंडिज्जी के टहलदार मुन्ना मास्साब एक मामले में उन्हें राजी करने को पधारे हैं
हंसो हंसो जल्दी हंसो
इंटरनेट के विस्तार के साथ हंसी की सबसे ज्यादा खोज भी ऑनलाइन हो रही है. वहां हंसाने के हजारों तरीके, स्माइलीज, स्टिकर्स, इमोटिकॉन्स.लेकिन इन तमाम साधनों के बीच मीम जैसी सफलता किसी ने नहीं पाई ,
'कॉमेडी में मुश्किल बात कहने का माद्दा'
गुदगुदाने वाले किरदारों को संजीदगी से निभाने वाली दिग्गज अभिनेत्री और ज्वलंत मौज विषयों को कॉमिक अंदाज में लाने वाले लेखक-निर्देशक के बीच एक संजीदा संवाद
खाना तो अंडाकरी है, विचार नहीं
कॉमेडी फिल्मों में एक दौर ऐसा आया जब विचार को पीछे धकेल दिया गया. विचार के अभाव में चीख-चिल्लाहट हावी हो गई. पर अब फिर से इन फिल्मों का स्तर ऊपर उठना शुरू हो गया है
'युवा गाली बकते हैं इसलिए शो में भी गालियां हैं'
यूट्यूबर कॉमेडियन आशीष चंचलानी से नवीन कुमार की बातचीत
हिंदू वोटों के लिए दांव-पेच
भाजपा और ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस, दोनों ही पार्टियां राज्य की आबादी में 70 फीसद हिस्सेदारी वाले हिंदू वोटरों को लुभाने में जुटी, लेकिन क्या बंगाली हिंदू एकतरफा वोट करेंगे?
हाथ से फिसलते हालात
विपक्ष के दिलेरगठबंधन ने पहली बार, इमरान खान की सरकार पर हमला किया है और अना-की र्भातही धारणा गया आखिर यह सब कहाँ जाकर खत्म होगा?
मोदी का जादू बरकरार
भाजपा की जीत उसकी अपने सहयोगी दलों के बीच सौदेबाजी की क्षमता बढ़ाएगी और साल 2021 के महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को एक नई ऊर्जा देगी
जीते पर बेचैन
छह बार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शायद अपनी उम्मीद के मुताबिक विजयी धूम-धड़ाके के साथ सत्ता में नहीं लौट पाए. उनकी गद्दी के पीछे भाजपा बड़े भाई के तौर पर हो सकती है असल ताकत
तीन साल और सरकार
मध्य प्रदेश के 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जोरदार जीत ने राज्य में अगले तीन साल तक भगवा पार्टी के राज को निष्कंटक कर दिया है.
पंजाब ने बढ़ाया दबाव
पंजाब विधानसभा ने 20 अक्तूबर को चार विधेयक पारित किए, जिनमें तीन राज्य के किसानों को केंद्र के नए कृषि कानूनों फारमर्स प्रोड्यूस ट्रेड ऐंड कॉमर्स (प्रमोशन ऐंड फैसिलिटेशन) ऐक्ट, 2020, फारमर्स (एंपावरमेंट ऐंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्युरेंस ऐंड फार्म सर्विसेज ऐक्ट,2020, और एसेंशियल कमोडिटीज एमेंडमेंट बिल, 2020-के प्रतिकूल प्रभाव से बचाने के लिए पेश किया गया. चौथा विधेयक कोड ऑफ सिविल प्रोसीजर (सीपीसी) में संशोधन के लिए है ताकि अपनी शिकायतों के लिए किसान सिविल अदालतों का दरवाजा खटखटा सकें. इन कानूनी कदमों ने अमरिंदर सिंह सरकार और भाजपा शासित केंद्र सरकार को टकराव के रास्ते पर खड़ा कर दिया है.
क्या हमें मिल पाएगी?
नवंबर की 10 तारीख को जब दुनिया फाइजर और बायोएनटेक के एमआरएनए आधारित टीके को तीसरे चरण के ट्रायल में 90 फीसद प्रभावी पाए जाने का जश्न मना रही थी, भारत के चुनौतीपूर्ण स्वास्थ्य ईकोसिस्टम के कई छोटे खिलाड़ी सोच में थे कि क्या वे कभी इस टीके की उपलब्धता का हिस्सा बन पाएंगे.
सौदों में अटकी सांस
सरहद पर चीन के साथ जारी संकट के बीच रक्षा मंत्रालय चार बेहद अहम हथियार प्रणालियों की खरीद को आगे बढ़ाने के लिए हरकत में आया. मगर कई सारी वजहों से जल्दी हासिल कर पाना मुश्किल
सड़कों का बादशाह रेडिऑन
हम नोएडा से हरियाणा के सुदूर हिसार के एक गांव तक के लंबे सफर के लिए टीवीएस रेडिऑन को चुना.शानदार फ्यूल इंजेक्शन से लैस नया बीएस 6 रेडिऑन ने साबित किया कि वह खासतौर से ऐसे सफर के लिए बना है.
सफलता की सीढ़ी पर
वे आसानी से हार मानने वाली नहीं हैं, फातिमा सना शेख धीरे-धीरे लेकिन मजबूती से इस गलाकाट उद्योग में अपनी जगह बना रही हैं
हर औजार आजमाया
तेजस्वी के नेतृत्व में राजद ने वापसी का दम दिखाया तो प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा ने कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी
रफ्तार का इंतजार
बस स्टॉप पर जमा भीड़ मुंबई और इसके उपनगरों में दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. भरी बसें आजा रही हैं और बहुत कम लोग ही इसमें चढ़ पाते हैं. लोगों में हताशा बढ़ती जा रही है, लेकिन मुसाफिरों के पास विकल्प कम ही हैं.
नई शुरुआत की वेला
अमेरिका में जो बाइडन-कमला हैरिस प्रशासन के आखिर भारत और पूरी दुनिया के लिए क्या हैं मायने
मेहनत से संतुष्ट कमलनाथ
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ (73 वर्ष) 3 नवंबर को उपचुनावों से पहले दिनचर्या के तहत अपने हेलिकॉप्टर में सवार होकर हर रोज 2-3 निर्वाचन क्षेत्रों में जनसभा को संबोधित करने निकल जाते थे.
दिवाली पर लगा दांव
नवरात्र से शुरू हुए त्योहारों के मौसम में बिक्री उछली तो जरूर लेकिन उम्मीद के मुताबिक नहीं, इसलिए कारोबार अभी आस लगाए बैठा
ठीक नहीं इतनी नजदीकी!
नवंबर की पहली तारीख को जब केरल ने महीनों बाद अपने समुद्र तटों को आम लोगों के लिए खोला, तब राज्य में 89,675 सक्रिय कोविड केस थे और यह संख्या महाराष्ट्र के बाद देश में सर्वाधिक थी.
अड़ंगों की अमरबेल
धन की व्यवस्था के लिए केंद्र सरकार की ऐसी छटपटाहट पहले कभी नहीं दिखी थी. अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए राजकोषीय प्रोत्साहन का कोलाहल लगातार बढ़ रहा है और सरकार को कोविड-19 महामारी के प्रबंधन पर हो रहे खर्च से इतर लेकिन अपरिहार्य व्ययों के लिए संसाधन भी तलाश करने होंगे.
चुनावी इलाज!
अक्सर वादे मुफ्त होते हैं, खासकर चुनावी अभियानों के, जिनमें जनता की जेब पर कोई भार न डालने से जुड़ा ऐलान हो. निर्मला सीतारमण की ओर से 22 अक्तूबर को बिहार के सभी नागरिकों के लिए कोविड का टीका निःशुल्क देने का वादा एक ऐसी ही घोषणा थी. मुफ्त टीका का जुमला भाजपा के घोषणापत्र में भी शामिल है और किसी भी सूरत में इसका भार केंद्र के खजाने पर नहीं पड़ेगा. स्वास्थ्य राज्य का विषय है और केंद्र उसके खर्च का एक हिस्सा मात्र वहन करता है.
कविता की तरक्की
कठिन का अखाड़ेबाज भिन्न-भिन्न समयों पर साहित्य-संस्कृतियों के विषयों पर लिखी गई व्योमेश शुक्ल की टिप्पणियों का संग्रह है. इनमें यूं तो बिस्मिल्ला खां, किशन महाराज से लेकर बनारस की रामलीला तक कई तरह के विषय शामिल हैं, पर पुस्तक का ज्यादातर हिस्सा समकालीन आधुनिक कविता पर एकाग्र है, जिनमें निराला, शमशेर से लेकर कुंवर नारायण, अशोक वाजपेयी, असद जैदी तक शामिल हैं.
त्योहारों में महंगाई बम
सत्तर रुपए किलो प्याज और 52 रुपए किलो आलू खरीदकर लौट रहे गाजियाबाद निवासी अजय कुमार इसी गुणा गणित में लगे हैं कि त्योहारों के बीचोबीच फल, सब्जियों की महंगाई कहीं बजट न बिगाड़ दे.
कृषि क्रांति
मोदी सरकार की ओर से कृषि सुधार के लिए लाए गए उपायों को आखिर किस तरह से कारगर बनाया जाए