यकीनन, सुकेश चंद्रशेखर देखने में ऐसा कतई नहीं कि कोई उस पर दोबारा नजर डाले. सामान्य कद-काठी, 5 फुट 9 इंच की औसत लंबाई का 33 साल का वह किसी सामान्य शख्स की तरह ही दिखता है. बेंगलूरू में स्कूल के दोस्त उसके काले रंग की वजह से करिया (काले का कन्नड़ शब्द) पुकारा करते थे. उसके पहनावे में भी कुछ खास भड़कीला नहीं है, अमूमन वह डेनिम जींस और टी-शर्ट में होता है. उसके बाएं हाथ की चार उंगलियां गायब हैं. कोई नहीं जानता कि ये किसी हादसे में गईं या किसी ने काट डालीं. लेकिन वे अमूमन आपको दिखेंगी नहीं क्योंकि वह हमेशा हाथ पैंट की जेब में डाले रहता है.
आपकी नजर उसके दाएं हाथ पर जरूर ठहरेगी क्योंकि वह दुनिया की कुछ सबसे महंगी घड़ियां पहनता है, या कारें चलाता है. उसके पास रॉल्स रॉयस, माजेराटी, लैंबोर्गिनी, फरारी और पोर्श जैसी महंगी से महंगी आयातित कारें हैं. आखिरी गिनती में उसके पास 18 करोड़ रुपए की 85 घड़ियां और 35 करोड़ रुपए कीमत की 54 कारें थीं. हालांकि इस अदने-से शख्स को खास यह बात बनाती है कि उसने ये महंगी लकदक चीजें देश के इतिहास में सबसे शातिराना किस्म की ठगी से हासिल की हैं.
मोटा अनुमान है कि उसने पिछले 15 साल में करीब एक हजार लोगों को कम से कम 500 करोड़ रु. का चूना लगाया. यह आंकड़ा उसके खिलाफ छह राज्यों - आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली के पुलिस थानों में दर्ज 30 से अधिक मामलों की रकम का मोटा-मोटा जोड़ है. उसने अपनी सबसे बड़ी लूट जून, 2020 से मई, 2021 में दिल्ली के रोहिणी जेल में बैठकर की. उसने एक उद्योगपति की पत्नी के 200 करोड़ रु. साफ कर दिए. उसकी चोरी का तरीका बेहद ठोका - बजाया है. वह फोन पर आला सरकारी अफसर बनकर किसी काम के लिए पैसे मांगा करता था. कैदी उद्योगपति की पत्नी से उसने केंद्रीय कानून सचिव बनकर बात की और कोविड महामारी का लाभ उठाकर कहा कि अगर वे पार्टी फंड में योगदान कर सकें तो उनके पति को जमानत मिल सकती है.
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