परिवर्तन के पथप्रदर्शक
India Today Hindi|August 17, 2022
एमिटी यूनिवर्सिटी हमारी शिक्षा व्यवस्था में नए आयामों को खोजने में अग्रणी रही है, चाहे वह एनईपी 2020 लागू करने का मामला हो या सरकारी विभागों के साथ मिलकर छात्रों के लिए नए पाठ्यक्रम पेश करना
शैली आनंद, अजय सुकुमारन, अमरनाथ के. मेनन
परिवर्तन के पथप्रदर्शक

नं. 1 एमिटी यूनिवर्सिटी, नोएडा

त्तर प्रदेश के नोएडा में हरियाली से लकदक 1,200 एकड़ के कैंपस में पसरी एमिटी यूनिवर्सिटी की स्थापना 2005 में की गई थी. यह आरक्षण और मेरिट आधारित स्कॉलरशिप लागू करने वाली भारत की पहली यूनिवर्सिटी थी. नेशनल एक्रीडिटेशन ऐंड असेसमेंट काउंसिल (एनएएसी) से मान्यता प्राप्त यह यूनिवर्सिटी बहु-विषयक शिक्षा और प्रशिक्षण, उद्योग की तैयारी, उद्यमशीलता और करियर की प्रगति पर ध्यान देने के साथ अंडरग्रेजुएट, पोस्टग्रेजुएट और डॉक्टरेट प्रोग्राम की पेशकश करती है.

यह यूनिवर्सिटी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 को लागू करने में भी अग्रणी रही है, जिसके तहत शोध के साथ चार वर्षीय अंडरग्रेजुएट की डिग्री शुरू की गई है ताकि छात्रों को समग्र और बहुविषयक शिक्षा का लाभ मिल सके. यह योजना उन्हें पाठ्यक्रम के हर साल के बाद बाहर निकलने के विकल्प प्रदान करती है.

एमिटी यूनिवर्सिटी पहले से ही अपने कई पहलों और कार्यक्रमों के साथ एनईपी का पालन करने की दिशा में काम कर रही है और कई अन्य कार्यक्रम अभी प्रस्तावित हैं. एमिटी यूनिवर्सिटी, नोएडा की वाइसचांसलर प्रो. बलविंदर शुक्ला कहती हैं, “हमने यूजीसी, एआइयू, यूपीएसएचईसी, एआइसीटीई और अन्य नियामक निकायों के मुताबिक एनईपी 2020 को लागू करने के लिए कई पहल की है. " इस यूनिवर्सिटी ने एकेडमिक वर्ष 2021-2022 से गतिविधियों के सुचारु संचालन के लिए नई प्रणालियों, प्रक्रियाओं, पाठ्यक्रम की से शैक्षणिक डिजाइनिंग और मूल्यांकन योजनाओं को फिर से तैयार करके और हर मुमकिन संसाधनों को जुटाकर एनईपी 2020 को लागू करने की सुविधा के लिए विस्तृत शैक्षणिक योजना बनाई है.

हाल में इसके विदेश में अध्ययन की पहल के तहत, जहां छात्रों को तीन अलगअलग देशों में जाने का मौका मिलता है, एप्लाइड साइकोलॉजी में बीए (तीन महाद्वीप), अंतरराष्ट्रीय संबंधों में बीए (तीन महाद्वीप), और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में एमए (तीन) महाद्वीप) जैसे कुछ नए पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं. अन्य नए पाठ्यक्रमों में क्लिनिकल और एप्लाइड जेनेटिक्स में डिप्लोमा, रिप्रोडक्टिव मेडिसिन की काउंसलिंग में डिप्लोमा और जेंडर स्टडीज में एमए शामिल हैं.

هذه القصة مأخوذة من طبعة August 17, 2022 من India Today Hindi.

ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.

هذه القصة مأخوذة من طبعة August 17, 2022 من India Today Hindi.

ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.

المزيد من القصص من INDIA TODAY HINDI مشاهدة الكل
शब्द हैं तो सब है
India Today Hindi

शब्द हैं तो सब है

शब्द और साहित्य की जादुई दुनिया का जश्न मनाते लेखक-राजनेता शशि थरूर अपने निबंधों की किताब के साथ हाजिर

time-read
1 min  |
September 25, 2024
अब बड़ी भूमिका के लिए बेताब
India Today Hindi

अब बड़ी भूमिका के लिए बेताब

दूरदराज की मंचीय प्रतिभाओं को निखारने का बड़ा प्लेटफॉर्म बनकर उभरा एमपीएसडी. नई सोच वाले निदेशक के साथ अब वह एक नई राह पर. लेकिन क्या वह एनएसडी जैसा मुकाम बना पाएगा?

time-read
5 mins  |
September 25, 2024
डिजिटल डकैतों पर सख्त कार्रवाई
India Today Hindi

डिजिटल डकैतों पर सख्त कार्रवाई

नया-नवेला जिला डीग तेजी से देश में ऑनलाइन ठगी का केंद्र बनता जा रहा था. राज्य सरकार और पुलिस की निरंतर कार्रवाई की वजह से राजस्थान के इस नए जिले में पिछले छह महीने के दौरान साइबर अपराध की गतिविधियों में आई काफी कमी

time-read
8 mins  |
September 25, 2024
सनसनीखेज सफलता
India Today Hindi

सनसनीखेज सफलता

पल में मजाकिया, पल में खौफनाक. हिंदी सिनेमा में हॉरर कॉमेडी फिल्मों का आया नया जमाना. चौंकने-डरने को बेताब दर्शकों के कंधों पर सवार होकर भूतों ने धूमधाम से की बॉक्स ऑफिस पर वापसी

time-read
10+ mins  |
September 25, 2024
ममता के लिए मुश्किल घड़ी
India Today Hindi

ममता के लिए मुश्किल घड़ी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी सरकार खिन्न और प्रदर्शन करते राज्य के लोगों का भरोसा के लिए अंधाधुंध कदम उठा रही है

time-read
5 mins  |
September 25, 2024
ठोकने की यह कैसी नीति
India Today Hindi

ठोकने की यह कैसी नीति

सुल्तानपुर में जेवर की दुकान में डकैती के आरोपी मंगेश यादव को मुठभेड़ में मार डालने के बाद विपक्षी दलों के निशाने पर योगी सरकार. फर्जी मुठभेड़ एक बार फिर बनी मुद्दा

time-read
7 mins  |
September 25, 2024
अग्निपरीक्षा की तेज आंच
India Today Hindi

अग्निपरीक्षा की तेज आंच

अदाणी जांच में हितों के टकराव के आरोपों में घिरीं और अपने ही स्टाफ में उभरते विद्रोह से सेबी की मुखिया से ढेरों जवाब और खुलासों की दरकार

time-read
8 mins  |
September 25, 2024
अराजकता के गर्त में वापसी
India Today Hindi

अराजकता के गर्त में वापसी

केंद्र और राज्य के निकम्मेपन से मणिपुर में नए सिरे से उठीं लपटें, अबकी बार नफरत की दरारें और गहरी तथा चौड़ी लगने लगीं, अमन बहाली की संभावनाएं असंभव-सी दिखने लगीं

time-read
7 mins  |
September 25, 2024
अब आई मगरमच्छों की बारी
India Today Hindi

अब आई मगरमच्छों की बारी

राजस्थान में 29 जुलाई, 2024 की दोपहर विधानसभा में राजस्थान लोकसेवा आयोग (आरपीएससी) परीक्षा में पेपर लीक को लेकर सियासत गरमाई हुई थी. प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने पेपर लीक के मामलों को लेकर भजनलाल शर्मा सरकार पर यह आरोप जड़ दिया कि अभी तक सरकार ने छोटी-छोटी मछलियां पकड़ी हैं, मगरमच्छ तो अभी भी खुले घूम रहे हैं. इस हमले का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा, \"आप बेफिक्र रहिए जल्द ही हम उन मगरमच्छों को भी पकड़ेंगे जो बाहर घूम रहे हैं.\"

time-read
3 mins  |
September 25, 2024
नहरें: थीं तो बेशक ये पानी के ही लिए
India Today Hindi

नहरें: थीं तो बेशक ये पानी के ही लिए

सीवान शहर के पास जुड़कन गांव के कृष्ण कुमार अपने गांव में खुदी पतली-सी नहर की पुलिया पर बैठे मिले. ऐन नहर के किनारे उनका पंपसेट लगा था, जिससे वे अपने खेत की सिंचाई कर रहे थे. वे नहर के बारे में पूछते ही उखड़ गए और कहने लगे, \"50 साल पहले नहर की खुदाई हुई थी. हमारे बाप-दादा ने भी इसके लिए अपनी जमीन दी. हमारा दस कट्ठा जमीन इसमें गया. जमीन का पैसा मिल गया था. मगर इस नहर में एक बूंद पानी नहीं आया. सब जीरो हो गया, जीरो पानी आता तो क्या हमको पंपसेट में डीजल फूंकना पड़ता.\"

time-read
5 mins  |
September 25, 2024